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हिमाचल प्रदेश

Global warming: मनाली-लेह मार्ग पर 30 से घटकर 15 फीट रह गईं बर्फ की दीवारें, पर्यावरणविदों की बढ़ी चिंता

अटल टनल का शुभारंभ अक्तूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। लेकिन, 2021 और 2022 के दौरान अटल टनल होकर करीब 22 लाख वाहन आर-पार हुए हैं। इसमें करीब 17 लाख पर्यटक वाहन हैं। 

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सामरिक महत्व के मनाली-लेह मार्ग पर ग्लोबल वार्मिंग का असर पड़ना शुरू हो गया है। पिछले तीन साल में मनाली-लेह मार्ग पर हुई कम बर्फबारी से पर्यावरण विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है। इसका मुख्य कारण टनल होकर लाहौल घाटी में सालभर पहुंच रहे लाखों वाहन और पर्यटकों को माना जा रहा है। जलवायु परिवर्तन से ही सामरिक मार्ग पर अपेक्षा से बहुत कम बर्फबारी हो रही है। लाहौल घाटी की फसलों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।

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अटल टनल का शुभारंभ अक्तूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। लेकिन, 2021 और 2022 के दौरान अटल टनल होकर करीब 22 लाख वाहन आर-पार हुए हैं। इसमें करीब 17 लाख पर्यटक वाहन हैं। वहीं, मनाली-लेह मार्ग पर भी सालाना लाखों वाहन आर-पार हो रहे हैं। इससे घाटी का वायु प्रदूषण बढ़ने से जलवायु में बदलाव आया है। वर्ष 2020 से पूर्व मनाली-लेह मार्ग पर 25 से 30 फीट बर्फ की ऊंची दीवारें होती थीं, अब 10 से 15 फीट ही बर्फ पड़ रही है।

यही कारण है कि मनाली-लेह मार्ग से बर्फ को हटाना भी आसान हो गया है। जनजातीय युवा मंच के अध्यक्ष सुदर्शन जस्पा ने कहा कि लाहौल के सिस्सू, नॉर्थ पोर्टल व कोकसर में लाखों गाड़ियां और सैलानी आ रहे हैं। कहा कि 2020 से पहले लाहौल होकर सालभर 8,000 से 10,000 वाहन दौड़ते थे। अब एक दिन भी 19,000 वाहन घाटी में पहुंच रहे हैं। इससे वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन में वृद्धि हो रही है। बर्फ से लकदक रहने वाली लाहौल घाटी में पिछले तीन साल में नाममात्र बर्फ पड़ रही है।

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उधर, जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने कहा कि लाहौल घाटी में क्षमता से अधिक पर्यटक वाहनों और सैलानियों के आने से बर्फबारी पर फर्क पड़ रहा है। कहा कि इस हालत में अगर बर्फ पड़ भी रही है तो वह जमीन पर नहीं टिक पाती। इसे नियंत्रित करने की जरूरत है। तभी जलवायु परिवर्तन को स्थिर रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसका असर मनाली-लेह मार्ग व लाहौल घाटी के ग्लेशियरों पर भी पड़ेगा।

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2022 में रिकॉर्ड 12.73 लाख वाहनों की हुई आवाजाही
अटल टनल बनने के बाद लाहौल घाटी में लाखों गाड़ियों और पर्यटकों के आने से जलवायु पर भारी दबाव पड़ गया है। 2022 में टनल से रिकॉर्ड 12,73,988 वाहन आर-पार हुए। इनमें 6,22,988 वाहन नॉर्थ पोर्टल तक पहुंचे और 6,50,711 वाहन साउथ पोर्टल तक वापस आए। वर्ष 2021 में 7,99,941 वाहन ही अटल टनल से गुजरे थे। 26 दिसंबर 2022 को एक दिन में टनल से 19,383 वाहनों ने प्रवेश किया। टनल का लोकार्पण होने के बाद यह किसी भी दिन सबसे अधिक वाहनों की संख्या थी।

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