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नोएडा एक्सटेंशन में बवाल : आवारा कुत्तों से सावधान… सोसायटी हो या सड़क… खतरे में जान!

सोमवार रात को एस एस्पयार (ACE ASPIRE) सोसायटी में आवारा कुत्तों ने एक शख्स को लहुलुहान कर दिया. पीड़ित पवन जयसवाल का कहना है कि वह रात में दस बजे के करीब सोसायटी परिसर में वॉक कर रहे थे,  तभी तीन आवारा कुत्तों ने आक्रमक तौर पर उनपर हमला कर दिया और काट लिया.

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Stray Dogs Problem in Noida Extension Societies: नोएडा एक्सटेंशन की विभिन्न सोसायटियों में आवारा कुत्तों (Stray Dogs) की समस्याएं बढ़ रही हैं जिस कारण निवासियों में डर का माहौल है. आये दिन किसी न किसी सोसायटी में आवारा कुत्तों के झपटने और काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. एस एस्पायर (ACE ASPIRE), अरिहंत आर्डेन (Arihant Arden), पंचशील ग्रीन्स (Panchsheel Greens), एसकेए ग्रीनआर्क और सुपरटेक इको विलेज-2 ( Supertech Eco village 2) आदि सोसायटी में आवारा कुत्तों की समस्याएं निवासियों को डरा रही हैं और अथॉरिटी पर चुप्पी साधने का आरोप लग रहा है.

सोमवार रात को एस एस्पयार (ACE ASPIRE) सोसायटी में आवारा कुत्तों ने एक शख्स को लहुलुहान कर दिया. पीड़ित पवन जयसवाल का कहना है कि वह रात में दस बजे के करीब सोसायटी परिसर में वॉक कर रहे थे,  तभी तीन आवारा कुत्तों ने आक्रमक तौर पर उनपर हमला कर दिया और काट लिया. जिसके बाद वह फौरन अस्पताल गये. जिस वक्त यह घटना घटी सोसायटी में निवासी चहल-कदमी कर रहे थे, न ही अंधेरा था और न ही बेसमेंट का एरिया, अचानक से तीन आवारा कुत्ते आये और झपट पड़े. सोशल मीडिया पर मामले के वायरल होने के बाद पुलिस आई पर मुझसे कोई पूछताछ नहीं हुई और न ही एओए ने मुझसे संपर्क किया.

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फिडिंग कराने वालों को लेनी चाहिए आवारा कुत्तों की जिम्मेदारी

एस एस्पायर निवासी नरेंद्र सिंह का कहना है कि जो डॉग लवर्स सोसायटी परिसर में आवारा कुत्तों को फिडिंग कराते हैं, उनको ही उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठानी चाहिए. ये लोग न ही गार्ड्स को आवारा कुत्तों को भगाने देते हैं और न ही उनकी जिम्मेदारी लेते हैं. आवारा कुत्ते निवासियों को काट रहे हैं और एओए कहती है कि वो कुछ नहीं कर सकती है. एक अन्य निवासी अश्वनी कुमार का कहना है कि सोसायटी परिसर में आवारा कुत्तों को फिडिंग कराने वाले पर कार्रवाई होनी चाहिए. फिडिंग प्वॉइंट बाहर बनने चाहिए. अथॉरिटी को आवारा कुत्तों की इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए.

एसकेए ग्रीनआर्क निवासी पंकज द्विवेदी का कहना है कि आवारा कुत्ते सोसायटी में फ्लोर पर सामान फैला देते हैं. सुबह उठते ही हर तरफ गंदगी मची रहती है. हमारी सोसायटी में फिडिंग प्वाइंट बाहर हैं, जिस कारण अभी झपटने की घटनाएं कम ही सामने आ रही हैं, पर सोसायटी से बाहर निकलते ही आवारा कुत्तों के झपटने का डर सताता रहता है, क्योंकि वहां झुंड बनाकर आवारा कुत्ते खड़े रहते हैं.

