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कौन-सी FD कराएं? ज्‍यादा ब्याज या टैक्स बचाने वाली, एक से करना होगा समझौता, गुणा-गणित देखते ही दूर हो जाएगी कन्‍फ्यूजन

FD vs Income Tax : एफडी में निवेश करते समय अक्‍सर ये सवाल सामने आता होगा कि टैक्‍स बचाने वाली 5 साल की एफडी में पैसे लगाएं या फिर कम अवधि वाली एफडी में निवेश करके ज्‍यादा ब्‍याज कमाएं. इस बारे में टैक्‍स जानकार और सीए से बात करने पर पूरी तस्‍वीर सामने आ गई. आपको कौन-सी एफडी ज्‍यादा मुनाफा दे सकती है और टैक्‍स बचाने के और भी कौन-से कारगर उपाय हैं. अब आसानी से फैसले ले सकेंगे.

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Income Tax Fixed Deposit : इनकम टैक्‍स रिटर्न भरने की डेट अनाउंस होने के बाद से ही करदाता टैक्‍स बचाने की माथापच्‍ची में जुट गए हैं. कोई शेयर बाजार के रिटर्न का गुणा-भाग कर रहा है तो कोई एफडी (Fixed Deposit) पर टैक्‍स बचाने के जोड़-घटाव में लगा है. सीए भी टैक्‍स बचाने के लिए 31 मार्च से पहले निवेश करने की सलाह देता है. ऐसे हालात में ज्‍यादातर निवेशक टैक्‍स बचाने के लिए 5 साल वाली एफडी में पैसे लगा देते हैं. जल्‍दबाजी में वह भूल जाते हैं कि कम अवधि वाली एफडी ज्‍यादा ब्‍याज देती है. अगर आप भी सिर्फ टैक्‍स बचाने के लिए एफडी खरीदने जा रहे तो इस खबर को पढि़ए और कंफ्यूजन दूर होने के बाद ही फैसला कीजिए.

इनकम टैक्‍स के जानकार और सीए प्रशांत जैन कहते हैं कि वित्‍तवर्ष 2022-23 खत्‍म होने में अब सिर्फ एक महीना बचा है. ज्‍यादातर टैक्‍सपेयर्स को उनके सीए ने अभी तक बता भी दिया होगा कि उन पर कितनी टैक्‍स देनदारी बन रही है. साथ ही इसे बचाने के नुस्‍खे भी सुझा दिए होंगे. यह जानकर कि आकयर की धारा 80सी में सालाना 1.50 लाख रुपये के निवेश पर टैक्‍स छूट मिलती है. ज्‍यादातर निवेश अपने ऊपर आई टैक्‍स देनदारी को टालने के लिए एफडी में पैसे लगा देते हैं. यहां एक बात जानना जरूरी है कि टैक्‍स बचाने वाली एफडी सामान्‍य एफडी से पूरी तरह अलग होती है. लिहाजा निवेशकों को अपना नफा-नुकसान देखकर ही पैसे लगाने चाहिए.

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ब्‍याज में बड़ा अंतर
ज्‍यादातर बैंक 1, 2, 3, 5 और 10 साल की एफडी निकालते हैं. 80सी के तहत इनकम टैक्‍स की छूट सिर्फ 5 साल या उससे ज्‍यादा की एफडी कराने पर ही मिलता है. अमूमन बैंक टैक्‍स बचाने वाली इस एफडी की ब्‍याज दरें 5 साल से कम अवधि वाली एफडी की तुलना में कम रखते हैं. SBI की एफडी दरों को देखें तो यह बैंक 1 साल की एफडी पर 6.80 फीसदी और 2 साल पर 7 फीसदी का ब्‍याज दे रहा है. 400 दिन की स्‍पेशल एफडी कराने पर बैंक 7.10 फीसदी रिटर्न दे रहा. वहीं 5 साल या उससे ज्‍यादा की टैक्‍स सेविंग एफडी पर एसबीआई (SBI) 6.5 फीसदी ब्‍याज ही दे रहा है.

