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EPFO Rules : नौकरी बदलने के बाद कब निकाल लेना चाहिए PF का पैसा ताकि ना उठाना पड़े दोहरा नुकसान?

EPFO Rules – नौकरीपेशा लोग आजकल तेजी से नौकरी बदल रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि उनके एम्‍प्‍लॉय प्रॉविडेंट फंड अकाउंट (EPF Account) का क्‍या होता है? ईपीएफ अकाउंट पर कब तक ब्‍याज (Interest) मिलता रहता है और कब तक जमा पर ब्‍याज टैक्‍स फ्री (Tax Free) रहता है?

हाइलाइट्स

ईपीएफ अकाउंट में कोई ट्रांजेक्‍शन नहीं करते हैं तो कुछ समय तक ही ये एक्टिव रहता है.
अकाउंट एक्टिव रखने के लिए नौकरी छोड़ने के बाद 3 साल से पहले कुछ रकम निकाल लें.
खाता 7 साल निष्क्रिय रहने पर रकम सीनियर सिटीजंस वेलफेयर फंड में चली जाती है.

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नई दिल्ली. प्राइवेट सेक्‍टर में काम करने वाले लोग जल्‍दी-जल्‍दी नौकरी बदल लेते हैं. इस समय भी हर सेक्‍टर में नियुक्तियां चल रही हैं. ऐसे में काफी लोग नई कंपनियों में नौकरी ज्‍वाइन कर रहे हैं. अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो अपने एम्‍प्‍लॉय प्रॉविडेंट फंड (EPF) को लेकर लापरवाही ना बरतें, नहीं तो आपको दोहरा नुकसान उठाना पड़ सकता है. दरअसल, नौकरी छोड़ने के बाद अगर आप अपने ईपीएफ अकाउंट (EPF Account) में कोई ट्रांजेक्‍शन नहीं करते हैं तो कुछ समय तक ही ये एक्टिव रहता है. वहीं, बिना ट्रांजेक्‍शन वाले अकाउंट पर तय अवधि के बाद जमा पर मिलने वाला ब्‍याज टैक्‍सेबल इनकम में तब्‍दील हो जाता है.

निष्क्रिय ईपीएफ अकाउंट पर कब तक मिलेगा ब्‍याज?
नौकरी छोड़ने वाले ज्‍यादातर लोगों को लगता है कि उनके पीएफ अकाउंट में जमा रकम पर ब्याज मिलता रहेगा और पूंजी बढ़ती रहेगी. दरअसल, ऐसा तय अवधि तक ही होता है. बता दें कि नौकरी छोड़ने के बाद पहले 36 महीने तक कोई सहयोग राशि (PF Contribution) जमा नहीं होने पर ईपीएफ अकाउंट निष्क्रिय खाते (In-Operative Account) की श्रेणी में डाल दिया जाता है. ऐसे में आपको अपना खाता एक्टिव रखने के लिए कुछ रकम 3 साल से पहले निकाल लेनी चाहिए.

पीएफ अकाउंट कब तक नहीं किया जाएगा निष्क्रिय?

मौजूदा नियमों के तहत अगर कर्मचारी 55 साल की उम्र में रिटायर (Retirement) होता है और उसके 36 महीने के भीतर जमा रकम निकालने के लिए आवेदन नहीं करता है तो पीएफ अकाउंट निष्क्रिय हो जाएगा. आसान शब्‍दों में समझें तो कंपनी छोड़ने के बाद भी पीएफ अकाउंट पर ब्याज मिलता रहेगा और 55 साल की उम्र तक निष्क्रिय नहीं होगा.

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PF की रकम पर मिले ब्‍याज पर कब से लगेगा टैक्‍स?

नियमों के मुताबिक, सहयोग राशि जमा नहीं करने पर पीएफ अकाउंट निष्क्रिय नहीं होता है. हालांकि, इस दौरान मिले ब्याज पर टैक्स (Tax on Interest Income) लगता है. पीएफ खाते के 7 साल तक निष्क्रिय रहने के बाद भी क्लेम नहीं किया तो रकम सीनियर सिटीजंस वेलफेयर फंड (SCWF) में चली जाती है. बता दें कि ईपीएफ और एमपी एक्ट, 1952 की धारा-17 के जरिये छूट पाने वाले ट्रस्ट भी सीनियर सिटीजंस वेलफेयर फंड के नियमों के दायरे में आते हैं. इन्हें भी खाते की रकम को वेलफेयर फंड में ट्रांसफर करना होता है.

वेलफेयर फंड में ट्रांसफर रकम पर कब तक कर सकते हैं क्‍लेम?

पीएफ अकाउंट की ट्रांसफर हुई बिना क्‍लेम वाली रकम 25 साल तक सीनियर सिटीजंस वेलफेयर फंड में रहती है. इस दौरान पीएफ अकाउंट होल्‍डर रकम पर दावा कर सकता है.

पुरानी कंपनी के पास अपने पीएफ की रकम छोड़ने का कुछ फायदा नहीं होता है. दरअसल, नौकरी नहीं करने की अवधि में कमाए गए ब्याज पर टैक्स लगता है. अगर आप 55 साल में रिटायर होते हैं तो खाते को निष्क्रिय न होने दें. अंतिम बैलेंस जल्द से जल्द निकाल लें. पीएफ अकाउंट 55 साल की उम्र तक निष्क्रिय नहीं होगा. फिर भी पीएफ बैलेंस को पुराने संस्थान से नए संस्थान में ट्रांसफर करना अच्छा है. इससे रिटायरमेंट पर अच्‍छी रकम जुट जाएगी.

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