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हेल्थ

जोड़ों के दर्द में दवा से ज्यादा परिणाम देते हैं ये भारतीय हर्ब्स, खून से निकाल फेंकते हैं यूरिक एसिड, बिना खर्च ठीक होगा पेन

Herbs That Control of Uric Acid: जोड़ों का दर्द जिंदगी को जीना दूभर कर देता है. इस दर्द में ज्यादातर दवाएं बेअसर हो जाती हैं, लेकिन गठिया के दर्द से निजात दिलाने में नेचुरल हर्ब्स रामबाण की तरह असर करते हैं.

Herbs That Control Joint Pain: जोड़ों के दर्द के कई कारण हैं. आमतौर पर जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तब यह शरीर की हड्डियों के जोड़ों के बीच जाकर जमा होने लगता है. इससे यहां का कार्टिलेज घिसने लगता है और यह क्रिस्टल की तरह जमा होने लगता है. इससे बेपनाह दर्द होता है. इसे गठिया की बीमारी या अर्थराइटिस कहते हैं. जोड़ों का दर्द जब तेज हो जाता है तो यह इंफ्लामेटरी अर्थराइटिस में बदल जाता है. यूरिक एसिड जोड़ों के पास जाकर कार्टिलेज की जगह क्रिस्टल बनने लगता है. जोड़ों के दर्द के लिए लोग कई तरह के इलाज करते हैं. अंग्रेजी दवाइयों से कई तरह के साइड इफेक्ट भी होते हैं. यदि आप आयुर्वेद हर्ब्स का इस्तेमाल करेंगे तो यह बहुत तेजी से जोड़ों के दर्द को कंट्रोल करेगा और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता. आयुर्वेद में कई ऐसे हर्ब्स हैं, जिनसे जोड़ों के दर्द से राहत पाया जा सकता है. अच्छी बात यह है कि अब विज्ञान में इसे प्रमाणित किया जाने लगा है. आइए जानते हैं कि कौन से ऐसे नेचुरल हर्ब्स हैं, जिनसे गठिया के दर्द से राहत पाई जा सकती है.

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जोड़ों के दर्द में रामबाण आयुर्वेदिक हर्ब्स

1. गिलोय- हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक, गिलोय में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. पबमेड सेंट्रल जर्नल में छपे एक अध्ययन के मुताबिक गिलोय से प्राप्त रस को जब चूहों में दिया गया तो उसमें यूरिक एसिड की मात्रा कम हो गई. गिलोय में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होता है जिसके कारण यह जोड़ों के बीच सूजन को कम करता है.

2. नीम- नीम सिर्फ स्किन के लिए ही औषधि नहीं है बल्कि नीम के पत्तों में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होता है. अगर नीम के पत्ते को पीसकर दर्द वाली जगह पर लगाया जाए तो इससे जोड़ों का दर्द ठीक हो सकता है. आयुर्वेद में नीम से गठिया के दर्द का भी इलाज किया जाता है. नीम सीधे सूजन पर हमला करता है और दर्द से राहत दिलाता है.

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3. करेला– गठिया के दर्द में करेला का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. आयुर्वेद के मुताबिक करेला शरीर में वात्त दोष को कम करता है. इसलिए आयुर्वेद में जोड़ों के दर्द में करेले का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. अध्ययन में भी यह साबित हो चुका है कि करेला शरीर में यूरिक एसिड को कम करता है.

4. हल्दी– हल्दी के कई फायदे हैं जिनमें हल्दी के सबसे बड़े फायदों में इसके एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी है. हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउड जोड़ों के दर्द के लिए रामबाण है. पबमेड सेंट्रल जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक हल्दी ज्वाइंट पेन या अर्थराइटिस के लक्षण को कम करती है.

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5. त्रिफला– त्रिफला जिसे आमतौर पर पाचन शक्ति के लिए बेहतरीन औषधि माना जाता है, उसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होता है और इससे जोड़ों के दर्द को दूर किया जा सकता है. त्रिफला में तीन तरह के फल होते हैं बिभीतक (बहेड़ा) अमलकी (आंवला) और हरितकी (हरड़). आयुर्वेद के मुताबिक ये तीनों शरीर के तीनों दोष को मिटाते हैं. त्रिफला एंटी-इंफ्लामेटरी होता है जो जोड़ों से सूजन को कम करता है.

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