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Mughal-E-Azam: 1960 में बनाई डेढ़ करोड़ रुपए की फिल्म, डायरेक्टर ने नहीं ली फीस, किराए के घर में बिताई जिंदगी

K. Asif Birth Anniversary: दिलीप कुमार और मधुबाला स्टारर मुगल-ए-आजम भारत की सबसे महंगी फिल्मों में से एक रही है. फिल्म को के. आसिफ ने डायरेक्ट किया था. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है. वह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बहुत पॉपुलर थे लेकिन बहुत ही सिंपल और सादगी भरा जीवन जीते थे.

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मुंबई. K. Asif Birth Anniversary: भारत को ‘मुगल-ए-आजम’ जैसी कल्ट फिल्म देने वाले के. आसिफ की आज बर्थ एनिवर्सरी है. आज ही के दिन 1922 में उनका जन्म ब्रिटिश इंडिया के उत्तर प्रदेश के इटावा में हुआ था. के. आसिफ को आज भी यहां के लोग भूल नहीं है. आसिफ का जन्म कटरना पुर्दल खान में हुआ. उनका पूरा नाम कमरुद्दीन आसिफ था लेकिन सिनेमा बॉलीवुड में एंट्री करने के बाद वह नाम के. आसिफ हो गए. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में 4 फिल्मों को डायरेक्शन और 3 फिल्मों को प्रोड्यूस किया. रख साल 1960 में आई फिल्म मुगले ए आजम आई, तब उन्हें पूरे देश में पहचान मिली.

के. आसिफ (K. Asif) की बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक और अनजान बातें बताने जा रहे हैं. के. आसिफ ने बेहतरीन डायरेक्टर और प्रोड्यूसर होने के साथ-साथ एक स्क्रिप्ट राइटर भी थे. वह भले ही प्रसिद्ध हो गए थे, लेकिन उनका लाइफ स्टाइल बहुत ही सिंपल और सहज था. वह अपना ज्यादातर वक्त किराए के घर में बिताते थे. टैक्सी से सफर करते थे और दोस्तों से सिगरेट मांगकर पीते थे.

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के. आसिफ वह बेहद ईमानदार और अपने काम के प्रति समर्पित थे. कहा जाता है कि आसिफ द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ उस समय (1960) में 1.5 करोड़ रुपये के बजट के साथ बनाई गई थी, लेकिन के. आसिफ ने इस फिल्म के लिए एक पैसा नहीं लिया. फिल्म के प्रोड्यूसर रहे शापुरजी पालनजी ने इसका खुलासा किया.

‘मुगल-ए-आजम’ के सेट पर 20-20 घंटे बिताते थे के. आसिफ

के. आसिफ फिल्म के प्रति इतने समर्पित थे कि सेट पर 20-20 घंटे बिताने के बाद भी स्पेशल ट्रीटमेंट की मांग नहीं करते थे. फिल्म में लगे टाइम को लेकर इसके कलाकारों ने अपने कॉन्ट्रैक्ट को लेकर कई बार की थी, लेकिन के. आसिफ ने ऐसा नहीं किया.

भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर है ‘मुगल-ए-आजम’

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‘मुगल-ए-आजम’ हिंदी सिनेमा में मील के पत्थर के रूप में पहचानी गई. के. आसिफ के निर्देशन में बनी फिल्म ने रिलीज के बाद पुरस्कारों की झड़ी लगा दी और लाखों लोगों का दिल जीत लिया. और यह ऐतिहासिक फिल्म आज भी दुनिया भर में खूब पसंद की जाती है. के. आसिफ की पहली फिल्म ‘फूल’ साल 1945 में आई थी और इसने बॉक्स-ऑफिस पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. पृथ्वीराज कपूर, दुर्गा खोटे और सुरैया ने उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म में अभिनय किया था.

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