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टीवी लगाकर बैठी थीं तभी आई बेटे के जमानत की खबर, खुशी से झूम उठीं संजय राउत की मां

संजय राउत (Sanjay Raut) की जमानत याचिका पर आज अदालत को फैसला सुनाना था। इसलिए उनकी मां भी सुबह से टीवी लगाकर खबरें सुन रही थीं। उन्हें इंतजार था तो सिर्फ इस बात का कि अदालत उनके बेटे संजय राउत के संबंध में क्या फैसला सुनाएगी? क्या अदालत उन्हें जमानत देगी या फिर उन्हें जेल की कोठरी में रहना पड़ेगा? इसी उधेड़बुन के बीच में अचानक टीवी पर खबर आई और संजय राउत की मां खुशी से झूम उठीं। खबर थी संजय राउत को अदालत द्वारा जमानत मिलने की। यह बात संजय राउत के भाई ने मीडिया से मुखातिब होने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आज हमारी आंख में जो आंसू हैं वो गम के नहीं बल्कि खुशी के हैं। जेल जाने के पहले भी संजय राउत ने अपनी मां के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया था और उन्हें गले लगाया था। जेल में रहने के दौरान भी संजय राउत ने अपनी मां को भावुक पत्र भी लिखा था। जेल जाने के पहले संजय राउत बीजेपी (BJP) और एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde) पर जमकर निशाना साध रहे थे। माना जा रहा है कि रिहाई के बाद फिर से शिवसेना की यह तोप दोबारा विरोधियों पर बम बरसाएगी।

102 दिन बाद आर्थर रोड जेल से रिहा हुए संजय राउत

आखिरकार 102 दिन बाद शिवसेना सांसद संजय राउत मुंबई के आर्थर रोड जेल से रिहा हो चुके हैं। उन्हें गोरेगांव वेस्ट की पात्रा चॉल घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ले गिरफ्तार किया था। संजय राउत के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था। संजय राउत के भाई सुनील राउत के मुताबिक घर ले जाने के पहले हॉस्पिटल ले जाया जाएगा। सुनील राउत ने बताया कि संजय राउत की तबीयत ठीक नहीं है। लिहाजा अस्पताल ले जाकर उनका चेकअप करवाया जाएगा।

यह भी जानकारी सामने आ रही है कि वो दादर के शिवाजी पार्क दिवंगत बालासाहेब के स्मृतिस्थल पर जाएंगे उसके बाद वो मातोश्री में जाकर उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात करेंगे। संजय राउत की जेेल से रिहाई की खबर के बाद दादर स्थित शिवसेना भवन के बाहर पटाखे फोड़े गए और जमकर आतिशबाजी की गई। कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए हैं। जिनमें लिखा गया है कि ‘टाइगर इस बैक’। जेेल सेे रिहाई के दौरान राउत के समर्थक भी भारी तादात में मौजूद थे।

पात्रा चॉल मामले में गिरफ्तार हुए संजय राउत

शिवसेना सांसद संजय राउत मुंबई स्थित गोरेगांव वेस्ट की पात्रा चॉल घोटाला मामले में एक सौ दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए थे। उन्होंने मुंबई की आर्थर रोड जेल में तीन महीने से ज्यादा का वक्त गुजारा है। संजय राउत के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। इस घोटाले में संजय राउत के अलावा प्रवीण राउत भी गिरफ्तार किए गए थे। बुधवार को इन दोनों ही लोगों को विशेष पीएमएलए कोर्ट जमानत दे दी है।

पात्रा चॉल स्कैम क्या है?

पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत 2007 से हुई। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा (MHADA), प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है। 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया। यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था। म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं। रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे। म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था। 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए।

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