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राजनीति

‘BJP और JJP ने आपसी चर्चा और सहमित से गठबंधन किया, किसी ने किसी पर एहसान नहीं किया’

क्या हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन खतरे में है? क्या दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़ेंगी? अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का ताजा बयान पूरी कहानी बयां कर रहा है.

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हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी (JJP) गठबंधन की सरकार चल रही है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से दोनों पार्टियों की इस सरकार पर खतरा मंडराने की बातें भी चल रही हैं. दरअसल जेजेपी विधायक राम करण काला ने गुरुवार 8 जून को किसानों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध किया और उन्होंने हरियाणा शुगरफेड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. गठबंधन नें खटपट की अटकलों के बीच हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला का बयान भी अटकलों को हवा दे रहा है.

दुष्यंत चौटाला ने कहा, ‘भाजपा और जेजेपी का गंठबंधन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर पर रात 10.30 बजे हुआ था. मुझे लगता है दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे से चर्चा करके, सहमति से गठबंधन किया था. मुझे नहीं लगता किसी ने किसी पर एहसान किया. प्रदेश कैसे समृद्ध होकर प्रगति के पथ पर चले, इस विजन के साथ दोनों पार्टियों ने प्रदेश में सरकार चलाई.’

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पत्रकारों के एक अन्य प्रश्न के जवाब में दुष्यंत ने कहा, ’10 की दस सीटों पर संगठन का काम शुरू हो चुका है. जुलाई के पहले हफ्ते में प्रदेश की अगल-अलग लोकसभा क्षेत्रों में डॉ. अजय सिंह चौटाला में लोकसभा वाइज हम जलसे करेंगे, उसकी तैयारी शुरू हो चुकी है.’

गठबंधन में खटपट की खबरों के बीच हरियाणा के चार निर्दलीय विधायकों ने गुरुवार को दिल्ली में भाजपा प्रभारी बिप्लव देब से मुलाकात की. इसके बाद कल यानी गुरुवार 8 जून को बिप्लव देव और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के मुद्दे पर मुलाकात की. माना यह भी जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच मौजूदा सियासी हालात पर भी चर्चा हुई.

मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए

गौरतलब है कि दोनों पक्षों के नेताओं की बयानबाजी के बाद राज्य में सत्तारूढ़ मौजूदा गठबंधन में मतभेद उभरे हैं. क्या जेजेपी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी, इस प्रश्न के जवाब में दुष्यंत चौटाला ने कहा, यह दोनों दलों के नेता मिलकर तय करेंगे. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दोनों पार्टियों को मिलकर साथ चलना चाहिए.

जींद में बुधवार 7 जून को भाजपा नेता और केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री संजीव बालियान के बयान ने गठबंधन में खटपट की खबरों को हवा दी. उन्होंने कहा, ‘मुझे यह तो पता है कि राज्य में जेजेपी ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए समर्थन दिया था, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम है कि अगले चुनाव में गठबंधन होगा या नहीं. जेजेपी को साथ लेकर चुनाव लड़ना है या नहीं, यह पार्टी संगठन तय करेगा.’

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क्या है राज्य में पार्टी समीकरण

साल 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में उस समय सत्तारूढ़ बीजेपी 90 सदस्यों के सदन में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी, लेकिन बहुमत का आंकड़ा नहीं छुआ और सिर्फ 40 सीटों पर ही सिमट गई. विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. साल 2022 में आदमपुर विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद भाजपा के विधायकों की संख्या एक बढ़कर 41 हो गई. विधानसभा में कांग्रेस के 30 विधायक हैं, जबकि सात निर्दलीय विधायकों में से भी 6 ने भाजपा को समर्थन दिया है. इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के भी राज्य में 1-1 विधायक हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी का भी राज्य सरकार को समर्थन हासिल है.

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