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फ्रांस में बालों को लेकर बन रहा कानून.. पूरी दुनिया में खलबली, आखिर है क्या इसमें जान लीजिए

long hair

France Hair Law: बालों को लेकर लाया जाने वाला यह कानून अभी पारित नहीं हुआ है सिर्फ इस पर बहस चल रही है. लेकिन यह दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. अगर यह कानून बना तो फ्रांस बालों के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करने वाला पहला देश बन जाएगा.

Hair Discrimination: इन दिनों दुनियाभर में फ्रांस के एक बिल की चर्चा है जिसे बाल भेदभाव बिल hair discrimination bill कहा जा रहा है. फ्रांसीसी सांसदों ने गुरुवार इस पर बहस भी की है. यह किसी के बालों की बनावट, लंबाई, रंग या शैली पर भेदभाव पर प्रतिबंध लगाएगा. इस बिल के समर्थकों को उम्मीद है कि यह उन काले और अन्य लोगों को समर्थन देगा, जिन्हें अपने बालों के कारण दफ्तर और उसके बाहर भी गलत व्यवहार का सामना करना पड़ता है.

असल में फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस का बाल भेदभाव बिल एक प्रस्तावित कानून है जो किसी व्यक्ति के बालों की बनावट, लंबाई, रंग या शैली के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करेगा. यह विधेयक फ्रांसीसी सांसद ओलिवियर सेर्वा द्वारा पेश किया गया था, जो फ्रांसीसी कैरेबियाई द्वीप ग्वाडेलूप का प्रतिनिधित्व करते हैं. यदि पारित हो जाता है, तो यह फ्रांस को बालों के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करने वाला पहला देश बना देगा.

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बालों के आधार पर भेदभाव?
इस विधेयक के तहत, नियोक्ताओं, शिक्षा संस्थानों, और सेवा प्रदाताओं को किसी व्यक्ति के बालों के आधार पर भेदभाव करने से प्रतिबंधित किया जाएगा. इसमें नौकरी के लिए आवेदन, स्कूल में प्रवेश, या आवास या सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच जैसी स्थितियां शामिल होंगी.

यह विधेयक फ्रांस में बालों के आधार पर भेदभाव की बढ़ती समस्या को संबोधित करने के लिए पेश किया गया था. कुछ समय पहले एक फ्रांसीसी अध्ययन में पाया गया कि बड़ी संख्या में काले फ्रांसीसी लोगों ने अपने बालों के कारण भेदभाव का अनुभव किया है. इस विधेयक का समर्थन कई संगठनों और व्यक्तियों द्वारा किया गया है, जिसमें फ्रांसीसी मानवाधिकार लीग और अभिनेत्री लुपिता न्योंग’ओ शामिल हैं. 

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मिलीजुली प्रतिक्रियाओं का दौर..
हालांकि, कुछ लोगों ने इस विधेयक की आलोचना भी की है, यह कहते हुए कि यह अनावश्यक है और लागू करना मुश्किल होगा. यह विधेयक अभी भी फ्रांसीसी संसद में बहस के अधीन है. यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि यह कब पारित होगा या नहीं. लेकिन यदि यह पारित हो जाता है तो फ्रांस राष्ट्रीय स्तर पर बालों के आधार पर भेदभाव को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा. 

विधेयक श्रम संहिता और आपराधिक संहिता में मौजूदा भेदभाव-विरोधी उपायों में संशोधन करेगा, ताकि घुंघराले बाल या अन्य हेयर स्टाइल वाले लोगों के साथ-साथ गंजे लोगों के साथ भेदभाव को स्पष्ट रूप से गैरकानूनी घोषित किया जा सके.

यह विधेयक निम्नलिखित चीजों को प्रतिबंधित करेगा:
किसी व्यक्ति को नौकरी, शिक्षा, आवास, या सार्वजनिक सेवाओं से वंचित करना उनके बालों के आधार पर.
किसी व्यक्ति को अपने बालों को एक निश्चित तरीके से पहनने के लिए मजबूर करना.
किसी व्यक्ति के बालों के आधार पर उसके खिलाफ टिप्पणी करना या अपमान करना.
यह विधेयक पारित होने पर फ़्रांस को पहला ऐसा देश बना देगा जो बाल भेदभाव को प्रतिबंधित करता है.

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विधेयक के समर्थकों का तर्क है कि:
यह विधेयक सभी लोगों के लिए समानता और सम्मान को बढ़ावा देगा.
यह विधेयक लोगों को अपने बालों को अपनी पसंद के अनुसार पहनने के लिए स्वतंत्र करेगा.
यह विधेयक लोगों को बाल भेदभाव के डर के बिना जीवन जीने में मदद करेगा.

विधेयक के विरोधियों का तर्क है कि:
यह विधेयक व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है.
यह विधेयक लागू करने में मुश्किल होगा.
यह विधेयक अनावश्यक है क्योंकि पहले से ही मौजूदा कानून बाल भेदभाव को प्रतिबंधित करते हैं.
यह विधेयक अभी भी बहस के अधीन है और यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि यह पारित होगा या नहीं.

विधेयक के बारे में कुछ अतिरिक्त जानकारी:
– विधेयक का नाम: “प्रस्तावना संख्या 3278, 2023-2024 के साधारण सत्र के दौरान राष्ट्रीय सभा द्वारा अपनाया गया
– बालों की बनावट, लंबाई, रंग या स्टाइल के आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए”
– विधेयक का प्रस्तावक: ओलिवियर सेर्वा, ग्वाडेलूप से एक फ्रांसीसी सांसद
– विधेयक की वर्तमान स्थिति: बहस के अधीन

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