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पढ़ा-लिखा, सरकारी नौकरी, सब छोड़ शुरू किया बिजनेस, आज हजार एकड़ जमीन और हेलिकॉप्टर का है मालिक

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आज हम बात कर रहे हैं बस्तर के करोड़पति किसान राजाराम त्रिपाठी की. आपको जानकर हैरानी होगी कि कभी राजाराम त्रिपाठी बैंक में साधारण सी नौकरी किया करते थे लेकिन आज खेती की बदौलत आज 25 करोड़ का टर्नओवर है.

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Success Story: अगर हौंसले बुलंद और कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो सफलता आपके कदम जरूर चूमती है. आज हम आपको इंस्पायरिंग स्टोरी की सीरिज में ऐसी ही एक कहानी बताने जा रहे हैं. जिसके जज्बे को आप भी सलाम करेंगे. ये उस व्यक्ति की स्टोरी है, जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI में बड़े पद पर काम करते थे और अच्छी भली नौकरी छोड़कर किसान बन गए. लेकिन किसान बन इन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया जो सबको हैरान कर देने वाला है. इन्होंने लोगों को अपनी खेती से जोड़कर खुद के साथ उन्हें भी आर्थिक रूप से संपन्न बनाया है.

बस्तर के किसान ने अपनी मेहनत के बदौलत हर साल 25 करोड़ का टर्नओवर पैदा किया है. इस किसान का नाम डॉ राजाराम त्रिपाठी है. मूलरूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले राजाराम त्रिपाठी का परिवार कुछ सालों से छत्तीसगढ़ के बस्तर में रह रहा है. खेती किसानी करने वाले राजाराम त्रिपाठी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.

शून्य से हेलिकॉप्टर तक की पूरी कहानी
राजाराम त्रिपाठी ने 7 साल की उम्र से अपने दादा के साथ खेती करनी शुरू की थी. पहले दादा ने 5 एकड़ जमीन खरीदकर खेती करनी शुरू की. यहीं से खेती करने की शुरुआत हुई. राजाराम के पिता एक टीचर थे. राजाराम ने भी स्टडी कम्प्लीट करने के बाद नौकरी की, पहले एक कॉलेज में बतौर प्रोफेसर और फिर बाद में SBI के जरिए ग्रामीण बैंक में मैनेजर के पद पर जॉब किया. करीब 7 8 साल तक सरकारी नौकरी की.

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कैसे आया खेती का आइडिया
नौकरी के दौरान राजाराम ने देखा कि जो किसान खेती कर रहे हैं, बैंक से कर्ज ले रहे हैं, उनकी जमीन नीलाम होती जा रही है. मैं भी एक किसान था. एक रोज मैंने रिजाइन कर दिया. रेजिग्नेशन लेटर एक्सेप्ट होने में दो साल का समय लग गया. उसके बाद उन्होंने खेती करना शुरू किया. पहले राजाराम ने टमाटर, गोभी आदि सब्जी लगाई लेकिन उसमें उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ. फिर उन्होंने सोचा कोई ऐसी खेती करो, जो कोई न करता हो.

काली मिर्च और मूसली से की शुरूआत
राजाराम ने काली मिर्च और मूसली की खेती से शुरूआत की. फिर काली मिर्च, सफेद मूसली, अश्वगंधा, कालमेघ, इंसुलिन ट्री, स्टीविया, ऑस्ट्रेलियन टीक, पिपली… इस तरह की 22 जड़ी बूटियों की खेती करने लगे. खेती के लिए उन्होंने बैंक से 22 लाख का लोन लिया. राजाराम त्रिपाठी करीब 400 आदिवासियों के साथ मिलकर सफेद मूसली और काली मिर्च का उत्पादन करते हैं और उनके द्वारा पैदा किया हुआ सामान यूरोपियन और अमेरिकी देशों को बेचा जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि राजाराम को भारत सरकार से तीन बार सर्वश्रेष्ट किसान का अवार्ड मिल चुका है.

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सालाना टर्नओवर 25 करोड़ से अधिक
आज राजारम के पास एक हजार एकड़ जमीन है जिसमें टोटल 9 फार्म हाउस हैं. उन्होंने खेती किसानी के लिए 7 करोड़ का हेलिकॉप्टर भी खरीदा है. लोग उन्हें ‘हेलिकॉप्टर वाले किसान’ के नाम से जानते हैं. बाकायदा उन्होंने एक कंपनी बना रखी है, जिसका सालाना टर्नओवर 25 करोड़ से अधिक है. वह 10 से ज्यादा देशों में हर्बल हल्दी पाउडर, आंवला समेत अलग अलग तरह के हर्बल प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग करके सेल कर रहे हैं.

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