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महंगाई : टीवी-रेफ्रिजरेटर खरीदने को देने पड़ सकते हैं ज्यादा रुपये, ये है वजह

रुपया कमजोर होने से आयात किया जाने वाला सामान महंगा हो गया है. प्रमुख कंपोनेंट्स के लिए कंज्‍यूमर इलेक्‍ट्रोनिक्‍स इंडस्ट्री (Consumer Electronics Industry) आयात पर ही निर्भर है. इसके अलावा शंघाई में लगे लॉकडाउन से कंपोनेट सप्‍लाई भी बाधित हुई है.

नई दिल्‍ली. अगर आप भी टीवी, वॉशिंग मशीन या रेफ्रिजरेटर जैसा कोई इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण खरीदने की सोच रहे हैं तो यह काम जल्‍द निपटा लें. ऐसा इसलिए, क्‍योंकि होम अप्‍लायंसेज (Home Appliances) और कंज्‍यूमर इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स कंपनियां अपने उत्‍पादों के दाम जल्‍द ही बढ़ाने वाली हैं. कंपनियों का कहना है कि कई कारणों से उनकी लागत बढ़ गई है. इसलिए उनके सामने रेट बढ़ाने के सिवाय कोई चारा नहीं है.

अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये में आई कमजोरी और चीन के शंघाई में लगे लॉकडाउन ने भी कंपनियों पर दबाव बढ़ाया है. रुपया कमजोर होने से आयातित सामान महंगा हो गया है. बता दें कि प्रमुख कंपोनेंट्स के लिए कंज्‍यूमर इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंडस्ट्री आयात पर ही निर्भर है. इसलिए कंपनियां अब अपने प्रोडक्‍ट 3 से 5 फीसदी तक महंगे करने पर विचार कर रही हैं.

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चीन के शंघाई शहर में कोरोना महामारी के चलते सख्त लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में शंघाई पोर्ट पर कंटेनर जमा हो रहे हैं. इस पोर्ट से माल आगे न आने की वजह से कई कंपनियों को पार्ट्स की किल्लत होने लगी है. इसके चलते निर्माताओं की इंवेंटरी पर दबाव बढ़ रहा है. कुछ टॉप लाइन प्रॉडक्ट जो आयात पर ही निर्भर हैं, वे बाजार में उपलब्ध नहीं हैं.

CNBC TV-18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CEAMA) के मुताबिक, डॉलर की तुलना में रुपये की कमजोरी से इंडस्ट्री की मुश्किलें बढ़ी हैं. सीईएएमए के अध्‍यक्ष एरिक ब्रेगांजा के मुताबिक, कच्चे माल के भाव पहले ही ऊपर जा रहे हैं और अब डॉलर की तुलना में रुपये में गिरावट से आयात किया गया सामान भी महंगा पड़ने लगा है. ऐसे में अब कंपनियां मुनाफे के लिए अगले महीने यानी जून से अपने प्रोडक्‍ट्स की कीमतें 3-5 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं. एरिक का कहना है कि अगर अगले दो हफ्ते में डॉलर के मुकाबले रुपया 75 रुपये के स्‍तर पर आ जाता है, तो हो सकता है कि कीमतों में बढ़ोतरी न हो.

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पैनासोनिक इंडिया (Panasonic India) और साउथ एशिया सीईओ मनीष शर्मा का कहना है कि इनपुट लागत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछली बार कंपनी ने अपने उत्‍पादों की कीमतों में जनवरी, 2022 में बढ़ोतरी की थी. अब कमोडिटी की बढ़ती कीमतों की वजह से रेफ्रिजरेटर्स, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन और अन्‍य अप्‍लायंसेज के दामों में 4-5 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है.

हेयर अप्‍लायंसेज इंडिया (Haier Appliances) के प्रेसिडेंट सतीश एनएस का कहना है कि शंघाई लॉकडाउन की वजह से कंपोनेंट की सप्‍लाई बाधित हुई है. इसका असर जून में देखने को मिलेगा. सबसे ज्‍यादा असर एयर कंडीशनर और फ्लैट पैनल टीवी पर पड़ेगा. फ्रीज पर इसका कम असर होगा. हालांकि, इस वजह से कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी की संभावनाओं से उन्‍होंने इनकार किया है.

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