नई दिल्ली : गुरुवार की गिरावट के बाद आज हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन बुल्स दौड़ने को तैयार थे। इसी कारण शुक्रवार दोपहर सेंसेक्स करीब 500 और निफ्टी 145 अंक की बढ़त के साथ ट्रेड करता दिखा। आज सिप्ला लिमिटेड के शेयरों में 4.39% की प्रभावशाली तेजी देखी गई। साथ ही स्टॉक ने बीएसई पर 1238.55 रुपये प्रति शेयर के नए 52-सप्ताह के उच्च स्तर को छुआ है। इसके अलावा शेयर की वॉल्यूमम में 1.25 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।
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सिप्ला में 33% हिस्सेदारी चाहता है ब्लैकस्टोन
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में आज बताया गया है कि ब्लैकस्टोन ने सिप्ला में 33% से अधिक की हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अगले सप्ताह एक गैर-बाध्यकारी बोली जमा करने की योजना बनाई है। सिल्पा राजस्व के हिसाब से भारत की तीसरी सबसे बड़ी जेनेरिक कंपनी है। वास्तव में यदि ब्लैकस्टोन की सिप्ला में 33% से अधिक प्रमोटर हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की बोली सफल होती है तो यह कंपनी से हमीद परिवार के लिए अंतिम निकास प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत को चिह्नित करेगा।
हमीद परिवार 1935 में की थी कंपनी की स्थापना
हमीद परिवार 1935 में कंपनी की स्थापना से सिप्ला के साथ जुड़ा हुआ है और यह संभावित लेनदेन कंपनी के स्वामित्व ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे सकता है।
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कंपनी के साथ उनकी लंबे समय से चली आ रही भागीदारी से परिवार के अंततः बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भारत की सबसे पुरानी दवा कंपनी सिप्ला में हिस्सेदारी हासिल करने के ब्लैकस्टोन के फैसले पर निराशा व्यक्त की है।
जयराम रमेश ने कही यह बात
रमेश ने एक्स पर लिखा, ‘यह जानकर दुख हुआ कि दुनिया का सबसे बड़ा निजी इक्विटी फंड ब्लैकस्टोन भारत की सबसे पुरानी दवा कंपनी सिप्ला में पूरी 33.47 फीसदी प्रमोटर हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बातचीत कर रहा है।’ उन्होंने कहा कि सिप्ला की स्थापना 1935 में ख्वाजा अब्दुल हमीद द्वारा की गई थी, जो महात्मा गांधी, नेहरू, सरदार पटेल और मौलाना आजाद से बहुत प्रभावित थे।
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कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उन्होंने सीएसआईआर के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’ रमेश ने आगे सिप्ला को ‘भारतीय राष्ट्रवाद का एक चमकता हुआ उदाहरण’ और भारत के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक इतिहास का एक अभिन्न अंग बताया।