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Mandi News: नई शराब नीति में सरकार ने किया बदलाव, अब बिना MRP के बिकेगी बीयर और मदिरा; नहीं होगा कोई विवाद

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Mandi News नई शराब नीति के तहत सरकार ने एमआरपी पर बदलाव किया गया है। ढेरों शिकायतों के बाद सरकार ने एमआरपी खत्म करने का निर्णय लिया है। इससे शराब के ठेकों पर सेल्जमैन और ग्राहकों के बीच विवाद भी नहीं होगा। सेल्जमैन भी शराब ठेकेदारों को चूना नहीं लगा पाएंगे। बीयरदेसी व अंग्रेजी शराब के दाम अब ठेकेदार तय करेंगे।

जागरण संवाददाता, मंडी। पहली अप्रैल से शुरु होने वाले नए वित्त वर्ष में शराब और बीयर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के बिना बिकेगी। बोतल पर अब एमआरपी नहीं बल्कि न्यूनतम विक्रय मूल्य (एमएसपी) अंकित होगा। शराब और बीयर एमएसपी से अधिक दाम पर मिलेगी।

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नई शराब नीति में प्रदेश सरकार ने एमआरपी में बदलाव किया है। ढेरों शिकायतों के बाद सरकार ने एमआरपी खत्म करने का निर्णय लिया है। इससे शराब के ठेकों पर सेल्जमैन और ग्राहकों के बीच विवाद भी नहीं होगा। सेल्जमैन भी शराब ठेकेदारों को चूना नहीं लगा पाएंगे। बीयर, देसी व अंग्रेजी शराब के दाम अब ठेकेदार तय करेंगे। ठेकेदार एमएसपी से नीचे शराब व बीयर नहीं बेच पाएंगे।

अंग्रेजी शराब का कोटा सिस्टम समाप्त

सरकार ने नई पालिसी में अब अंग्रेजी शराब का कोटा सिस्टम भी समाप्त कर दिया है। पहले ठेकेदार का न्यूनतम व अधिकतम कोटा तय था। न्यूनतम से कम कोटा लेने पर जुर्माना लगता था। तय से अधिक कोटा लेने के लिए आवेदन करना होता था।

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अब ठेकेदार अंग्रेजी शराब का जितना मर्जी कोटा ले सकते हैं। इसके लिए अनुमति नहीं लेनी होगी। साथ में तय से कम कोटा उठाने पर पेनल्टी भी नहीं लगेगी। देसी शराब का कोटा अब यूनिट स्तर पर तय किया गया है। पहले एक एक ठेके का अलग अलग कोटा तय था। एक ठेके पर देसी शराब कम बिकने पर ठेकेदार अपने दूसरे ठेके पर स्टाक बेच सकेंगे।

ग्राहकों को देना होगा प्राकृतिक खेती सेस

ग्राहकों को अब अंग्रेजी और देसी शराब पर प्राकृतिक खेती सेस देना होगा। यह सेस पहली बार लगाया गया है। देसी की बोतल पर दो और अंग्रेजी शराब की बोतल पर पांच रुपये प्राकृतिक खेती सेस तय किया गया है। बीयर को इससे बाहर रखा गया है। सरकार ने देसी,अंग्रेजी और बीयर का न्यूनतम विक्रय मूल्य भी तय कर दिए हैं।

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