नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। उच्च शिक्षा या अच्छे कॉलेजों में पढ़ने के लिए कई बार हमें लोन लेने की जरूरत पड़ती है। सरकार एजुकेशन लोन लेने वाले व्यक्तियों को टैक्स में कुछ राहत भी देती है। आयकर से संबंधित कुछ कानून ऐसे हैं, जिनके जरिए एजुकेशन लोन लेने वालों को टैक्स में राहत मिलती है। आइए जानते हैं, कि एजुकेशन लोन लेने पर किस तरह से टैक्स में छूट मिलती है।
आप हर साल अधिकतम दो बच्चों के मामलों में उनकी पढ़ाई के शुल्क के लिए 1.50 लाख रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। यह कटौती, भविष्य निधि योगदान और पीपीएफ, होम लोन, जीवन बीमा प्रीमियम आदि के साथ उपलब्ध है। आप यह लाभ किसी भी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय या किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान में शिक्षा के लिए उठा सकते हैं। हालांकि, इसके तहत कोचिंग संस्थानों या कक्षाओं को किए गए भुगतान इस कटौती के लिए पात्र नहीं हैं। आयकर की धारा 80 सी के तहत यह कटौती केवल पूर्णकालिक शिक्षा के लिए लागू होती है।
इसके अलावा, यह कटौती भारत में शिक्षा के लिए उपलब्ध है। आप भारत से बाहर शिक्षा के लिए भुगतान किए गए शुल्क के लिए, कटौती का दावा नहीं कर सकते हैं।
एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज पर टैक्स बेनिफिट
एक व्यक्ति धारा 80ई के तहत उच्च शिक्षा के लिए लिए गए लोन पर भुगतान किए जाने वाले ब्याज के लिए कटौती का दावा कर सकता है। इसके तहत उस बच्चे के लिए भी इस कटौती का दावा कर सकते हैं, जिसके आप कानूनी अभिभावक हैं। जिस साल से आप लोन चुकाना शुरू करते हैं, उस साल से लगातार आठ साल तक इस कटौती का दावा किया जा सकता है। आप 80सी के तहत, पार्टटाइम और फुल टाइम कोर्स के लिए एजुकेशन लोन पर, कटौती का दावा कर सकते हैं।
अगर आप भारत में फुलटाइम कोर्स शिक्षा के लिए लोन लेते हैं, तो आप धारा 80ई के तहत ऐसे लोन के लिए ब्याज के साथ-साथ धारा 80 सी के तहत भुगतान किए गए शिक्षण शुल्क के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं।