All for Joomla All for Webmasters
समाचार

क्या रूस भारत को निर्यात किए गए हथियारों के पुर्जों को ‘वापस खरीद’ रहा है, क्यों उठा ये सवाल

Ukraine War: दावा किया जा रहा है कि रूस उन्‍हीं देशों से ये हथियार वापस मांगेगा जिनके साथ उसके लंबे समय से सैन्य संबंध हैं. रूस हथियारों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है.

Russia Ukraine War: रूस यूक्रेन युद्ध शुरू हुए एक साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है. रूस को इस युद्ध में वैसी सफलता नहीं मिल सकी है जिसकी उसे उम्मीद है. उल्टा उसे इतना नुकसान पहुंचा है कि भारत और म्यांमार से अपने हथियारों को वापस लेने पर विचार कर रहा है. निक्‍केइ एशिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया.

ये भी पढ़ेंRBI MPC Meeting June 2023: RBI की समिति ने बैंकों को ग्राहकों के हित में कदम उठाने का दिया सुझाव

रिपोर्ट के मुताबिक रूस उन्‍हीं देशों से ये हथियार वापस मांगेगा जिनके साथ उसके लंबे समय से सैन्य संबंध हैं. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू होने के बाद से अमेरिका, यूरोपीय देशों और जापान ने रूस को संभावित सैन्य उपयोग वाले सामानों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.

भारत रूस रिश्तों पर पड़ सकता है गहरा असर
भारत और रूस के बीच मजबूत सैन्य और राणनीतिक रिश्ते रहे हैं. रिपोर्ट में किया गया यह दावा अगर सच होता है तो भारत के साथ रूस के रिश्ते पर इसका गहर असर पड़ सकता है.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के मुताबिक, रूस हथियारों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, भारत इसका सबसे बड़ा ग्राहक है. पिछले एक दशक में रूस के विदेशी हथियारों के शिपमेंट का 35% हिस्सा भारत को निर्यात किया गया है.

ये भी पढ़ें– नर्स ने 45 करोड़ की लॉटरी जीती, इस एक आदत ने बना दिया विनर

अमेरिकी रिसर्च कंपनी इम्पोर्टजेनियस, भारत के एक्जिम ट्रेड को मिले आंकड़ों के बाद रूस के टैंकों और मिसाइलों जैसे आयातित हथियारों के रिकॉर्ड की जांच की गई. इसके मुताबिक यूरालवैगनजावॉड (UralVagonZavod), जो रूसी सेना के लिए टैंक बनाने वाली कंपनी है उसने नौ दिसंबर, 2022 को 24 मिलियन डॉलर के साथ म्यांमार सेना से सैन्य उत्पादों का आयात किया.

रूस की कंपनी ने भारत से खरीदें कुछ पार्ट्स
रिपोर्ट के मुताबिक रूस की एनपीके केबीएम, मशीन-बिल्डिंग डिजाइन ब्यूरो ने भी भारत से कुछ पार्ट्स खरीदे. यह कंपनी मिसाइल के उत्‍पादन से जुड़ी है. इसने  भारतीय रक्षा मंत्रालय से जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए अगस्‍त और नवंबर 2022 में नाइट-विजनके लिए कुल छह पुर्जें 150,000 डॉलर में खरीदे.

ये सभी पुर्जे, यह सुनिश्चित करते हैं कि मिसाइलें रात में और कम रोशनी में भी निशाना बना सके. ये पुर्जे KBM द्वारा निर्मित किए गए थे. कंपनी ने फरवरी 2013 में भारत को इसी तरह के प्रकार के पुर्जों का निर्यात किया था. रिपोर्ट के मुताबिक न तो केबीएम और न ही भारतीय मंत्रालय ने टिप्पणी का कोई जवाब दिया. रिपोर्ट के मुताबिक रूस के लिए टैंक बनाने वाली कंपनी  UralVagonZavod, ने, 9 दिसंबर, 2022 को $24 मिलियन में म्यांमार सेना से सैन्य उत्पादों का आयात किया. इन उत्पादों को UralVagonZavod द्वारा बनाए जाने के रूप में पंजीकृत किया गया था.

ये भी पढ़ें– World Food Safety Day:खराब खाने से हर रोज काल के गाल में समाते हैं 340 बच्चे, 16 लाख लोग पड़ते हैं बीमार

जी-7 नेताओं की अन्य देशों से अपील
जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन में सात नेताओं के समूह ने पिछले महीने अन्य देशों से रूस के लिए सैन्य समर्थन समाप्त करने के लिए कहा था. टोक्यो के हितोत्सुबाशी विश्वविद्यालय में हथियार नियंत्रण का अध्ययन करने वाले प्रोफेसर नोबुमासा अकियामा ने कहा, ‘लेकिन उन देशों से सहयोग हासिल करना मुश्किल है, जो रूसी निर्मित हथियारों पर भरोसा करते हैं.‘

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top