LPG Price Hike: कमर्शियल एलपीजी की कीमत में 21 रुपये तक का इजाफा कर दिया गया है. यह लगातार दूसरा महीना है जब 19 किलोग्राम वाले गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी की गई है.
नई दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों ने रसोई गैस (Commercial LPG Price) की कीमत में एक बार फिर वृद्धि की है. हालांकि, यह बढ़ोतरी कमर्शियल गैस सिलेंडर पर की गई है. एलपीजी की कीमत में 21 रुपये तक का इजाफा हुआ है. इससे पहले 1 नवंबर को भी इसकी कीमत में 100 रुपये का इजाफा किया गया था. हालांकि, उसके बाद 16 नवंबर को इसकी कीमत में 57 रुपये की कटौती की गई थी. अब दिल्ली में 19 किलोग्राम वाला गैस सिलेंडर 1796.5 रुपये में मिलेगा. बता दें कि घरेलू गैस की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
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दिल्ली के अलावा मुंबई में अब कमर्शियल एलपीजी के लिए 1,749 रुपये चुकाने होंगे. वहीं, चेन्नई में 1,968.50 व कोलकाता में इसकी कीमत 1,908 रुपये हो गई है. यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं. इससे पहले दिल्ली में कमर्शियल एलपीजी की कीमत 1775.50 रुपये थी.
घरेलू गैस की कीमत में कोई बदलाव नहीं
घरेलू गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आखिरी बार 30 अगस्त को नॉन सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कटौती की गई थी. तब दिल्ली में इसे घटाकर 1103 रुपये से 903 रुपये कर दिया गया था. कोलकाता में इसकी कीमत 929 रुपये, मुंबई में 902.50 रुपये और चेन्नई में 918.50 रुपये है.
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बदलाव से क्या फर्क पड़ेगा?
कमर्शियल एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद से बाहर का खाना महंगा हो सकता है. रेस्टोरेंट व होटल में जाने पर पहले से अधिक का बिल आपकी जेब पर बोझ बढ़ा सकता है. इसलिए आउटिंग करने पर आपका बजट बिगड़ सकता है. हालांकि, घरेलू बजट पर इसका कोई असर नहीं होगा. होटल-रेस्टोरेंट व्यवसाय से जुड़े लोगों को मुनाफे के साथ-साथ बिक्री को भी बनाए रखने के लिए फिर से प्राइस एडजेस्टमेंट करना पड़ सकता है.
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कैसे तय होती है कीमत?
सबसे पहले इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार तय करता है. इसके बाद भारत में इसे लाने का खर्च, डीलर का कमीशन, जीएसटी व अन्य तरह के टैक्स मिलकर एक सिलेंडर की खुदरा कीमत बनाते हैं. गैस की खरीद डॉलर में होती है इसलिए डॉलर और रुपये के उतार-चढ़ाव से भी इसके दाम प्रभावित होते हैं. गैस की कीमत तय करने के लिए इंपोर्ट पैरिटी प्राइस फॉर्मूला (IPP) अपनाया जाता है. हर महीने की पहली तारीख को इसमें संशोधन किया जाता है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि महीने के बीच में इसे नहीं बदला जाएगा. परिस्थितियों के हिसाब महीने के मध्य में भी इसमें बदलाव किया जा सकता है.