Delhi-Mumbai Expressway: केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय के अनुसार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे अगले साल तक शुरू हो जाएगा. इस मेगा प्रोजेक्ट से ना सिर्फ दिल्ली से मुंबई का सफर आसान होगा बल्कि इस पूरे बेल्ट में रियल इस्टेट सेक्टर को लेकर डिमांग बढ़ेगी. एक्सप्रेसवे के चलते कई शहरों में बिजनेस पार्क, लॉजिस्टिक पार्क और टाउनशिप में व्यवस्थित निवेश को बढ़ावा मिलेगा.
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नई दिल्ली: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) का 70 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है और अगले साल तक यह शुरू हो जाएगा. सड़क और परिवहन मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. 98,000 करोड़ रुपये के इस मेगा प्रोजेक्ट से ना सिर्फ दिल्ली से मुंबई का सफर आसान होगा बल्कि इस पूरे बेल्ट में रियल इस्टेट सेक्टर को लेकर डिमांग बढ़ेगी. यह एक्सप्रेस-वे 1350 किलोमीटर लंबी होगा , जो कि दिल्ली को नवी मुंबई में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह से जोड़ेगा.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे सरकार की एक महत्वकांक्षी परियोजना है जो कि देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस प्रोजेक्ट के चलते रियल इस्टेट डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रीयल मैन्युफेक्चरिंग के क्षेत्र में बेहतर अवसर पैदा होंगे और इनसे जुड़ी योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा. इस प्रोजेक्ट के शुरू हो जाने के बाद दिल्ली से साउथ की ओर जाने वाले ट्रैफिक का 50% हिस्सा डायवर्ट हो जाएगा. यह एक्सप्रेसवे दुनिया की सबसे बड़ी रोडवेज परियोजनाओं में से एक है और इसके निर्माण में 80 मिलियन टन सीमेंट और 10 मिलियन टन स्टील लगा है.
एक्सप्रेस-वे के चलते कई शहरों में बिजनेस पार्क, लॉजिस्टिक पार्क और टाउनशिप में व्यवस्थित निवेश को बढ़ावा मिलेगा. वहीं आसपास के क्षेत्र में कपड़ा, टेक्सटाइल, केमिकल और कृषि-उद्योग विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. व्यापार और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक प्रोजेक्ट्स को विकसित किया जाएगा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से इंडियन रियल इस्टेट सेक्टर की ग्रोथ बढ़ेगी. क्योंकि हाउसिंग प्रोजेक्ट, टाउनशिप, वेयर हाउस और कमर्शियल प्रॉपर्टी के विकसित होने से डिमांड बढ़ेगी.
इन शहरों से होकर गुजरेगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे
यह विशाल एक्सप्रेसवे गुरुग्राम, अलवर, कोटा, रतलाम, नीमच, वडोदरा जैसे कई शहरों से होकर गुजरेगा. यहां से अन्य बड़े शहर जैसे अहमदाबाद, भोपाल, इंदौर आदि भी ज्यादा दूरी पर नहीं होंगे. हालांकि कुछ इलाकों में पहले से ही प्रॉपर्टी की मांग में तेजी आ गई है. इसमें हरियाणा में सोहना और फरीदाबाद जैसे शहर शामिल हैं. जैसे-जैसे यह प्रोजेक्ट पूरा होगा नये शहरों में प्रॉपर्टी और टाउनशिप में निवेश में तेजी आएगी. इस बीच इन क्षेत्रों में कमर्शियल और मैन्युफेक्चरिंग एक्टिविटी शुरू हो गई है.
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इस प्रोजेक्ट को नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने विकसित किया है. वहीं भारत सरकार इस एक्सप्रेस-वे पर पर्यावरण को लेकर प्रतिकूल प्रभाव को सीमित करने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत सहायता प्रदान कर रही है. इस परियोजना में राजमार्ग पर करीब 10 लाख पेड़ लगाए जाएंगे. एक्सप्रेस-वे पर लाइटिंग सौर ऊर्जा की मदद से चलाई जाएगी. वन्य जीवों के लिए अलग चौराहे की भी व्यवस्था होगी.