पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व भारती विश्वविद्यालय को शांतिनिकेतन में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के घर पर बुलडोजर चलाने की चुनौती दी है. ममता ने कहा है कि अगर अधिकारियों ने सेन के घर को गिराया तो वह वहां जाकर धरने पर बैठ जाएंगी.
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ममता बनर्जी ने बीते बुधवार को कहा, “मैं भी दुस्साहस देख रही हूं. वे अमर्त्य सेन के घर पर बुलडोजर चला देंगे. अगर वे अमर्त्य सेन के घर पर बुलडोजर चलाते हैं तो मैं वहां धरने पर बैठूंगी. मैं उसका इंतजार करूंगी. मुझे देखने दीजिए कि उन्होंने अमर्त्य सेन के घर पर बुलडोज़र चला दिया है. अगर वे ऐसा करते हैं तो मैं वहां जाकर बैठने वाली पहली व्यक्ति होऊंगी.”
यूनिवर्सिटी ने अमर्त्य सेन को भेजा नोटिस
हाल ही में विश्व भारती ने अर्थशास्त्री से छह मई तक शांतिनिकेतन में कथित तौर पर अमर्त्य सेन द्वारा कब्जा की गई 13 डेसीमल जमीन को खाली करने के लिए कहा है. वहीं यूनिवर्सिटी द्वारा दिए गए नोटिस को लेकर 120 से ज्यादा हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओपन लेटर लिखा है. इसमें विश्व भारती ने अमर्त्य सेन के बेदखली नोटिस की निंदा की. पत्र में यूनिवर्सिटी पर इस मुद्दे पर अमर्त्य सेन को परेशान करने और अपमानित करने का आरोप लगाया है.
पीएम को ओपन लेटर में क्या लिखा था?
इन हस्तियों ने पत्र में लिखा है, “विश्व भारती जैसे सम्मानित विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह का व्यवहार अप्रत्याशित और भयावह है. हम एक सम्मानित अर्थशास्त्री के खिलाफ इस उत्पीड़न, अपमान और दुराचार की निंदा करते हैं. सेन को पट्टे की जमीन विरासत में मिली और अब विश्वविद्यालय अर्थशास्त्री को उनके पैतृक घर से बेदखल करने के लिए तैयार है, जो पूरी दुनिया के सामने सभी बंगालियों, भारतीयों के लिए अपमान है.”
छह जून तक यथास्थिति रखने का था आदेश
इससे पहले बोलपुर के कार्यकारी मजिस्ट्रेट की अदालत ने कुछ दिनों पहले पुलिस को नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के पैतृक घर की भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था. दरअसल उन्होंने कोर्ट में आशंका जताई थी कि उन्हें विश्वभारती की भूमि से उनकी अनुपस्थिति में बेदखल किया जा सकता है. कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि इस जमीन पर छह जून तक यथास्थिति बनी रहेगी.