Online Loan Apps: ऑनलाइन लोन लेना कभी-कभी आपके लिए कुचक्र बन सकता है. ऐसे बहुत से मामले देखे गए हैं, जब ग्राहकों ने जरूरत पड़ने पर डिजिटल लेंडिंग ऐप्स से उधार लिया है और फिर कर्ज और वसूली के चक्कर में ऐसे फंसे हैं कि निकलना मुश्किल हो गया है. Google ने अप्रैल महीने में पर्सनल लोन ऐप्स को लेकर गाइडलाइंस जारी की थीं, जो 31 मई, 2023 यानी आज से प्रभावी हो गई हैं. गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध ऑनलाइन लोन ऐप्स को इन गाइडलाइंस को मानना होगा. इन गाइडलाइंस के चलते अब ऐसे ऐप्स के जरिए ग्राहकों को रिस्की फाइनेंशियल प्रॉडक्ट और सर्विस से नहीं जूझना होगा. साथ ही ये ऐप यूजर की निजी जानकारियों को एक्सेस नहीं कर पाएंगे.
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गूगल की क्या है पॉलिसी
- गूगल ने कहा कि कंपनी अपनी पर्सनल लोन्स पॉलिसी को अपडेट कर रही है, जिससे पर्सनल लोन देने या ऐसी ही फाइनेंशियल सर्विस या प्रॉडक्ट देने वाले ऐप्स यूजर के कॉन्टैक्ट और फोटो को एक्सेस नहीं कर पाएंगे.
- गूगल का कहना है कि अगर आपका ऐप किसी भी तरह का फाइनेंशियल प्रॉडक्ट या सर्विस को प्रमोट करता है, प्लेटफॉर्म पर ऐसे कंटेंट हैं, तो आपका जो भी टारगेट एरिया है, उसके हिसाब से आपको स्थानीय नियमों का पालन करना होगा.
- कंपनी ने कहा है कि ये पॉलिसी उन सभी फाइनेंशियल प्रॉडक्ट और सर्विसेज़ पर लागू होती है, दो पैसों और क्रिप्टोकरेंसीज़ के मैनेजमेंट या इन्वेस्टमेंट से जुड़े हैं, या फिर पर्सनलाइज्ड सलाह देते हैं. पॉलिसी के तहत, ऐसे ऐप्स जो पर्सनल लोन देते हैं या फिर थर्ड पार्टी को लोन देने के लिए प्लेटफॉर्म अवेलेबल कराते हैं, उनको Play Console में अपनी ऐप कैटेगरी ‘Finance’ पर सेट करनी होगी. इसके अलावा, लोन रीपेमेंट, मैक्सिमम एनुअल पर्सेंटेज रेट, लोन कॉस्ट, फीस वगैरह से जुड़ी सारी जानकारी देनी होगी.
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नहीं एक्सेस कर सकते यूजर का डेटा
पर्सनल लोन ऐप या ऐसी फाइनेंशियल सर्विस देने वाले ऐप्स अब सेंसिटिव डेटा जैसे यूजर की फोटो और कॉन्टैक्ट्स वगैरह एक्सेस नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा कुछ ऐसे परमिशन भी हैं, जो अब ये ऐप्स नहीं मांग सकते, जैसे-
- Read_external_storage
- Read_media_images
- Read_contacts
- Access_fine_location
- Read_phone_numbers
- Read_media_videos
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रखना होगा इन तीन बातों का ध्यान
- भारत में प्लेस्टोर पर अवेलेबल ऐप्स को कुछ खास बातों को ध्यान रखना होगा. इन ऐप्स को पर्सनल लोन ऐप डेक्लेरेशन को पूरा करना होगा, जो भी उनका डेक्लेरेशन है, उसके लिए उनको डॉक्यूमेंट्स प्रूफ देने होंगे.
- अगर उन्हें रिजर्व बैंक से लाइसेंस मिला हुआ है, तो इसकी एक कॉपी देनी होगी. अगर ऐप सीधे लोन नहीं देते, बल्कि थर्ड पार्टी से दिलवाते हैं तो उन्हें अपने डेक्लेरेशन में साफ-साफ ये कहना होगा.
- साथ ही जिन भी बैंकों या NBFCs के साथ वो काम कर रहे हैं, उनका नाम ऐप के डिस्क्रिप्शन में डिस्क्लोज किया जाना चाहिए.