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मूडीज ने माना, दमदार है भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था, 6.7 फीसदी की वृद्धि दर रहेगी बरकरार

Moody’s On India GDP: मूडीज का कहना है कि ग्रामीण मांग जिसमें सुधार के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं वह असमान मानसून के कारण चिंता का विषय बनी हुई है. इससे फसल की पैदावार और कृषि आय कम हो सकती है.

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नई दिल्‍ली. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody’s Investors Service) ने साल 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर (India’s Economic Growth Rate) के अनुमान को 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है. मूडीज का मानना है कि देश में मजबूत घरेलू मांग की वजह से निकट भविष्य में वृद्धि की रफ्तार कायम रहेगी.

भारत की आर्थिक वृद्धि दर जून तिमाही में 7.8 फीसदी रही है. वहीं, मार्च तिमाही में यह 6.1 फीसदी थी. मूडीज ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 2023 में करीब 6.7 फीसदी, 2024 में 6.1 फीसदी और 2025 में 6.3 फीसदी बढ़ेगी. प्रतिकूल वैश्विक आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण निर्यात कमजोर रह सकता है. मूडीज ने अपने ‘वैश्विक वृहद आर्थिक परिदृश्य-2024-25’ में कहा कि घरेलू मांग में सतत बढ़ोतरी भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रही है. घरेलू खपत व ठोस पूंजीगत व्यय और सेवा क्षेत्र की गतिविधि में तेजी से देश की आर्थिक वृद्धि मजबूत रही है.

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सुधर रही है ग्रामीण मांग
समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, मूडीज ने कहा अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मजबूत माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह, बढ़ती वाहन बिक्री, बढ़ता उपभोक्ता भरोसा तथा दोहरे अंक की लोन वृद्धि से पता चलता है कि मौजूदा त्योहारी सीजन के बीच शहरी उपभोग मांग जुझारू बनी रहेगी. हालांकि, ग्रामीण मांग जिसमें सुधार के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं वह असमान मानसून के कारण चिंता का विषय बनी हुई है. इससे फसल की पैदावार और कृषि आय कम हो सकती है.

सतर्क रुख अपनाएगा आरबीआई
मूडीज ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति भी अगस्त में 4.8 फीसदी से कम होकर 4.5 फीसदी हो गई, लेकिन असमान मौसम और भूराजनीतिक अनिश्चितता के बीच खाद्य व ऊर्जा की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर जाने के जोखिम को लेकर रिजर्व बैंक सतर्क रुख अपनाएगा.

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जून तिमाही में 7.8 फीसदी रही विकास दर
अप्रैल-जून की तिमाही में ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रही थी. यह आंकड़ा रिजर्व बैंक के पहली तिमाही के लिए 8 फीसदी की वृद्धि दर के अनुमान से तो कम था, लेकिन यह तमाम प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे ज्यादा था. इससे पहले मार्च 2023 तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 6.1 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की थी. रिजर्व बैंक का अनुमान है कि साल की अंतिम तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर 2023 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ने की रफ्तार 6 फीसदी रह सकती है.

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