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खेल

Interview: शांति से खेलो, शांति से जिओ… कप्तान रोहित ने वर्ल्ड कप का दबाव हवा में उड़ाया, बोले- पहले मैं बिंदास…

भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप 2023 में सबसे ज्यादा उम्मीदें अपने कप्तान रोहित शर्मा से रहेगी. और रहे भी क्यों ना. रोहित शर्मा ने 2019 में खेले गए वर्ल्ड कप में 5 शतक मारे थे, अपने बिंदास खेल के लिए पॉपुलर यह खिलाड़ी ज्यादातर रिलैक्स दिखता है. न्यूज18 हिंदी ने इस इंटरव्यू में उनकी पर्सनालिटली पर ही फोकस किया.

नई दिल्ली. मौजूदा वर्ल्ड कप में अगर टीम इंडिया को सबसे ज्यादा उम्मीदें किसी एक खिलाड़ी से होंगी तो वो होंगे शायद कप्तान और ओपनर रोहित शर्मा. और हो क्यों ना. रोहित शर्मा ने 2019 में खेले गए वर्ल्ड कप में 5 शतक मारे थे, जो रिकॉर्ड है. इंडियन कैप्टन रोहित शर्मा से करीब 5 साल पहले की गयी इंटरव्यू की गुज़ारिश ठीक कुछ दिन पहले ही पूरी हुई, लेकिन, इस बातचीत में हमने क्रिकेट की बजाए उनकी निजी जिंदगी के पहलुओं से रुबरु होने की कोशिश की है. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश.

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रोहित क्रिकेट पर तो हम लोग काफी बात करते हैं. लेकिन रोहित शर्मा की क्रिकेट के बाहर की जो पर्सनालिटी है लोग उस बारे में भी जानना चाहते हैं. आप इतने रिलैक्स कैसे रहते हो?

मुझे लगता है कि यह नेचुरल है. रिलैक्स कैसे रहना है, उसकी आप प्रैक्टिस नहीं कर सकते कि आपको क्या करना चाहिए. रिलैक्स रहने के लिए योग है लेकिन जो आपके अंदर इनबिल्ट है वो इनबिल्ट है. वो आपका नेचर है तो मैं जब छोटा था तब भी एकदम रिलैक्स्ड रहना पसंद करता था. चीजों को ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड करना और हड़बड़ी मचाना मेरे भीतर नहीं है. इसीलिए मेरे को स्कूल में भी बोलते थे कि यार बहुत कैजुअल बंदा है. बैटिंग में भी ऐसा लगता था. जब मैंने खेलना स्टार्ट किया, लोग ऐसा कुछ बोलते थे कि क्या… लेकिन ऐसा नहीं था. मैं रिलैक्स रहना पसंद करता हूं. शांति मेरे लिए सब कुछ है. शांति से खेलो, शांति से जिओ ,और शांति से दूसरों को दे दो. मैं तो इस चीज में यकीन करता हूं.

शादी के बाद कितना बदलाव आया और जब पिता आप बने उसके बाद कितना बदलाव हुआ?

देखिए दो अलग-अलग मोड हैं. शादी के बाद और शादी के पहले की लाइफ अलग है. मैं बचपन से ही अपने मां-बाप के साथ नहीं रहता था. मैं अपने दादा जी के साथ रहता था. फिर जब धीरे-धीरे खेलना शुरू किया, जैसे जैसे आगे बढ़ता गया, अकेला रहना शुरू किया. मैं अकेला रहता था तो शादी के बाद जब बीवी आई, कुछ चेंज लाइफ में होते ही हैं. लेकिन वो मेरे लिए सही टाइम था और ज्यादा शांत हो गया हूं क्योंकि मुझे डिसीजन लेने पढ़ते हैं और इसके लिए दिमाग ठंडा रखना बहुत जरूरी है. पहले मैं अकेला था, बिंदास इधर-उधर घूमता था. अभी यह नहीं कि मजा नहीं आता है. मुझे लगता है कि मेरे नेचर को सूट करता है ठंडा रहना, रिलैक्स रहना. शादी के बाद और जब बेटी हुई उसके बाद तो मैं और भी रिलैक्स हो गया हूं. वैसे, मुझे दोस्त बोलते हैं कि ग्राउंड पर तो तुम रिलैक्स लगते नहीं हो, कुछ ना कुछ बोलते रहते हो. अभी काफी लड़के लोग नए हैं जिनको बोलना पड़ता है तो अभी क्या कर सकते हो आप.