आवारा कुत्तों के लिए कॉमन शेल्टर प्वाइंट्स क्यों नहीं बनाती अथॉरिटी

पंचशील ग्रीन्स (Panchsheel Greens) के एओए (AOA) अध्यक्ष विकास वरिष्ठ कहते हैं कि अथॉरिटी चार-पांच सोसायटियों के लिए बाहर कॉमन शेल्टर प्वाइंट्स क्यों नहीं बनाती है. अगर ऐसा होता है तो सोसायटी परिसर से आवारा कुत्ते बाहर निकल सकते हैं. जहां कुत्ता प्रेमी आवारा कुत्तों को खाना भी खिला सकते हैं और उनकी देखभाल भी कर सकते हैं. सोसायटी में आवारा कुत्तों की समस्या इतनी ज्यादा है कि बच्चे, बुढ़े और महिलाएं डर के साये में जी रहे हैं. छोटे बच्चों के लिए तो ये आवारा कुत्ते खतरा ही बने हुए हैं. कुत्तों का कानून इतना पेचीदा है कि आप कुछ नहीं कर सकते हैं. सबसे बड़ी समस्या है कि हर टावर के डॉग लवर्स आवारा कुत्तों को टावर के नीचे बुला-बुलाकर खाना खिलाने लगते हैं. मना करने पर मानते नहीं हैं. अथॉरिटी भी इस मामले में कुछ नहीं करती है. एओए ने 25 आवारा कुत्तों की नसबंदी कराई ताकि उनकी संख्या न बढ़े.

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एस एस्पायर निवासी निंदर कौर का कहना है कि ऐसी व्यवस्था में आवारा कुत्तों से हमारे बच्चों की सुरक्षा कौन करेगा? एओए कुछ करती नहीं और अथॉरिटी मामलों का संज्ञान नहीं लेती  है.

अथॉरिटी सुनती नहीं….

अरिहंत आर्डेन (Arihant Arden) सोसायटी के एओए अध्यक्ष लोकेश त्यागी का कहना है कि अथॉरिटी सुनती नहीं है. सरकार को सोसायटी परिसरों में आवारा कुत्तों की बढ़ती दहशत पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए.  अगर अथॉरिटी शिकायतों को नहीं सुनती है तो उस पर भी कार्रवाई करनी चाहिए. सुपरटेक इको विलेज-2 निवासी अनुपम मिश्रा का कहना है आवारा कुत्तों की समस्या से बच्चे डर के साये में जी रहे हैं. आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है और न ही बिल्डर की तरफ से सपोर्ट मिल रहा और न ही अथॉरिटी इस पर संज्ञान ले रही है.

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घर से बाहर निकलने में लगने लगा है डर

एस एस्पायर निवासी तेजेंद्र सिंह बल का कहना है कि स्थिति ऐसी है कि अब घर से बाहर निकलने में डर लगता है. कब आवारा कुत्ते किस पर झपट जाए और काट ले कोई नहीं जानता है. सोसायटी में एओए के प्रति निवासियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. न ही कोई एमओएम जारी किये जाते और न ही बिल्डर के साथ क्या बात हो रही है इसकी जानकारी सोसायटी निवासियों को दी जाती है. प्रशासन को मामले में फौरन हस्तक्षेप करना चाहिए. मेरे खुद के बेटे के पीछे कुछ वक्त तीन-तीन आवारा कुत्ते पड़े थे, उसने बड़ी मुश्किल से जान बचाई. निराला एस्पायर निवासी धर्मेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी आवारा कुत्तों से डर हुए हैं.

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सुपरटेक इको विलेज-2 निवासी प्रेरणा त्यागी का कहना है कि हमारी सोसायटी चारों तरफ से खुली हुई है. जिस कारण आवारा कुत्ते अंदर आ जाते हैं. बिल्डर से कितनी बार सोसायटी में बाउंड्री कराने के लिए कहा गया है, लेकिन कोई सहयोग नहीं मिल रहा. तीन साल पहले आवारा कुत्तों ने मेरे खुद के बेटे को काट लिया था. दिन प्रतिदिन आवारा कुत्तों के काटने और झपटने की घटनाएं सोसायटी में बढ़ रही हैं.

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