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पंजाब

नवजोत सिंह सिद्धू को लुधियाना की अदालत में आज किया जाएगा पेश, सरकार ने मुहैया करवाई सुरक्षा

Navjot Singh Sidhu News: लुधियाना की अदालत में पेश होने के लिए सुरक्षा चिंताएं व्यक्त किए जाने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए निर्देश दिए हैं. सिद्धू रोडरेज के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पटियाला केंद्रीय कारागार में बंद हैं.

चंडीगढ़: पटियाला जेल में बंद नवजोत सिंह सिद्धू को आज यानी शुक्रवार को लुधियाना की अदालत में पेश किया जाएगा. उन्हें बर्खास्त पुलिस डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों द्वारा पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ दायर एक मामले में अदालत में बतौर गवाह पेश होना है. चूंकि बतौर स्थानीय निकाय मंत्री सिद्धू ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे. लुधियाना की अदालत में पेश होने के लिए सुरक्षा चिंताएं व्यक्त किए जाने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए निर्देश दिए हैं. सिद्धू रोडरेज के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पटियाला केंद्रीय कारागार में बंद हैं.

क्या है मामला
करीब चार साल पहले एक आरटीआई एक्टिविस्ट कुलदीप खैरा ने एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण पर अनियमितता बरतने के आरोप लगाया था और इस मामले में जांच की मांग की थी. तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मामले की जांच उस दौरान पूर्व डीएसपी बलविंदर सेखों को दी थी. सेखों ने इसकी रिपोर्ट भी विभाग में सबमिट कर दी थी. इस दौरान पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के साथ सेखों की बहस हो गई थी और बाद में सेखों को नगर निगम के पद से हटाकर कमांडो में तैनात कर दिया गया था. इसके बाद सेखों ने अदालत में सरकारी कर्मचारी को धमकाने, सरकारी काम में बाधा डालने और जान से मारने की धमकियां देने का केस दायर किया था.

अदालत ने जेल अधीक्षक के खिलाफ जारी किए थे वारंट
इस मामले में अब नवजोत सिंह सिद्धू को पेश करने में विफल रहने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुमित मक्कड़ की अदालत ने पटियाला जेल अधीक्षक के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश पारित किया था. सीजेएम ने 19 सितंबर को सत्र न्यायाधीश की अदालत द्वारा सिद्धू की पुनरीक्षण याचिका खारिज होने के बाद आदेश पारित किया था. अपनी पुनरीक्षण याचिका में सिद्धू ने उन्हें गवाह के तौर पर तलब करने के आदेश को चुनौती दी थी. उन्होंने मांग की थी कि या तो उनका नाम गवाहों की सूची से हटा दिया जाए या उन्हें वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने दिया जाए. हालांकि, उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था.

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