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राजस्थान

जयपुर न्यूज: अब 26 नहीं 53 बांधों से बुझेगी चुनावी प्यास,ईसरदा से भरा जाएगा रामगढ़ बांध

जयपुर न्यूज: अब ईसरदा से रामगढ़ बांध भरा जाएगा.रामगढ़ बांध 1903 में बना था. इसकी क्षमता 2.65 टीएमसी है. 2005 तक जयपुर को पेयजल सप्लाई होती रही है.

जयपुर-अब बीसलपुर नहीं,बल्कि ईसरदा से रामगढ़ बांध में पानी आएगा.रामगढ़ बांध में पानी लाने के लिए सरकार 1250 करोड़ खर्च करेगी.जल संसाधन विभाग ने2027 तक भरने का प्लान बनाया है.लेकिन 10 साल से ईसरदा बांध का ही निर्माण पूरा नहीं हुआ.

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18 साल से रामगढ़ प्यासा

चुनावी प्यास बुझाने के लिए सरकार ताबड़तोड़ घोषणाएं कर रही है. 13 जिलों की प्यास बुझाने वाले ईस्टन राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट से वोटों की चुनावी प्यास बुझेगी.अब ईस्टर्न कैनाल का दायरा बढ़ गया है.करीब 18 साल से प्यास जयपुर का रामगढ़ बांध अब ईसरदा बांध से भरा जाएगा. ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध की दूरी करीब 130 किलोमीटर है.अब जल संसाधन विभाग डीपीआर बनाने में जुट गया है. रामगढ़ बांध भरने के बाद जयपुर के आंधी, जमवारामगढ़,आमेर, गोविंदगढ़, शाहपुरा, विराटनगर कोटपूतली के साथ ही अलवर के थानागाजी,बानसूर को फायदा होगा. ईआरसीपी की डीपीआर में पहने 26 बांध जोड़े गए थे लेकिन शेष रहे दौसा,अलवर,सवाई माधोपुर,भरतपुर के 53 और बांधों को जोड़कर भरा जाएगा.लेकिन रामगढ़ बांध को भरने वाला ईसरदा बांध का निर्माण ही अब तक 65 प्रतिशत हो पाया.

यह है रामगढ़ बांध को भरने की योजना

रामगढ़ बांध 1903 में बना था. इसकी क्षमता 2.65 टीएमसी है. 2005 तक जयपुर को पेयजल सप्लाई होती रही है. लेकिन बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण से बांध नहीं भर पाया. अब ईसरदा से अधिशेष रहे पानी से रामगढ़ बांध में 1.95 टीएमसी पानी डाला जाएगा.

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अगले चरण में सिंचाई के लिए पानी पर होगा काम

अगले चरण में डूंगरी बांध, राठौड़ बांध का निर्माण किया जाएगा. इसके बाद टोंक सवाई माधोपुर,दौसा करौली, भरतपुर, अलवर जयपुर के बांधों को भरा जाएगा.इससे दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई क्षेत्र डेवलप किया जाएगा.

अतिक्रमण की भेंट चढा रामगढ़

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राजस्थान उच्च न्यायालय ने 2011 में पहली बार स्वयं संज्ञान लेकर रामगढ़ बांध को सूखने का कारण जानना चाहा तो पता चला कि इसके 700 वर्ग किलोमीटर पहाड़ी क्षेत्र से लेकर बांध तक 405 एनीकट और 800 अतिक्रमण थे. इनमें फार्म हाउस से लेकर शिक्षण संस्थान तक लिप्त पाये गए.अब तो हालात ये हो चले है कि रामगढ़ बांध में अवैध खेती तक होने लगी है.अब क्या चुनावी घोषणाओं में क्या रामगढ़ बांध भर पाएगा,ये तो वक्त ही बताएगा.

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