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Adani Group AGM 2023: गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को बताया गलत, कहा- बदनाम करने के लिए लगाए थे आरोप

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Adani Enterprises AGM 2023: गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को गलत बताया है. अडानी ने कहा है कि बदनाम करने के लिए आरोप लगाए गए थे.

Adani Enterprises AGM 2023: अरबपति कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) ने मंगलवार को एक बार फिर कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट गलत है और ग्रुप को बदनाम करने के लिए आरोप लगाए गए थे.

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उन्होंने अपने ग्रुप की कंपनियों की आम सभा (AGM) में कहा कि इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट उस समय प्रकाशित की, जब ग्रुप भारत के इतिहास में सबसे बड़े FPO की योजना बना रहा था.

उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट गलत सूचना और बेबुनियाद आरोपों को मिलाकर तैयार की गई थी, जिनमें से ज्यादातर आरोप 2004 से 2015 तक के थे.’

अडानी ने कहा कि उन सभी आरोपों का निपटारा उस समय उपयुक्त अधिकारियों ने कर दिया था. यह रिपोर्ट जानबूझकर और दुर्भावना के साथ तैयार की गई थी, जिसका मकसद हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और हमारे शेयरों की कीमतों में शॉर्ट टर्म गिरावट से मुनाफा कमाना था.’

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इस रिपोर्ट के बाद भी ग्रुप के एफपीओ (Adani Group FPO)  को पूरा सब्सक्रिप्शन मिल गया था, लेकिन इन्वेस्टर्स के हितों की रक्षा के लिए उनका धन वापस करने का फैसला किया गया.

उन्होंने कहा, ‘हमने तुरंत इसका एक व्यापक खंडन जारी किया, लेकिन निहित स्वार्थों के चलते कुछ लोगों ने शॉर्ट-सेलर के दावों से फायदा उठाने की कोशिश की. इन्होंने विभिन्न समाचारों और सोशल मीडिया मंचों पर झूठी कहानियों को बढ़ावा दिया.’

अडानी ग्रुप पर क्या लगाए थे आरोप?

हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अपनी इन्वेस्टमेंट रिसर्च रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों के भाव चढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाने के आरोप लगाए थे. उसके आरोपों के मूल में यह था कि अडानी ग्रुप के अधिकारियों या परिवार के सदस्यों का उन फर्मों पर किसी तरह का नियंत्रण है जो ग्रुप की कंपनियों का स्वामित्व रखती हैं.

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मसलन, मॉरीशस में गठित ओपल इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की अडानी पावर (Adani Power) में 4.69 प्रतिशत हिस्सेदारी है. आरोप है कि ओपल इन्वेस्टमेंट का गठन ट्रस्टलिंक इंटरनेशनल लिमिटेड ने किया था जिसके ताल्लुक अडानी परिवार से रहे हैं. हालांकि, अडानी ग्रुप ने 27 जनवरी को कहा था कि ओपल की तरफ से खरीदे जाने वाले शेयरों पर उसका कोई नियंत्रण नहीं होता है.

इस मामले में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने लगातार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा था. कांग्रेस ने अडानी ग्रुप के त्वरित विस्तार में नरेंद्र मोदी सरकार के सक्रिय समर्थन का हाथ होने के आरोप लगाए थे. हालांकि, सरकार एवं भाजपा दोनों ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था.

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