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NPS में पैसा लगाने वालों के लिए अच्छी खबर, अब इस तरह से भी कर सकेंगे निवेश

नई दिल्ली. पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA ने एनपीएस में पैसा लगाने वालों को खुशखबरी दी है. अब एनपीएस के निवेशक UPI QR कोड के जरिए डी-रेमिट पेमेंट कर सकते हैं. इससे एनपीएस में पैसा जमा करने के लिए लोगों को एक और विकल्प मिल जाएगा और भुगतान की प्रक्रिया और सरल हो जाएगी.

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इससे अब सेम-डे इन्वेस्टमेंट की भी सुविधा मिलने लगेगी.अब निवेशकों को सेम-डे इन्वेस्टमेंट, पीरियोडिकल ऑटो डेबिट और वन टाइम या रेगुलर कॉन्ट्रिब्यूशन की सुविधा मिलने लगेगी. आइए जानते हैं कि इन तीनों का मतलब क्या है और डी रेमिट क्या होता है?

इसका मतलब है कि जिस दिन आपने पैसा लगाया उसी दिन इन्वेस्टमेंट शुरू हो जाएगा. अगर सुबह 9.30 बजे निवेश करते हैं तो आपका निवेश उसी दिन शुरू हो जाएगा और इससे बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी.पीरियोडिकल ऑटो डेबिटआप इस सुविधा के जरिए मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर ऑटो डेबिट शुरू कर सकते हैं.

इससे आपको हर महीने या छ महीने पर बार-बार पेमेंट करना याद नहीं रखना पड़ेगा. पेमेंट अपने आप डिडक्ट हो जाएगी.वन टाइम या रेगुलरनिवेशक अपनी जरूरत और फाइनेंशियल गोल्स के हिसाब से रेगुलर या वन टाइम पेमेंट का विकल्प चुन सकता है.

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रेमिट क्या होता है?यह एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है जिससे आपके बैंक खाते से राशि सीधा आपके एनपीएस ट्रस्टी के अकाउंट में चली जाती है. एनपीएस में इन्वेस्ट करने के दिए ही आप को नेट एसेट वैल्यू मिलने लगती है. इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए निवेशक का ट्रस्टी बैंक के साथ डी-रेमिट खाता होना जरूरी है.

इस अकाउंट का इस्तेमाल केवल एनपीएस अंशदान के लिए ही किया जा सकता है.क्या है एनपीएसनेशनल पेंशन स्कीम की शुरुआत 2003 में हुई थी. इसमें सरकारी व गैर-सरकारी दोनों ही कर्मचारी आते हैं. शुरुआत में यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए थी जिसे 2009 में बदलकर निजी कर्मचारियों के लिए भी कर दिया गया.

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इसमें 18-60 वर्ष का कोई भी कर्मचारी निवेश कर सकता है. इसमें 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स लाभ मिलता है. हालांकि, इसके लिए सैलरी में से कटौती होती है. रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली रकम करयोग्य होती है.

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