All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

क्या गोद लिए बच्चे को मिल सकती है फैमिली पेंशन? जानें क्या हैं नियम, हर महीने किसे मिलेगा पैसा

what are the rules of family pension : फैमिली पेंशन को लेकर क्या नियम हैं, बच्चों को कब तक मिलती है फैमिली पेंशन, पति की मृत्यु के बाद पत्नि का या गोद लिए बच्चे क्या हक होता है.

नई दिल्ली. नौकरी से रिटायरमेंट के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट कई कर्मचारियों को पेंशन देती है. कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिवार के उन लोगों को फैमिली पेंशन दी जाती है जो उस पर आश्रित हों. फैमिली पेंशन किस आधार पर दी जाती है इसके बारे में डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर बताता है. अगर किसी सरकारी कर्मचारी की सेवा में रहते मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी पेंशन की हकदार होती है. इतना ही नहीं, बच्चे भी फैमिली पेंशन के हकदार होते हैं.

ये भी पढ़ेंOnline SBI Account Transfer: SBI खाते को एक ब्रांच से दूसरी ब्रांच में ऑनलाइन कैसे करें ट्रांसफर, जानिए- स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस

लेकिन अगर बच्चा गोद लिया हुआ हो तब? या पत्नी ने पति की मृत्यु के बाद किसी से शादी कर कर ली हो तब? और अगर विधवा ने पति के भाई से शादी कर ली तब? क्या उन्हें फैमिली पेंशन का लाभ मिल सकता है. आज हम यहां इन सभी सवालों के जवाब जानेंगे. साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर एक फैसला भी सुनाया था.

फैमिली पेंशन के नियम
सेन्ट्रल सिविल सर्विसेज रूल्स के तहत अगर किसी सरकारी कर्मचारी की मौत होती है तो उसके परिवार को पेंशन मिलता है. परिवार के दायरे में पति या पत्नी, बच्चे, माता-पिता व दिव्यांग भाई-बहन आते हैं. मृत कर्मचारी की विधवा या विधुर को तब तक फैमिली पेंशन मिलेगी जब तक उनकी मौत नहीं हो जाती या फिर जब तक वे दोबारा शादी न कर लें. अगर संतानहीन विधवा दूसरी शादी कर ले तब भी उसका फैमिली पेंशन जारी रहेगी.

ये भी पढ़ेंMankind Pharma IPO की लिस्टिंग के दो दिनों बाद इनकम टैक्स का पड़ा छापा, दिल्ली ऑफिस में तलाशी

क्या गोद लिए बच्चे को मिलेगा फैमिली पेंशन का लाभ
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी की पत्नी के गोद लिए बच्चों को फैमिली पेंशन नहीं मिल सकती. कोर्ट ने कहा कि सेन्ट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स के तहत ऐसे बच्चे फैमिली पेंशन के हकदार नहीं हैं. कोर्ट के अनुसार, फैमिली पेंशन की व्यवस्था इसलिए है कि मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रितों संकट से निपटने में मदद मिल सके और उन्हें कुछ राहत मिल सके. इसलिए, ‘परिवार’ की परिभाषा की जद में उन्हें नहीं शामिल किया जा सकता तो जो सरकारी कर्मचारी की मौत के वक्त उसके आश्रित तक नहीं थे.

विधवा ने कर ली शादी तब
मृतक के पति या पत्नी को फैमिली पेंशन आजीवन दी जाती है. मृतक की पत्नी की अगर कोई संतान नहीं है और उसके पास कमाई का कोई साधन नहीं है, तो दूसरी शादी करने पर भी उसे पेंशन दी जाती है. लेकिन अगर मृतक की पत्नी अगर अनुकम्पा की नौकरी लेती है तो वह फैमिली पेंशन की हकदार नहीं होगी.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top