भारत में ऑनलाइन शॉपिंग में जबरदस्त तेजी को देखते हुए कहा जा रहा है कि अगले 5 सालों में बिजनेस ग्रोथ के मामले में देश USA और चीन तक को पीछे छोड़ देगा.
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India E-commerce Market: भारत का ई-कॉमर्स बाजार जिस तेजी से ग्रोथ हासिल कर रहा है, उसको देखते हुए साल 2028 तक इसके 160 बिलियन डॉलर से ज्यादा होने की उम्मीद है. देश में ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार 2023 में अनुमानित 57-60 बिलियन डॉलर से बढ़कर अगले 5 सालों में 160 बिलियन डॉलर पर जाने की उम्मीद है. बैन एंड कंपनी की ‘द हाउ इंडिया शॉप्स ऑनलाइन’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ऑनलाइन शॉपिंग में जबरदस्त तेजी आई है, जिससे ये आंकड़ा हासिल करना आसान होगा.
8-12 बिलियन डॉलर हर साल बढ़ रहा ऑनलाइन रिटेल शॉपिंग का बाजार
साल 2020 के बाद से भारत के ऑनलाइन रिटेल बाजार में हर साल लगातार 8-12 बिलियन डॉलर का एक्सपेंशन यानी विस्तार हुआ है. ई-कॉमर्स मार्केट में कस्टमर के खर्चों के पैटर्न पर नजर रखने वाली बैन एंड कंपनी की ऑनलाइन 2023 रिपोर्ट के मुताबिक ये डेटा आया है. बेन एंड कंपनी ने ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट के साथ एक जॉइंट रिपोर्ट में कहा कि भारतीय ऑनलाइन शॉपिंग बाजार के एक साल पहले की तुलना में 2023 में 17-20 फीसदी बढ़ने का अनुमान है, हालांकि साल 2019-2022 के 25-30 फीसदी से तुलना करें तो ये धीमी गति है लेकिन इसके पीछे ऊंची महंगाई भी बड़ी वजह बनी है.
देश के ऑनलाइन शॉपिंग बाजार की 5 अहम बातें
– भारत में कोविड महामारी के बाद ई-रिटेल कारोबार में तेजी देखी गई है और लोग जमकर ऑनलाइन चीजें खरीद रहे हैं.
– रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और चीन जैसे डेवलप बाजारों में, ई-रिटेल एंट्री में सालाना बढ़ोतरी महामारी से पहले के स्तर से थोड़ी कम रही है.
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– ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते ट्रेंड के बावजूद, भारत में कुल रिटेस खर्च में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी केवल 5-6 फीसदी पर ही है.
– भारत की तुलना में आर्थिक महाशक्ति अमेरिका में कुल रिटेल खर्च का 23-24 फीसदी और चीन में 35 फीसदी से ज्यादा ऑनलाइन है.
– परसेंटेज टर्म में देखें तो अगले 5 सालों में भारत के ई-कॉमर्स बाजार की ग्रोथ 166 फीसदी से ज्यादा बढ़ेगी.
इस रिपोर्ट पर सक्षम भगत, स्विफ्ट मनी के संस्थापक ने हाल ही में हुए इंटरनेट कॉमर्स समिट में इ-रिटेल के चलन पर बात करते हुए बताया कि इसमें कोई दो राह नहीं की ऑनलाइन शॉपिंग का चलन कंस्यूमर्स में सबसे ज़्यादा है क्यूंकि हम एक नया भारत बना रहे है इसी के साथ साथ हम कंस्यूमर्स को जिस तरह से सुविधा दे रहे हैं, जहां कंस्यूमर्स का ट्रस्ट सबसे पहले जीता जा रहा है. और वो जीतने के लिए सभी ई-रिटेल कंपनियां कैश ऑन डिलीवरी (Cash On Delivery) पर सबसे ज़्यादा निर्भर है. इस सुविधा से जो कंस्यूमर्स ऑनलाइन शॉपिंग नहीं भी करते थे आज वो भी इसको ट्राय कर रहे हैं. हालाँकि इससे सभी ब्रांड्स कंज्यूमर्स को अपनी और आकर्षित तो कर ही रहे है पर अगर दूसरी तरह सेक्स इसको समझे कंपनियों को इस सर्विस का बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ता है अगर कस्टमर को प्रोडक्ट पसंद नहीं आया तो वो वापस करने में ज़्यादा समय नहीं लेता है. उसी चीज़ को समझते हुए यूपीआई (UPI) और बैंक क्रेडिट्स और रिवॉर्ड पर कम्पनीज इस सर्विस को बैलेंस जिससे कंस्यूमर का ट्रस्ट भी बना रहे और साथ ही साथ कंपनियों को कोई बड़ा नुक्सान भी उठाना न पड़े.
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दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियां भारत में निवेश बढ़ा रही
कई बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां भारत में बिजनेस की बढ़ती संभावनाओं का फायदा उठाने के लिए यहां ऑनलाइन शॉपिंग इकोसिस्टम में निवेश बढ़ा रही हैं. इसमें अमेजॉन, वॉलमार्ट सपोर्टेड फ्लिपकार्ट के साथ-साथ रिलायंस रिटेल के अजियो जैसे बड़े ऑनलाइन मार्केटप्लेस शामिल हैं. इस साल की शुरुआत में, अमेजन ने 2030 तक बाजार के लिए अतिरिक्त 15 बिलियन डॉलर लगाने का वादा किया. इसके बाद भारत में कंपनी का कुल निवेश 26 बिलियन डॉलर हो रहा है.