All for Joomla All for Webmasters
वित्त

Personal Loan: क्‍या पर्सनल लोन में भी होता है बैलेंस ट्रांसफर का विकल्‍प? जानिए इसके क्‍या हैं फायदे

loan

पर्सनल लोन (Personal Loan) को इमरजेंसी लोन कहा जाता है क्‍योंकि ये बाकी लोन की अपेक्षा जल्‍दी और आसानी से मिल जाता है. इसके लिए किसी तरह की सिक्‍योरिटी जमा नहीं करनी होती. तमाम ऐसे ही आकर्षक फीचर्स के चलते इसकी मांग काफी ज्‍यादा है.

ये भी पढ़ें– PPF, NPS और सुकन्या समृद्धि योजना के निवेशक 2 दिन में निपटा लें अपना काम, वरना होंगे परेशान

हालांकि पर्सनल लोन लेना तो आसान होता है, लेकिन भारी ब्‍याज दरों के कारण इसे चुकाना बोझ लगने लगता है. इस स्थिति में पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर (Personal Loan Balance Transfer) का विकल्‍प आपके लिए मददगार हो सकता है. इसके जरिए आपको लोन की महंगी ब्‍याज दरों से थोड़ी राहत मिल सकती है. 

जानिए क्‍या होता है बैलेंस ट्रांसफर

बैलेंस ट्रांसफर एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए आप अपने रनिंग लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करवा सकते हैं. ज्‍यादातर लोग लोन की बढ़ी हुई ब्‍याज दरों से राहत पाने के लिए ये फैसला लेते हैं. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो दूसरे बैंक बहुत आसानी से आपको मौजूदा इंट्रेस्ट रेट के मुकाबले सस्ता लोन ऑफर कर देते हैं. ब्‍याज दर कम होने से आपकी ईएमआई भी कम हो जाती है. 

बैलेंस ट्रांसफर के और क्‍या फायदे हैं?

बैलेंस ट्रांसफर का सबसे पहला फायदा तो रनिंग लोन पर चल रही मौजूदा ब्‍याज दरों से बेहतर ब्‍याज दर लेना है, ताकि ईएमआई के बोझ को कम किया जा सके.

ये भी पढ़ें– HDFC Bank Home Loan: एचडीएफसी बैंक ने 0.15 फीसदी तक महंगा किया होम लोन, जानें कितनी बढ़ेगी EMI

इसका दूसरा फायदा ये है कि बैलेंस ट्रांसफर सुविधा का इस्‍तेमाल करके उधारकर्ता अपने मौजूदा पर्सनल लोन की शेष अवधि की तुलना में लंबी अवधि का विकल्प चुन सकते हैं. अवधि लंबी होने से भी ईएमआई छोटी हो जाती है. हालांकि इसकी वजह से उधारकर्ता को अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है.

तीसरा फायदा टॉप अप लोन का है. कई बैंक अपने मौज़ूदा पर्सनल लोन को ट्रांसफर करने वालों को टॉप-अप पर्सनल लोन की सुविधा भी देते हैं. टॉप-अप पर्सनल लोन ग्राहकों को अपने मौजूदा लोन के अलावा अधिक पैसे उधार लेने में सक्षम बनाता है. 

बैलेंस ट्रांसफर के समय फीस

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के लिए नए बैंक में कोई कौलटैरल जमा करने की जरूरत नहीं होती है. लेकिन  इसके लिए आपको अपने मौजूदा बैंक को फोरक्‍लोजर फीस और लोन ट्रांसफर शुल्क का भुगतान करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें– न्यू ऑल टाइम हाई पर पहुंचा Forex Reserves, जानिए रिजर्व बैंक का खजाना कितना भरा है

इसके अलावा नया बैंक जहां पर आप अपने लोन को ट्रांसफर करवा रहे हैं, वहां आपको स्टाम्प ड्यूटी के साथ लोन प्रोसेसिंग फीस और अन्य फीस देनी पड़ सकती है, जो आमतौर पर नए पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय वसूली जाती है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top