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बिटिया क्रिकेट समझती है? देखती है क्या? क्या वह जानती है कि उसके पिता जी इतने बड़े क्रिकेटर हैं?

नहीं, नहीं. उनको पता है कि मैं कुछ खेलता हूं यहां-वहां क्योंकि हर दूसरे दिन मैं घर से बाहर रहता हूं. वो मम्मी को पूछती है कि कहां जा रहे हैं? क्यों बार-बार ये घर छोड़ के जा रहे हैं? हमने समझाने की कोशिश की. लेकिन बच्ची है. बच्चों को आप कितना समझा सकते हैं. जाहिर है कि बेटी को मेरी याद आती है तो इसलिए मम्मी से बार-बार पूछती रहती है. उसको पता है कि बाहर जाकर मैं कुछ-कुछ खेलता हूं. मालूम है कि क्रिकेट गेम है, काफी लोग खेलते हैं. इतना तो मालूम है. घर में फैमिली के साथ बैठकर सब मैच देखते हैं. हमें टाइमिंग का ख्याल और डिसिप्लिन रखना भी जरूरी होता है. इसलिए देर से खत्म होने वाले मैच पूरा नहीं देखती. लेकिन वह 5-5 मिनट मैच देखती है.

वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया में इंडियन खाने की थोड़ी दिक्कत रहती है. ऐसे में सुपरस्टार रोहित शर्मा फाइव स्टार होटल का खाना खाते हैं या आम लोगों की तरह रोटी, दाल-चावल तलाशते हैं?

दाल चावल ही खाते हैं हम लोग. अभी दाल चावल सब जगह मिलता है. पेटेंट खाना, मेरा सबसे फेवरेट है दाल चावल. फेवरेट मतलब मैं कहीं पर भी कभी भी खा सकता हूं. मुझे पसंद है भाई मैं बचपन में यही खाकर पला-बढ़ा हूं. मैं रसम राइस भी खाता था. हमारे साउथ इंडियन घर में रसम राइस भी बनता था. मेरे को बहुत पसंद है. दाल तो चाहे आप दुनिया के किसी भी कोने में हो, मिल ही जाती है. इंडियन रेस्टोरेंट्स अभी सब जगह खुले हुए हैं तो इसीलिए दाल चावल ही खाते हैं.

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अभी इंडियन फैमिलीज आप लोगों को ऑफर करते हैं क्या. जैसा पहले होता था कि इंडियन फैमिलीज बुलाते थे क्रिकेटर्स को. अब आप लोग जा पाते हैं या खाना वो भेजते हैं, इंडियन फैमिलीज ओवरसीज में?

बाहर काफी लोग हैं जो हेल्प करते और मैं उनका बिल्कुल शुक्रिया अदा करना चाहूंगा. अचानक बाहर जाकर एडजस्ट करना कुछ लोगों के लिए आसान नहीं होता. खासकर बाहर का खाना एडजस्ट करना और अगर वह वेजिटेरियन है तो और डिफीकल्ट हो जाता है. अगर आप सिर्फ वेज खाते हैं तो आपको उतने ऑप्शंस नहीं मिलते. हां, दाल चावल सब जगह मिलता है और सब लोग दाल चावल खाते हैं.

रोहित पिछले 1-2 साल में देखने को मिला है कि आप लोग फैंस को लेकर काफी उदार रहते हो. खासकर विदेशों में जहां भीड़ नहीं रहती है वहां अलग-अलग ग्रुप के फैंस आते हैं. वेस्टइंडीज में देखा कि एक बुजुर्ग दंपत्ति आए और आपको आशीर्वाद दे रहे थे. कई बार बच्चे भी. इंडिया में इसे कैसे बैलेंस करते हैं?

देखिए, फैंस खेल के लिए काफी जरूरी हैं. उनकी वजह से खेल हमारे लिए बहुत दिलचस्प हो जाता है. वह हमें सपोर्ट करने आते हैं. उनके बिना कोई भी स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्स जैसा नहीं रहेगा. अगर आप देखो विश्व में इतने सारे स्पोर्टिंग इवेंट्स होते हैं तो फैंस लोग बड़े-बड़े नंबर्स में आते हैं. मैच देखते हैं. इवेंट्स देखते हैं. इसलिए जो भी होता है, उनकी वजह से ही होता है. आप जानते हैं कि हम भी कोशिश करते है कि टीम यहां पर भी कनेक्ट कर सकें फैंस के साथ. खिलाड़ी चाहते हैं कि फैंस से मिल सकें, तो हम भी कोशिश करते हैं कि जहां तक संभव है उनसे मिला जाए.

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