किस पर मिलेगा कितना रिटर्न
SBI की ही टैक्‍स सेविंग और 2 साल वाली एफडी की तुलना करें तो ब्‍याज में 0.50 फीसदी अंतर आ रहा है. आपने 80सी के तहत टैक्‍स बचाने के लिए 1.50 लाख का निवेश 5 साल से ज्‍यादा की एफडी में कर दिया तो एक साल में कुल 9,750 रुपये ब्‍याज के मिलेंगे. यही पैसा 2 साल वाली एफडी में लगाने पर एक साल में 10,500 रुपये ब्‍याज हाथ में आएंगे. यानी 750 रुपये ज्‍यादा आएंगे.

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क्‍या है टैक्‍स सेविंग का फंडा
एफडी में 80सी के तहत निवेश पर 1.50 लाख की टैक्‍स छूट तभी मिलती है जब आप 5 साल या उससे ज्‍यादा वाली खरीदें. साथ ही इस पर मिला सालाना 40 हजार रुपये तक का ब्‍याज भी टैक्‍स के दायरे से बाहर रहता है. लेकिन, 5 साल से कम अवधि वाली एफडी से मिले ब्‍याज को आपकी आमदनी माना जाता है और उस पर स्‍लैब के हिसाब से टैक्‍स लगता है. इसके अलावा 5 साल से कम समय वाली एफडी में निवेश पर 80सी वाली 1.5 लाख की छूट भी नहीं मिलती. वैसे तो टैक्‍स सेविंग एफडी में सालाना 40 हजार रुपये तक के ब्‍याज पर टैक्‍स नहीं लगेगा, लेकिन अगर आपका रिटर्न इससे ज्‍यादा है तो ब्‍याज पर 10 फीसदी टीडीएस (TDS) देना होगा. जो करदाता अपना पैन नहीं जमा करेंगे, उन्‍हें तो 20 फीसदी टीडीएस भरना पड़ेगा.

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सिर्फ टैक्‍स बचाने के लिए एफडी में पैसे क्‍यों लगाएं
अगर एक निवेशक के तौर पर आपको 80सी में पैसे लगाकर ही अपनी टैक्‍स बचत करनी है तो एफडी के अलावा भी विकल्‍प देखे जा सकते हैं. इस सेक्‍शन में शामिल इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम (ELSS) म्‍यूचुअल फंड भी आपको सालाना 1.5 लाख तक निवेश पर टैक्‍स छूट दिलाता है. साथ ही इस पर मिलने वाला रिटर्न भी टैक्‍स फ्री होता है. एफडी में जहां टैक्‍स बचत के लिए 5 साल का लॉक इन रखना जरूरी है, वहीं ELSS में सिर्फ 3 साल के लिए पैसे लगाकर भी आपको टैक्‍स छूट मिल जाएगी. ब्‍याज देखें तो IDFC Tax Advantage (ELSS) Fund ने 3 साल में 20.8 फीसदी का छप्‍परफाड़ रिटर्न दिया है. इतना ही नहीं इसका औसत रिटर्न भी 10 से 12 फीसदी का रहता है. वहीं, 3 साल की बैंक एफडी औसतन 6 से 7 फीसदी का रिटर्न देती है.

इसके अलावा एफडी पर जहां सालाना 40 हजार रुपये का रिटर्न ही टैक्‍स के दायरे से बाहर होता है, वहीं ELSS 1 लाख रुपये तक के रिटर्न पर टैक्‍स छूट दिलाता है.

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अगर 80सी में पूरा है निवेश तो…
किसी निवेशक को अगर खालिस तौर पर टैक्‍स बचाने लिए निवेश करना है और उसका 80सी वाला कोटा खाली है तो एफडी के अलावा सुकन्‍या, पीपीएफ और ईएलएसएस म्‍यूचुअल फंड की ओर जा सकते हैं. वरिष्‍ठ नागरिक पोस्‍ट ऑफिस की कुछ योजनाओं में एफडी से ज्‍यादा रिटर्न पा सकते हैं. यहां पैसा भी एफडी जितना ही सुरक्षित रहेगा. इस मामले में रिटर्न भले ही थोड़ा कम मिले, लेकिन 5 साल वाली एफडी भी काम आ सकती है. लेकिन, अगर आपका 80सी में निवेश पूरा है तो एफडी में पैसे लगाने से बेहतर अन्‍य विकल्‍प होंगे. आप सुकन्‍या में खाता खुलवाएं या पीपीएफ खाता खोलें, इस पर मिलने वाला ब्‍याज पूरी तरह टैक्‍स फ्री होता है.

