इस बार श्रद्धालुओं में चार धाम यात्रा के लिए और ज्यादा उत्साह है और कहा जा रहा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा आएगा. मई में बाबा केदार के दर्शन के लिए अभी से 3.40 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण कर चुके हैं.
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Chardham Yatra 2023: चार दिन बाद यानी 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा की शुरुआत हो रही है. 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे और उसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम एवं 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. चारधाम यात्रा के लिए अभी तक 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. केदारनाथ धाम के लिए 5.41 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. गौरतलब है कि साल 2020 और 2021 में वैश्विक कोरोना महामारी के कारण चारधाम यात्रा बाधित रही थी.
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पिछले साल 46 लाख श्रद्धालुओं ने किए थे चार धाम यात्रा में दर्शन
इसके बाद साल 2022 में कोरोना के दो साल बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चार धामों के दर्शन किये थे. इस बार श्रद्धालुओं में चार धाम यात्रा के लिए और ज्यादा उत्साह है और कहा जा रहा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा आएगा. मई में बाबा केदार के दर्शन के लिए अभी से 3.40 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण कर चुके हैं. यह पहली बार है जब बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी श्रद्धालु चारधाम यात्रा नहीं कर पाएगा. चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ न जुटे और लंबी-लंबी कतारें न लगें इसके लिए टोकन व्यवस्था की गई है.
गंगोत्री धाम के लिए 1.77 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं. वहीं, यमुनोत्री के लिए 1.52 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं. उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा के पहले और दूसरे पड़ाव यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में दर्शनों के लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट स्लॉट व्यवस्था लागू करने जा रहा है ताकि तीर्थ यात्रियों को लंबे समय तक लाइन में न लगना पड़े.
पैदल जाने वाले साधु-संतों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण शुरू
चारधाम यात्रा में पैदल जाने वाले साधु संतों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था शुरू हो गई है. साधु-संत हरिद्वार और ऋषिकेश मेंऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन आने वाले तीर्थयात्री भी ऑफलाइन काउंटर पर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. गौरतलब है कि कई साधु-संत चार धाम यात्रा में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए पैदल यात्रा करते हैं.