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दुनिया

एक कबूतर को मारने की सजा 5,84,220 रुपये या एक साल की जेल, क्या बवाल है ये?

Pigeon

जापान में एक केस के बहाने इस कानून पर बहस छिड़ गई है. सोशल मीडिया दो वर्ग में बंट गया है. मामला, 50 साल के एक ड्राइवर की गिरफ्तारी से जुड़ा है.

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दुनिया के तमाम देशों में कबूतर बड़ी समस्या बन गए हैं. बीमारी फैलाने से लेकर तमाम चीजों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. जापान भी इससे अछूता नहीं है. लेकिन यहां पक्षियों को खास कानूनी सुरक्षा मिली हुई है और कबूतर भी इस कानून के दायरे में आते हैं. जापान के वाइल्ड लाइफ लॉ के मुताबिक कबूतर अथवा किसी अन्य पक्षी को घर या बालकनी से न तो भगा सकते हैं और न ही उनके अंडे-घोंसले से छेड़छाड़ कर सकते हैं.

जापान में क्या हैं कानून?

कानून के मुताबिक अगर आपको अपने घर, बालकनी या किसी अन्य जगह से कबूतर को हटाना है तो पहले स्थानीय प्रशासन से इसकी अनुमति लेनी होगी. ड्राइवरों के लिए भी खास दिशा-निर्देश हैं. कानून के मुताबिक अगर सड़क पर कबूतर बैठे हैं या पार कर रहे हैं तो ड्राइवर को रुकना ही होगा, भले ट्रैफिक सिग्नल ग्रीन क्यों न हो.

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क्या है पूरा केस, जिसपर बवाल?
इन दिनों जापान में एक केस के बहाने इस कानून पर बहस छिड़ गई है. सोशल मीडिया दो वर्ग में बंट गया है. दरअसल, 50 साल के एक ड्राइवर को इसी महीने 3 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया. उस पर आरोप हैं कि उसने वाइल्ड लाइफ प्रोटक्शन लॉ का उल्लंघन किया. पुलिस के मुताबिक वह सड़क पार कर रहा था, ट्रैफिक सिग्नल भी ग्रीन था लेकिन इसी बीच कबूतरों का एक झुंड सड़क पर आ गया. इसके बावजूद ड्राइवर ने ब्रेक नहीं लगाया, बल्कि स्पीड बढ़ा दी. इससे एक कबूतर की मौत हो गई.

बाद में इस कबूतर की ऑटोप्सी की गई. पशु चिकित्सकों ने बताया कि ट्रॉमा और शॉक के चलते कबूतर की जान गई.

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1 मिलियन येन जुर्माना या एक साल की जेल
जापान के वन्यजीव संरक्षण कानून के मुताबिक इस तरह के जुर्म में एक मिलियन जापानी येन (करीब 5,84,220 रुपये) अथवा 1 साल की कैद का प्रावधान है. ऐसे में ड्राइवर को सजा या जुर्माना देना पड़ सकता है. आपको बता दें कि जापान में साल 2021 और 2022 में स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बाद करीबन 4000 कबूतर मारे गए थे अथवा उनके अंडे-घोंलसे हटाए गए थे.

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