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Rupees 2000 Currency Note: क्या आपके पास है 2000 का नोट, बैंक लेने से कर रहा मना, इन 2 तरीकों से मिलेगा समाधान

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Rupees 2000 Currency Note: RBI ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला किया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों से कहा है कि वह सितंबर तक अपने पास रखे 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा कर दें.

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को ऐलान किया कि 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया जा रहा है. इसे वापस बैंकों में जमा करने व बदलने के लिए इस साल सितंबर तक का समय दिया गया है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि यह नोट अमान्य हो गया है. यह अब भी लीगल टेंडर बना रहेगा. लेकिन यह बात सितंबर के बाद के लिए पुख्ता तौर पर नहीं कही जा सकती है. इसलिए समझदारी यही है कि इन नोटों को वापस बैंक में जमा करा दिया जाए.

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कई लोगों के मन में सवाल होगा कि अगर बैंक ने ही 2000 रुपये के नोट लेने से मना कर दिया फिर क्या करेंगे. अव्वल तो ऐसा होने की संभावना बेहद कम है. क्योंकि यह आरबीआई का आदेश है जिसका पालन हर बैंक को करना होगा. मान लीजिए अगर ऐसा हो भी जाता है तब भी आपके पास 2 तरीके हैं जिनसे आप अपनी शिकायत आगे बढ़ा सकते हैं.

क्या हैं वह तरीके?
ऐसी स्थिति में शिकायकर्ता/पीड़ित ग्राहक को पहले अपने संबंधित बैंक में शिकायत दर्ज करानी चाहिए. ग्राहक द्वारा शिकायत दर्ज कराने के 30 दिन के भीतर बैंक को आपका जवाब देना होगा. अगर बैंक ऐसा करने में असफल होता है तो आप RBI के पास अपनी गुहार लेकर जा सकते हैं. आप आरबीआई के इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम (RB-IOS) के तहत इसके पोर्टल (cms.rbi.org.in) पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

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क्यों बंद किया जा रहा यह नोट?
साल 2016 में पहली बार 2000 रुपये के मूल्य वर्ग के नोटों की छपाई हुई थी. ऐसा उस समय विमुद्रीकरण या डीमॉनेटाइजेशन के कारण बाजार पैसे की अनुपलब्धता को पूरा करने के लिए किया गया था. 2018-19 तक 2000 रुपये नोट छापे गए थे. लेकिन इनका सर्कुलेशन काफी कम रहा और अब 500 रुपये के नोट काफी मात्रा में मार्केट में आ गए हैं. अब क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई ने 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का फैसला किया है. फिलहाल जितने नोट सर्कुलेशन में हैं उसका केवल 10.8 फीसदी हिस्सा ही 2000 रुपये के नोट के रूप में है. वहीं, 31 मार्च 2018 तक ये 37.3 फीसदी नोट सर्कुलेशन में थे.

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क्या है क्लीन नोट पॉलिसी
क्लीन नोट पॉलिसी (Clean Note Policy) के तहत भारतीय रुपये की साख बनाए रखने के लिए कटे-फटे या घिसे नोटों को सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाता है. आरबीआई का बैंकों को आदेश है कि ग्राहकों अगर ऐसे नोट वापस करने आएं तो उन्हें वापस कर लिया जाए. फिर इनकी जगह आरबीआई नए नोट जारी कर देता है.

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