Rheumatoid Arthritis: रुमेटॉयड अर्थराइटिस बहुत ही दर्दनाक बीमारी है जो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से होती है. इसमें जोड़ों में बेपनाह दर्द होता है. लेकिन इस दर्द को घरेलू इलाज से ही खत्म किया जा सकता है.
Control High Uric Acid: यूरिक एसिड शरीर में प्यूरिन नाम के प्रोटीन के टूटने से बनता है. आमतौर पर यूरिक एसिड किडनी में फिल्टर होते हुए पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल आता है, लेकिन कभी-कभी प्यूरिन की ज्यादा मात्रा खून में जमा होने लगती है. जब खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाए, तो क्रिस्टल छोटे-छोटे टुकड़े में टूटकर हड्डियों के जोड़ों के बीच में जमा होने लगता है. 30 से 60 साल की उम्र में शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने का ज्यादा खतरा रहता है और इसके बाद अर्थराइटिस की बीमारी परेशानी करने लगती है. इसमें जोड़ों में सूजन बनती है और बेपनाह दर्द होने लगता है. इतना ही नहीं, खून में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से शरीर के कई हिस्सों में सूजन बढ़ जाती है. एम्स की एक रिसर्च में यह साबित किया गया है कि धनिया की पत्तियों का सेवन शरीर में सूजन को कम करने में बहुत कारगर है.
ये भी पढ़ें– Pregnancy Tips: प्रेगनेंसी में चाय पीना सही है या गलत?
जब यूरिक एसिड अनियंत्रित होने लगे, तो हार्ट अटैक, किडनी फेल्योर और मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर जैसी घातक स्थिति का सामना भी करना पड़ सकता है. इसलिए यूरिक एसिड को काबू में रखना बेहद जरूरी है.
क्या हुआ रिसर्च में
एचटीकी खबर के मुताबिक अखिल भारतीय आय़ुर्विज्ञान संस्थान में फर्माकोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक रिसर्च किया गया. रिसर्च में इस बात की पड़ताल की गई कि गठिया के इलाज में आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा में जो धनिया के पत्ते का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है वह सही है या नहीं. धनिया के पत्ते को लेकर साइंटिफिक ढंग से रिसर्च की गई. एम्स में फर्माकोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ वाई के गुप्ता ने बताया कि अध्ययन में पाया गया गया कि धनिया जोड़ों में सूजन को बहुत तेजी से कम करता है. इतना ही नहीं, धनिया के पत्ते शरीर में उस बायोकेमिकल को बनने से रोक देता है जिसके कारण जोड़ों में सूजन होती है. यानी यूरिक एसिड बढ़ाने के लिए जिम्मेदार बायोकेमिकल को बनने से रोकता है.
ये भी पढ़ें– कितना होना चाहिए नॉर्मल ब्लड शुगर? कब समझें कि हो गया डायबिटीज का हमला
क्या होता है रूमेटॉयड अर्थराइटिस
रूमेटॉयड अर्थराइटिस एक क्रोनिक डिजीज है जो यूरिक एसिड के बढ़ने के बाद जोड़ों में क्रिस्टल की तरह बनने लगता है जिससे जोड़ों में सूजन होती है. धीरे-धीरे यह अन्य अंगों में पहुंचने लगता है. यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है जिसमें बॉडी का इम्यून सिस्टम गलती से हेल्दी टिशू का टार्गेट करने लगता है. ज्यादा उम्र के लोगों में यह बीमारी ज्यादा होती है लेकिन कभी-कभी कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बनाने लगता है. इस बीमारी के कारण सुबह में हड्डियां अकड़ने लगती है और एक घंटे तक जोड़ों में दर्द करता रहता है. इससे झुनझुनी, अकड़न, सुन्नपन, गर्मी आदि महसूस होता है.