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Delhi-Dehradun Expressway : दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को लेकर आया नया अपडेट, जानें कब होगा शुरू, अभी कितना काम बाकी

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और उसके बराबर में नेशनल हाईवे पर वाहनों का अत्यधिक दबाव बढ़ गया है। शनिवार को ‘एक्सप्रेसवे पर दबाव’ सीरीज के तहत रोड सेफ्टी एजेंसी की सर्वे रिपोर्ट प्रकाशित की गई। यह दबाव कैसे और कब तक कम होने की उम्मीद है, इसको लेकर निर्माणाधीन दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) का जायजा लिया गया। यह परियोजना समय सीमा से काफी पिछड़ रही है, लेकिन पर्यावरण क्लीयरेंस मिलने में हुई देरी के बाद नई समय सीमा निर्धारित की गई।

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सड़क चौड़ी करने के लिए कई स्थानों पर मिट्टी डाली जा रही

अक्षरधाम से गीता कॉलोनी : एक्सप्रेसवे की शुरुआत अक्षरधाम मंदिर के सामने से हो रही है, जिसके लिए मौजूदा सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है। अक्षरधाम मंदिर के सामने कुछ हिस्सा में सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है तो कुछ जगह मिट्टी डालने और नीचे से दीवार बनाने का काम चल रहा है। उसके आगे रेलवे लाइन पर एक अतिरिक्त रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बनाया जा रहा है, जिसके लिए पिलर खड़े हो चुके हैं और उनके ऊपर पियर कैप तैयार करने का काम चल रहा है। इसके बाद गीता कॉलोनी के सामने भी पुल पर काम चल रहा है। इस पूरे हिस्से में करीब 70 फीसदी काम पूरा किया जा चुका है। 

रमेश पार्क के पास भी पिलर बन रहे

गीता कॉलोनी से पुस्ता रोड : दिल्ली की सीमा में एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा एलिवेटिड कॉरिडोर है। गीता कॉलोनी के साथ रमेश पार्क, शास्त्री पार्क, सिग्नेचर ब्रिज तक का हिस्सा एलिवेटिड कॉरिडोर के जरिए कवर होगा। रमेश पार्क के पास भी एलिवेटिड कॉरिडोर के पिलर तैयार हो गए हैं। उनके ऊपर पियर कैप (पिलर के ऊपर गार्डर रखना) बनाने का काम तेजी से चल रहा है। कुछ हिस्से में पिलर कैप भी तैयार हो गए हैं और उसके ऊपर के हिस्से में काम चल रहा है। इसके बाद सिग्नेचर ब्रिज से लेकर पुस्ता रोड तक भी निर्माण तेज गति से चल रहा है।

यूपी में अधिकांश हिस्सा एलिवेटिड 

खेकड़ा से यूपी बॉर्डर : एक्सप्रेसवे के दूसरे चरण में लोनी यूपी बॉर्डर से बागपत के खेकड़ा तक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इसमें अधिकांश हिस्सा एलिवेटिड है, जो सीधे खेकड़ा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा। करीब साढ़े 16 किलोमीटर लंबे इस हिस्से में तेजी से काम चल रहा है। पिलर निर्माण का काम पूरा हो गया है। उसके बाद पियर कैप भी 95 फीसदी पिलर पर बनकर तैयार हो गई है। उसके बाद पिलर के ऊपर सड़क बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। उधर, नीचे सर्विस रोड और एनएच की लेन में भी सड़क के चौड़ीकरण का काम चल रहा है।

25 से 30 हजार वाहनों का दबाव कम होगा

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) का मानना है कि जब दिल्ली से देहरादून एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगा तो उससे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन 25-30 हजार पैसेंजर पर कार यूनिट (पीसीयू) का दबाव कम होगा, जो अभी मेरठ एक्सप्रेसवे के जरिए उत्तराखंड के साथ ही मुजफ्फरनगर और सहारनपुर तक जाते हैं। पूरा एक्सप्रेसवे मार्च 2025 तक पूरा होना है। इस लिहाज से अभी मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव कम होने में लंबा समय लगेगा।

पर्यावरण क्लीयरेंस मिलने में देरी हुई

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पहले दो चरण का काम मार्च 2022 तक पूरा हो जाना था, लेकिन प्रोजेक्ट निर्माण से पहले पर्यावरण संबंधित क्लियरेंस मिलने में देरी हुई। पहले चरण का काम करीब 15 महीने देरी से शुरू हुआ, जबकि दूसरे चरण का काम भी करीब 11 महीने तक प्रभावित रहा। दूसरे चरण का काम पहले गायत्री कंपनी को दिया गया था, जिसने काफी समय तक रोके रखा। इसके बाद प्रोजेक्ट दूसरे कंपनी को हस्तांतरित किया गया। फिलहाल निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और लक्ष्य पूरा करने की तैयारी है।

यहां प्रवेश-निकास की सुविधा मिलेगी

दिल्ली की सीमा                                 (किलोमीटर)

अक्षरधाम                                              शून्य

गांधीनगर-गीता कॉलोनी                            5.5

आईएसबीटी-दिलशाद गार्डन मार्ग               7.4

खजूरी पुस्ता मार्ग                                      9.5

सिग्नेचर ब्रिज मार्ग                                     11.2

यूपी की सीमा

यूपी बॉर्डर से तीन 3 किमी आगे                  17.5 (टोल)

मंडोला आवास विकास                              26.00

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे खेकड़ा               31.50

नोट : जहां से एक्सप्रेसवे की शुरुआत होती हैं, उसे तकनीकी भाषा में शून्य कहा जाता है।

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02 चरणों में एक्सप्रेसवे को यातायात के लिए खोलने की तैयारी की जा रही

31 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर है अक्षरधाम से उत्तर प्रदेश की खेकड़ा तहसील तक

15 महीने देरी से शुरू हुआ काम, दूसरे चरण का कार्य भी 11 महीने लटका रहा

14.75 किलोमीटर 

पूरा करने का लक्ष्य : मार्च 2024 

वास्तविक समय : दिसंबर 2024 

16 किलोमीटर 

पूरा करने का लक्ष्य : फरवरी 2024 

वास्तविक समय : नवंबर 2024 

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