राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा का दक्षिण क्षेत्र गत 56 सालों में आर्थिक मजबूती का आधार बना हुआ है। दक्षिण हरियाणा के ब्रज क्षेत्र फरीदाबाद व पलवल में तो आजादी के बाद से ही औद्योगिक विकास शुरू हो गया था। इसके बूते यह क्षेत्र देश का मैनचेस्टर भी कहलाया।
1980 के दशक में गुरुग्राम में मारुति कंपनी के आने के बाद यह शहर भी अगले तीस सालों में वैश्विक स्तर पर साइबर हब के रूप में विकसित हो गया। इन दोनों शहरों से अलग दक्षिण का अहीरवाल शिक्षा और कृषि क्षेत्र से आगे बढ़ा। सिंचाई योग्य पानी की कमी के बावजूद भी अहीरवाल के रेवाड़ी, नारनौल और महेंद्रगढ़ ने विकास के नए आयाम छुए हैं।
कनेक्टिविटी का हब बन रहा दक्षिण हरियाणा
कुुंडली, मानेसर, पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे के बाद कुंडली गाजियाबाद (केजीपी) पलवल एक्सप्रेस वे बनने से दक्षिण हरियाणा की दिल्ली और एनसीआर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सीधी कनेक्टविटी हो गई। साथ ही साथ अब केएमपी के साथ हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर का शिलान्यास हो गया है। इससे गुरुग्राम, फरीदाबाद को मेट्रो रेल के साथ सामान्य रेल कनेक्टिविटी का बेहतर विकल्प मिल जाएगा। इतना ही नहीं दिल्ली वडोदरा मुंबई एक्सप्रेस वे से फरीदाबाद, पलवल, नूंह, गुरुग्राम, रेवाड़ी सहित नारनौल की उत्तर भारत से बेहतर कनेक्टिविटी हो जाएगी।
बदलेगी गुरुग्राम के बाद सोनीपत सहित जाटलैंड की तस्वीर
राज्य की राजनीति में सोनीपत का अलग स्थान रहा है। सोनीपत कभी नेतृत्व नहीं दे सका लेकिन नेतृत्व बनाने में सोनीपत जिले की अहम भूमिका रही है। अब 2022 में सोनीपत के खरखौदा में मारुति-सुजुकी कंपनी के नए प्लांट की आधारशिला रख दी गई है। इसके बाद यह माना जा रहा है कि सोनीपत ही नहीं इसके आसपास जाटलैंड माने जाने वाले रोहतक, झज्जर और जींद जिला की भी तस्वीर बदल जाएगी।
राजनीतिक नेतृत्व देने से ज्यादा इसका नाम आर्थिक विकास में लिया जाएगा। सोनीपत में मारुति आने से यहां के 50 किलोमीटर दायरे में जमीन के भाव दो गुना हो गए हैं। मारुति के आने से माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में करीब 300 मध्यम श्रेणी के कारखाने तैयार होंगे। इसके अलावा सोनीपत में रेल मंत्रालय कोच बनाने की फैक्ट्री भी तैयार कर दी है। इससे करीब 800 नए कारखाने मध्यम श्रेणी के तैयार होंगे।
गुरुग्राम-फरीदाबाद के नजदीक नूंह विकास में पिछड़ा
देश के 112 आकांक्षी जिलों में शामिल दक्षिण हरियाणा के नूंह जिला की समग्र रैकिंग में सुधार आया है। अब नूंह आकांक्षी जिलों की सूची में तीसरे नंबर पर है। लेकिन मौजूदा समय में साइबर सिटी गुरुग्राम और लंबे समय तक औद्योगिक नगरी फरीदाबाद से सटे होने के बावजूद भी नूंह अति पिछड़ा जिला क्यों रह गया, यह सवाल अकेले नूंह जिलावासियों के लिए ही नहीं बल्कि यहां रहे सभी दलों के जनप्रतिनिधियों के लिए भी है।
फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि फरीदाबाद और गुरुग्राम से राज्य का 55 फीसद राजस्व प्राप्त होता है। यहां के समग्र विकास पर हमारा कोई सवाल नहीं है लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा पर्यावरण संरक्षण का है। इन दोनों बढ़ते शहरों में पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष ध्यान देना होगा।
गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान जेएन मंगला का कहना है कि राज्य के लिए सर्वाधिक राजस्व जुटाने वाले उद्योग और व्यापार जगत की समस्याओं को सरकार यदि कृषि जगत की तरह देखे तो निश्चित तौर पर विकास की गति और तेज होगी। उद्योग और व्यापार बढ़ेगा तो रोजगार के संसाधन भी बढ़ेंगे।