Avalanche in Lahaul Spiti HP: लाहौल घाटी के यांगला गांव के समीप ब्रेन नाला में मंगलवार सुबह करीब 10:56 बजे पहाड़ी से बड़ी मात्रा में हिमस्खलन हुआ। इससे पांच मिनट तक बर्फ का बवंडर हवा में रहा।
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हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के यांगला गांव के समीप ब्रेन नाला में मंगलवार सुबह करीब 10:56 बजे पहाड़ी से बड़ी मात्रा में हिमस्खलन हुआ। इससे पांच मिनट तक बर्फ का बवंडर हवा में उड़ता रहा। हालांकि हिमस्खलन से किसी तरह के जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। यांगला गांव के मिंटू ने गोंधला से ब्रेन नाला की पहाड़ी से हिमस्खलन और उससे उठते बवंडर को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया। वहीं, लाहौल-स्पीति प्रशासन ने चंद्राघाटी जाने वाले पर्यटकों को आगाह किया है कि बर्फ देखने के लिए पहाड़ाें का रुख न करें।
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लाहौल हिमस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील
उन्होंने कहा कि अभी पहाड़ बर्फ से ढके हैं। खराब मौसम और तेज धूप से पहाड़ियों से हिमस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। मिंटू ने बताया कि वे गोंधला में थे। अचानक पहाड़ से जोर की आवाज आई, देखा तो ब्रेन नाला की पहाड़ी से बड़ी मात्रा में हिमस्खलन हो रहा था। बता दें लाहौल-स्पीति हिमस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील है। 5 फरवरी को ही लाहौल उपमंडल के सीमा क्षेत्र छीका के पास हिमस्खलन की चपेट में आने से तीन मजदूरों की दबकर मौत हो गई थी।
छोटे वाहनों के लिए खुला हाईवे 305
इस साल सर्दी में कम बर्फबारी के बाद भी जलोड़ी दर्रा आम लोगों के साथ सैलानियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। वहीं, एनएच को भी हाईवे-305 को बहाल करना चुनौती बना है। अप्रैल शुरू होने को है, फिर भी घाटी के लोग बर्फबारी से परेशान हैं। सोमवार को दोपहर बाद जलोड़ी दर्रा चार दिन बाद छोटे वाहनों के लिए बहाल हुआ। 24 मार्च की शाम को हुई बर्फबारी के बाद से दर्रा बंद हो गया है। जबकि बसें 20 मार्च से बंद हैं। सोमवार को कुल्लू से गई निगम की बस सोझा तक ही जा सकी। जबकि आनी से खनाग तक बस आई। करीब नौ किलोमीटर तक लोगों को परेशान होकर टैक्सी में सफर करना पड़ रहा है।
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मौसम साफ रहा तो आज आनी से बस दर्रा तक पहुंच सकती है, जिससे कुल्लू आने व जाने वाले लोगों को राहत मिलेगी। बस सेवा के बंद रहने से लोग अभी पांच से आठ किलोमीटर तक पैदल सफर करने को मजबूर हैं। इस बार जलोड़ी दर्रा जनवरी से लेकर आज तक करीब ढाई माह तक बसों के लिए बंद रहा है। बहरहाल, छोटे वाहनों के खुलने के लोगों की सुविधा मिली है। जिभी व सोझा में ठहरे सैलानी भी बर्फ देखने के लिए बड़ानाला व जलोड़ी दर्रा तक पहुंचे और मस्ती की।