लेखा महानियंत्रक (CGA) ने फिस्कल डेफिसिट को लेकर डेटा जारी किया है. CGA ने बताया है कि फरवरी में फिस्कल डेफिसिट अपने सालाना टार्गेट के 83.5 फीसदी पर पहुंचा है.
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Fiscal Deficit Target: सरकार का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फरवरी के अंत तक संशोधित लक्ष्य का 86.5% या 15 लाख करोड़ रुपये रहा है. गुरुवार को लेखा महानियंत्रक (CGA) द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.
बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) यानी व्यय और राजस्व का अंतर बजट 2022-23 के संशोधित अनुमान (RE) का 82.8% रहा था.
चालू वित्त वर्ष (2023-24) में राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 17.35 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5.8% रहने का अनुमान है.
CGA द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी, 2024 तक सरकार की कुल प्राप्तियां 22.45 लाख करोड़ रुपये रही हैं. इनमें 18.49 लाख करोड़ रुपये का कर राजस्व (Net), 3.6 लाख करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व और 36,140 करोड़ रुपये की गैर कर्ज पूंजी प्राप्तियां हैं. फरवरी, 2024 तक सरकार की कुल प्राप्तियां 2023-24 के कुल संशोधित अनुमान का 81.5% हैं.
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नॉन-लोन कैपिटल प्राप्तियों में 23,480 करोड़ रुपये के लोन की वसूली और 12,660 करोड़ रुपये की विविध पूंजी प्राप्तियां शामिल हैं.
CGA के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी, 2024 तक भारत सरकार द्वारा टैक्स के हिस्से के ट्रांसफर के तौर पर 10,33,433 करोड़ रुपये राज्य सरकारों को ट्रांसफर किए गए हैं, जो कि पिछले साल के 2,25,345 करोड़ रुपये से अधिक है.
केंद्र द्वारा किया गया कुल खर्च 37.47 लाख करोड़ रुपये रहा है, जिसमें से 29.41 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 8.06 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में था. यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान का 83.4% है.
कुल राजस्व खर्च में से 8.8 लाख करोड़ रुपये ब्याज भुगतान पर और 3.6 लाख करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी पर थे.
CGA आंकड़ों पर रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल-फरवरी, 2023-24 में राजस्व व्यय में 1% की मामूली वृद्धि और पूंजीगत एक्सपेंसेज में सालाना आधार पर 36.5% की मजबूत वृद्धि के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लाभांश से नेट टैक्स रेवेन्यू 7% बढ़ा तो नॉन-टैक्स राजस्व 45% बढ़ा.
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क्या है फिस्कल डेफिसिट?
सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच के अंतर को फिस्कल डेपिसिट कहा जाता है. यह सरकार द्वारा आवश्यक कुल उधारी का एक संकेत है. कुल राजस्व की कैलकुलेशन करते समय उधार को शामिल नहीं किया जाता है.