नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सिलिकॉन वैली बैंक के फेल होने पर अमेरिकी प्रशासन द्वारा निवेशकों की जमा को लेकर दिए गए आश्वासन पर, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इससे स्टार्टअप कंपनियों को राहत मिलेगी।
बता दें, बाइडन प्रशासन ने सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद घोषणा की थी कि सोमवार से जमाकर्ताओं को बैंक में उनकी जमा पर पूरा एक्सेस होगा। बैंक के फेल के होने के बाद फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) ने सभी जमा को अपने नियंत्रण में ले लिया था।
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स्टार्टअप्स अपना फंड करेंगे ट्रांसफर
सिलिकॉन वैली बैंक ज्यादा स्टार्टअप कंपनियों को ही सर्विस देता था। इस कारण भारत की कई स्टार्टअप कंपनियों का फंड सिलिकॉन वैली बैंक में फंसा हुआ है। स्टार्टअप्स की कोशिश की जैसे ही उन्हें बैंक जमा अपने पैसे का नियंत्रण मिले, वे उसे कहीं और ट्रांसफर करें। इसके लिए बैंक भी स्टार्टअप कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
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कैसे फेल हुआ सिलिकॉन वैली बैंक?
सिलिकॉन वैली बैंक का काम दुनिया की स्टार्टअप कंपनियों को सर्विसेज देना था। ऐसे स्टार्टअप जिनको फंडिंग मिलती थी, वो कम ब्याज दर होने और लिक्विडिटी की आसान शर्तें होने के कारण इस बैंक में अपना फंड जमा कराते थे, जो कि बैंक की ओर से डेट सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता था।
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जैसे ही अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड ने ब्याज दरों को बढ़ाना शुरु किया जमाकर्ताओं ने बेहतर रिटर्न कमाने के लिए बैंक से पैसा निकालना शुरू कर दिया। इस कारण बैंक को अपने उत्तरदायित्व को पूरा करने के लिए अपनी डेट सिक्योरिटीज को नुकसान में बेचना पड़ा। बैंक ने बताया कि इस वजह से उसे करीब दो अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
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बता दें, सिलिकॉन वैली बैंक का नाम अमेरिका के टॉप 20 बैंक में लिया जाता था। इसमें जमाकर्ताओं का 175 अरब के करीब जमा है और इस बैंक की संपत्ति करीब 209 अरब डॉलर है।