अगर एफडी ही खरीदना है तो…
किसी निवेशक को बिना टैक्‍स की चिंता किए सिर्फ एफडी ही खरीदनी है तो उसे 1, 2 या 3 साल वाली एफडी में पैसा लगाना चाहिए. इससे फायदा ये होगा कि एक तो आपका पैसा लंबे समय तक फंसेगा नहीं और ऊपर से आप कम अवधि में मेच्‍योर होने वाली एफडी को दोबारा निवेश करके और ज्‍यादा ब्‍याज कमा सकते हैं. 5 साल वाली एफडी आपको मेच्‍योरिटी तक जितना ब्‍याज देगी, उससे कहीं ज्‍यादा पैसा आप 2 और 1 साल वाली एफडी से कमा लेंगे.

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समझिए ब्‍याज का गणित
मान लीजिए आप 1.5 लाख रुपये 5 साल वाली एफडी में लगाते हैं तो आपको हर साल 9,750 रुपये साधारण ब्‍याज मिलेगा. वहीं, 2 साल वाली इतने रुपये की ही एफडी हर साल 10,500 रुपये ब्‍याज देगी. अब 5 साल वाली एफडी पर मेच्‍योरिटी तक आपका रिटर्न होगा 48,750 रुपये. अब 2 साल वाली एफडी से जाएं तो इसकी मेच्‍योरिटी तक आपका कुल रिटर्न 21 हजार रुपये होगा, लेकिन आपके पास फिर से इस पूरे पैसे (1.71 लाख रुपये) को 2 साल के लिए नए सिरे से एफडी कराने का मौका रहेगा. अगर हम समान ब्‍याज (7 फीसदी) को लेकर आगे बढ़ें तो अगले दो साल में आपको फिर 23,940 रुपये ब्‍याज के रूप में मिलेंगे. इस पूरे पैसे (1,94,940) रुपये को आप एक साल की एफडी में लगा दीजिए जिस पर 6.8 फीसदी का ब्‍याज मिल रहा है. अब एक साल में आपको 13,256 रुपये का ब्‍याज मिलेगा. यानी छोटी अवधि वाली एफडी में कई बार निवेश कर आपने 1.5 लाख रुपये पर ही 5 साल में 58,196 रुपये का ब्‍याज कमा लिया. इस रणनीति से कुल 9,446 रुपये ज्‍यादा रिटर्न कमाया.

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सीए प्रशांत जैन का कहना है कि आपको टैक्‍स ही बचाना है तो 80सी के अन्‍य कारगर विकल्‍पों को देख सकते हैं. एफडी में खासतौर से बुजुर्गों को पैसा लगाना चाहिए, जिन्‍हें ज्‍यादा टैक्‍स छूट मिलती है और उनके पास जोखिम उठाने का चांस नहीं होता. आपको एफडी से पैसे बनाने हैं तो छोटी अवधि वाली एफडी में लगातार निवेश करना चाहिए.

-यहां एक बात समझना जरूरी है कि 5 साल वाली एफडी पर आपको मेच्‍योरिटी पर मिला पूरा ब्‍याज इनकम टैक्‍स के दायरे से बाहर है.
-इससे कम अवधि वाली एफडी के सालाना रिटर्न पर आपको अपने स्‍लैब के हिसाबे से टैक्‍स चुकाना पड़ेगा.
-मसलन, आप 20 फीसदी स्‍लैब में आते हैं तो 2 साल वाली एफडी पर 1.50 लाख के निवेश पर सालाना मिले 10,500 रुपये के ब्‍याज पर 20 फीसदी टैक्‍स लगेगा. आपको हर साल 2,100 रुपये टैक्‍स भरने पड़ेंगे.

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