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सरकार ने एथनॉल प्रोडक्शन के लिए गन्ने के रस के इस्तेमाल पर लगाई रोक, शुगर स्टॉक्स की चाल सुस्त

चालू सप्लाई ईयर के लिए सरकार ने एथनॉल प्रोडक्शन के लिए गन्ने के रस के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है, जिसका सीधा असर शुगर स्टॉक्स पर देखा जा रहा है. शुगर स्टॉक्स की चाल सुस्त पड गई है.

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घरेलू कंजंप्शन के लिए चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र ने इस महीने शुरू हुए सप्लाई ईयर 2023-24 में एथनॉल उत्पादन के लिए ‘गन्ने के रस और चीनी के रस’ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है.

हालांकि, सरकार ने वर्ष 2023-24 में एथनॉल उत्पादन के लिए ‘बी-शीरा’ के इस्तेमाल की अनुमति दी है. इस फैसले का चीनी उद्योग निकायों ने स्वागत किया है.

सभी चीनी मिलों और डिस्टिलिरी को बृहस्पतिवार को जारी एक पत्र में खाद्य मंत्रालय ने एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2023-24 (दिसंबर-नवंबर) के दौरान एथनॉल उत्पादन के लिए “गन्ने के रस / चीनी के रस का इस्तेमाल नहीं करने” का निर्देश दिया है.

यह निर्देश चीनी (कंट्रोल) आदेश 1966 के खंड 4 और 5 के अनुसार जारी किया गया है.

खाद्य मंत्रालय ने पत्र में कहा कि तेल विपणन कंपनियों (OMC) को बी-हेवी शीरा से प्राप्त एथनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी.

मंत्रालय का यह निर्णय विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन में गिरावट के अनुमान के बीच आया है.

इस कदम का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ (NFCSF) के प्रबंध निदेशक प्रकाश पी नाइकनवरे ने कहा कि अनुबंधित मात्रा के अलावा देश में बी-शीरा से बने एथनॉल का भारी भंडार पड़ा हुआ है. पत्र में उद्योग की चिंता का समाधान है.

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उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, हालांकि, पत्र में कुछ अस्पष्टताएं हैं जिसमें कहा गया है कि बी-हेवी शीरा से ओएमसी द्वारा प्राप्त ‘मौजूदा प्रस्तावों’ से एथनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी. ‘‘क्या मौजूदा निविदा समाप्त होने के बाद इसे वापस ले लिया जाएगा? इसके बारे में कोई स्पष्टता नहीं है.’’

उन्होंने कहा कि साथ ही, अकेले गन्ने के रस और चीनी सिरप से एथनॉल बनाने के लिए भी कुछ इकाइयां बनाई गई हैं. उन्होंने कहा कि अगर ये इकाइयां परिचालन में नहीं रहेंगी तो ‘रुग्ण’ हो जाएंगी.

ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन (AISTA) के अध्यक्ष प्रफुल्ल विठलानी ने कहा, ‘‘आदेश के अनुसार, बी-शीरा उत्पादन मौजूदा प्रस्ताव के खिलाफ जारी रहेगा, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह अगले बी-शीरा टेंडर के लिए जारी रहेगा या नहीं.’’

उन्होंने यह भी कहा कि चीनी की स्थिति स्पष्ट होने तक ओएमसी बी-मोलासिस एथनॉल के लिए नई निविदा नहीं ला सकते हैं.

उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) चीनी उत्पादन नौ प्रतिशत की गिरावट के साथ 337 लाख टन रहने का उत्पादन लगाया है. इसने एथनॉल उत्पादन के लिए चीनी के स्थानांतरण का अनुमान नहीं लगाया है.

भारत ने विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान 61 लाख टन चीनी का निर्यात किया, जबकि पिछले वर्ष रिकॉर्ड 112 लाख टन का निर्यात हुआ था. सरकार ने अभी तक इस विपणन वर्ष के लिए निर्यात की अनुमति नहीं दी है.

फूड इन्फ्लेशन पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं और टूटे चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसने बासमती चावल के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) भी तय किया है.

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गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले से शुगर कंपनियों के स्टॉक्स की चाल सुस्त पड़ गई है, ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है. जिनके शेयरों में गिरावट नहीं आई है, उनकी तेजी थम सी गई है. जिसकी वजह यह है कि सरकार के इस फैसले का असर शुगर कंपनियों के प्रॉफिट पर सीधा असर होगा और उनकी कमाई भी कम हो सकती है.

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