स्पेशल इकोनॉमिक जोन उन इलाकों को कहा जाता है जहां उद्योग स्थापित करने पर कई तरह की छूट मिलती हैं. इसका फायदा सीधे तौर पर उद्योगों को होता है. मसलन, टैक्स में छूट देना या लाल फीताशाही का कम हो जाना आदि.
नई दिल्ली. क्या आप जानते हैं कि भारत में बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए विशेष जोन बनाये गए हैं. यहां बिजनेस स्थापित करने से लेकर उनके परिचालन तक उन्हें कई तरह की छूट दी जाती है. इन इलाकों को स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) कहा जाता है. भारत में 16 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां स्पेशल इकोनॉमिक जोन स्थापित किए गए हैं. स्पेशल इकोनॉमिक जोन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आते हैं. इनकी स्थापना के पीछे का मुख्य मकसद अतिरिक्त औद्योगिक गतिविधियों, वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात और घरेलू एवं विदेशी निवेश को बढ़ावा देना है.
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स्पेशल इकोनॉमिक जोन की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, SEZ उद्योगों को प्लांट के रखरखाव, विकास और परिचालन के लिए जरूरी सामानों की खरीद व आयात पर शुल्क नहीं देना होता. इसके अलावा इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 10AA के तहत शुरुआत के 5 सालों के लिए निर्यात पर 100 फीसदी टैक्स छूट होती है. अगले 5 सालों के लिए ये 50 फीसदी छूट मिलती है.
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अन्य सुविधाएं
आईटी एक्ट के सेक्शन 115 जेबी के तहत न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) से छूट मिलती है. सेंट्रल सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स व स्टेट सेल्स टैक्स भी नहीं देना होता. हालांकि, अब इन सभी को जीएसटी के अंतर्गत ला दिया गया है और स्पेशल इकोनॉमिक जोन यूनिट्स को इसके लिए कोई जीएसटी नहीं देनी होती. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा लगाया कोई अन्य शुल्क भी इन पर लागू नहीं होता. अगर केंद्र व राज्य स्तर पर किसी अनुमति की जरूरत होती है तो इन उद्योगों को अलग-अलग मंत्रालयों या विभागों को चक्कर नहीं लगाने होते. इन्हें सारी अनुमतियां एक ही स्थान पर मिल जाती हैं.
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कहां-कहां है स्पेशल इकोनॉमिक जोन
ये देश के 16 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित हैं. स्पेशल इकोनॉमिक जोन आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं. इन जोन में कुल 270 एसईजी यूनिट्स स्थापित हैं. ये सभी ऑपरेशनल एसईजी यूनिट्स हैं. इसके अलावा कई यूनिट्स को और अनुमति दी जा चुकी है. कुल 426 एसईजी को औपचारिक अनुमति मिली है. सर्वाधिक अनुमति (63) कर्नाटक और तेलंगाना की एसईजी यूनिट्स को मिली है.
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