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रुपये की सुनाई दे रही धनक, ग्‍लोबल ट्रेड में कैसे मजबूत हो रही इंडियन करेंसी 

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Power of Indian rupees: डॉलर के मुकाबले कमजोर हुए भारतीय रुपये की चर्चाओं के बीच एक सच्‍चाई यह भी है कि दुनिया के 18 देशों में रुपये में ट्रेड सेटलमेंट शुरू हो गया. रुपये के इंटरनेशनलाइजेशन (Internationalisation) से ग्‍लोबल ट्रेड में कैसे मजबूत होगी भारतीय करेंसी?

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Power of Indian rupees: ये चर्चा आम है कि रुपया कमजोर हुआ है अमेरिकी डॉलर के मुकाबले. लेकिन।  जरा ठहरिये… बीते 1-2 साल के दौरान की कुछ तारीखें याद करनी चाहिए, जो इस बात की तस्‍दीक करती हैं कि दुनिया के बाजार में अब रुपये (भारतीय करेंसी) की धनक सुनाई दे रही है. आने वाले सालों में उम्‍मीद कर सकते हैं कि विश्‍व व्‍यापार के पटल पर भारतीय रुपये का भी ‘सिक्‍का’ चलेगा. डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हुए भारतीय रुपये की चर्चाओं के बीच एक सच्‍चाई यह भी है कि दुनिया के 18 देशों में रुपये में ट्रेड सेटलमेंट शुरू हो गया. रुपये के इंटरनेशनलाइजेशन (Internationalisation) से ग्‍लोबल ट्रेड में कैसे मजबूत होगी भारतीय करेंसी? समझते हैं …

इंटरनेशनल रुपया: तारीखों में- कैसे बढ़ा कद

जुलाई 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए रुपये में विदेशी व्यापार करने की इजाजत दे दी. रिजर्व बैंक रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट के लिए मैकेनिज्म लेकर आया, जिसके अंतर्गत एक्सपोर्ट-इम्‍पोर्ट का सेटलमेंट रुपये में संभव हुआ. आरबीआई का कहना था कि ग्‍लोबल ट्रेड ग्रोथ में भारत से एक्‍सपोर्ट को प्रमोट करने और ग्‍लोबल कारोबारी कम्‍युनिटी का रुपये में बढ़ते इंटरेस्‍ट को सपोर्ट करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

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दिसंबर 2022 में आरबीआई के इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्‍म के अंतर्गत रूस के साथ पहला विदेशी ट्रेड सेटलमेंट रुपये में हुआ.

14 मार्च 2023 को वित्‍त राज्‍य मंत्री भागवत कराड ने संसद (राज्‍य सभा) में बताया कि केंद्रीय बैंक (RBI) घरेलू और विदेशी बैंकों में रुपये में व्यापार करने के लिए 18 देशों के 60 स्पेशल रुपये वोस्ट्रो अकाउंट (SRVA) खोलने की मंजूरी दे चुका है.

18 देशों में रुपया बोल रहा है…

भारत में SRVA  खुलवाने वालों में रूस, सिंगापुर, श्रीलंका, बोत्सवाना, फिजी, जर्मनी, गुयाना, इजराइल, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, म्यांमार, न्यूजीलैंड, ओमान, सेशेल्स, तंजानिया, युगांडा और यूनाइटेड किंगडम हैं. जिन 18 देशों ने भारत में स्पेशल रुपया वोस्ट्रो अकाउंट खुलवाएं हैं. उनमें से रूस घरेलू करेंसी में ट्रेड को लेकर काफी उत्‍साहित है. भारत हमेशा से ही रुपये में एक्‍सपोर्ट का समर्थन करता रहा है. 

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जानकार इस बात की तस्‍दीक कर रहे हैं कि रुपये में विदेशी व्यापार होने से भारत की डॉलर जैसी फॉरेन करेंसी पर निर्भरता कम होगी. इसके साथ अचानक आए ग्‍लोबल अनिश्चितता का असर भी देश की अर्थव्यवस्था पर कम होगा. इसके साथ ही भारतीय बैंकों को बड़े ग्‍लोबल मार्केट में ट्रेड करने का मौका मिलेगा.

बता दें, रुपये के ‘इंटरनेशनल’ होने से फॉरेट ट्रेड में ट्रांजैक्‍शन की लागत कम हो सकती है. अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार में लेनदेन वजहों से तय होते हैं. इनमें देशों के बीच आपस के राजनीतिक एवं आर्थिक संबंध, सामानों की उपलब्‍धता, गुणवत्‍ता, प्रतिस्‍पर्धी कीमत और एक्‍सचेंज रेट शामिल है.

एक्‍सपर्ट की जुबानी… कैसी है कहानी

IIFL सिक्‍युरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अनुज गुप्‍ता का कहना है, दुनियाभर में कई जगहों पर जियोपॉलिटिकल टेंशन है और भारत कई देशों के बीच ब्रिज (सेतु) का काम कर रहा है. ऐसे में भारतीय करेंसी (भारतीय रुपया) की दुनियाभर में तेजी से डिमांड बढ़ रही है. इसका एक असर यह भी है कि फॉरेक्‍स रिजर्व बढ़ रहा है और महंगाई भी कंट्रोल में है.

गुप्‍ता कहते हैं, भारत अब जीरो विंडफाल टैक्‍स के अंतर्गत कच्‍चे तेल का आयात कर रहा है. यह डेवलपमेंट भी भारतीय रुपये के लिए काफी पॉजिटिव है. इसके अलावा इंटरनेशनल रिलेशनशिप में भी भारत की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है, जोकि भारत के लिए काफी पॉजिटिव है. ट्रेड पार्टनर्स के बीच भारतीय रुपये की स्वीकार्यता बढ़ेगी. 

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क्‍या है ये स्‍पेशल अकाउंट

RBI ने स्पेशल रुपया वोस्ट्रो अकाउंट खोलने के लिए पिछले साल जुलाई में गाइडलाइंस जारी की. किसी भी देश को भारत के साथ रुपये में ट्रेड के लिए स्पेशल रुपया वोस्ट्रो अकाउंट खोलना जरूरी है. इसके माध्यम से घरेलू बैंक, दूसरे देश की लोकल करेंसी में ट्रेड की सुविधा मिलती है. 

RBI का नोटिफिकेशन कहता है कि रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट के लिए ऑथराइज्ड डीलर (AD) को RBI से अनुमति लेनी होगी. विदेशी मुद्रा अधिनियम कानून 1999 के तहत रुपये में इनवॉयस की व्यवस्था है. जिस देश के साथ कारोबार होगा, उसकी मुद्रा और रुपये की कीमत बाजार आधारित होगी. रुपये में भी सेटलमेंट के नियम दूसरी करेंसीज की तरह ही होंगे.

एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा. वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act- 1999) के तहत कवर होंगे. नोटिफिकेशन के मुताबिक, ट्रेड सेटलमेंट के लिए संबंधित बैंकों को पार्टनर कारोबारी देश के AD बैंक के स्‍पेशल रुपया वोस्ट्रो (VOSTRO) अकाउंट की जरूरत होगी.

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