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म्यूचुअल फंड से पैसे कैसे निकालें: ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, दोनों तरीका जानिए

आज की तारीख में आम निवेशकों को म्चूचुअल फंड खूब आकर्षित कर रहा है। आखिर ऐसा क्यों नहीं हो, इसमें रिटर्न औरों के मुकाबले बेहतर है। यदि आप बैंक एफडी से इसकी तुलना करें तो फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले इसमें दूना रिटर्न तो मिल ही जाता है। तभी तो इसमें निवेश धड़ा-धड़ हो रहा है।

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म्यूचुअल फंड में बढ़ते निवेश ने आम लोगों का रूझान इस तरफ बढ़ाया है। लोग म्यूचुअल फंड में एकबारगी तो निवेश करते ही हैं, ढेरों व्यक्ति सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान या सिप के जरिए निवेश करते हैं। हम आज बता रहे हैं कि आप म्यूचुअल फंड से पैसे कैसे निकालें? निवेश गुरु विश्वजीत पराशर हमें ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीके से पैसे निकालना बता रहे हैं।​म्यूचुअल फंड को कैसे भुनाएं

म्यूचुअल फंड में निवेश के बाद नंबर आता है इसके रिडीम कराने या भुनाने या पैसे निकालने का। म्यूचुअल फंड निवेश में रिडम्पशन का अर्थ निवेशक द्वारा निवेश की निकासी है। इससे निकासी आमतौर पर तब की जाती है जब निवेशक को धन की आवश्यकता होती है, निवेश का उद्देश्य पूरा हो जाता है, या जब वित्तीय योजना समीक्षा आवंटन में बदलाव की मांग करती है, या योजना वांछित परिणाम देने में सक्षम नहीं होती है।

​म्यूचुअल फंड भुनाने के विभिन्न तरीके

निवेशक चाहे तो “ऑल यूनिट्स” का विकल्प चुनकर संपूर्ण कॉर्पस को भुना सकता है या कुछ यूनिट का चयन करके इसे आंशिक रूप से भुना सकते हैं। निवेशक टैक्स का बोझ कम करने के लिए केवल लाभ को भुनाने और मूलधन को निवेशित रखने या इकाइयों के केवल उस हिस्से को रखने का विकल्प भी चुन सकते हैं जो एलटीसीजी के लिए योग्य हैं। इसे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से भुना सकते हैं। ऑनलाइन तरीके में समय कम लगता है।

अपने म्यूचुअल फंड को कैसे भुनाएं

यदि आपके म्यूचुअल फंड के यूनिट ट्रेडिंग या डीमैट खाते का उपयोग करके खरीदी गई थीं, तो रिडम्पशन वहीं से जा सकता है। आप चाहें तो ब्रोकर को कॉल करके या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके रिडीम कर सकते हैं। यदि आपने म्यूचुअल फंड में निवेश सीधे किया है तो कोई एमएफ वेबसाइट से डाउनलोड किया गया रिडेम्पशन फॉर्म भर कर इससे पैसे निकाल सकते हैं। इस फार्म को एएमसी या आरटीए कार्यालय में जमा किया जाता है। वैकल्पिक रूप से, यदि कोई म्यूचुअल फंड के वेब इंटरफेस का उपयोग कर रहा है, तो उसे भुनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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यदि निवेशक ने किसी वितरक या सलाहकार के माध्यम से निवेश किया है, तो वह रिडम्पशन की सुविधा प्रदान कर सकता है।

क्या है रिडीम करने की प्रक्रिया

यदि निवेशक ने कट-ऑफ समय के भीतर रिडम्पशन का आर्डर दे दिया है (आमतौर पर यह लिक्विड फंड के लिए दोपहर 1:30 बजे और अन्य फंड के लिए दोपहर 3:00 बजे है), तो एग्जिट लोड को समायोजित करने के बाद उसी दिन का एनएवी उसे मिल जाता है। रिडम्पशन के लिए. लिक्विड/मनी मार्केट फंड के मामले में, निवेशक को 1 कार्य दिवस के भीतर क्रेडिट मिल जाता है। अन्य मामलों में, क्रेडिट प्राप्त करने में आर्डर देने के तीन वर्किंग डे या +3 कार्य दिवस लगते हैं।

एक्जिट लोड भी होगा?

म्यूचुअल फंड से पैसे निकालते वक्त एक बात का अवश्य ध्यान रखें। जैसे ही आप रिडम्पशन का आर्डर देते हैं, आपके ऊपर एक्जिट लोड चार्ज किया जा सकता है।1) एग्जिट लोड एक ऐसा शुल्क है जो रिडेम्प्शन के समय लगाया जा सकता है, यदि म्यूचुअल फंड को कम होल्डिंग अवधि के भीतर भुनाया जाता है, खासकर इक्विटी फंड में।2) निवेश को भुनाते समय लागू कर संबंधी प्रभावों को जानने के लिए म्यूचुअल फंड सलाहकार या कर सलाहकार से परामर्श करना चाहिए।

म्यूचुअल फंड में हो रहा है रिकार्ड निवेश

म्यूचुअल फंड पर देश का भरोसा मजबूत होता जा रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स (AMFI) द्वारा पिछले महीने जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2024 के दौरान सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) ने रिकॉर्ड बना दिया है। इस साल फरवरी महीने में 19,186 करोड़ रुपये का निवेश एसआईपी के जरिए किया गया। जनवरी 2024 में यही आंकड़ा 18,838 करोड़ रुपये रहा था।

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इक्विटी फंड्स में लगातार बढ़ रहा है इनफ्लो

इस साल फरवरी महीने के दौरान इक्विटी फंड्स में इनफ्लो खूब बढ़ा है। उस महीने स्मॉल कैप फंड्स का प्रदर्शन शानदार रहा था। तभी तो म्यूचुअल फंड्स का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) भी 3.42 फीसदी बढ़कर 54.54 लाख करोड़ का आंकड़ा छू गया था। सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स एवं डेट म्यूचुअल फंड्स इनफ्लो में भी उस महीने पर्याप्त इजाफा हुआ था।

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