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NPS अकाउंट होल्‍डर की मृत्‍यु के बाद क्‍या नॉमिनी को मिलता है पेंशन का लाभ?

अगर NPS अकाउंट होल्‍डर की किसी कारणवश मृत्‍यु हो जाए तो उसके पैसे का क्‍या होता है. क्‍या मृत्‍यु के बाद अकाउंट होल्‍डर के नॉमिनी को पेंशन का फायदा मिलता है और अगर अकाउंट होल्‍डर ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया तो उसके द्वारा जमा रकम का क्‍या होता है?

रिटायरमेंट के बाद मोटा फंड इकट्ठा करने और रेगुलर इनकम का इंतजाम करने के लिए एनपीएस (National Pension System-NPS) एक बेहतर विकल्‍प है. ये एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्लान है जिसे सरकार ने 2004 में शुरू किया था. इसमें खाताधारक को बाजार आधारित रिटर्न मिलता है. इस स्‍कीम में दो तरह से पैसा निवेश किया जाता है. पहला टियर-1 जोकि एक रिटायरमेंट अकाउंट होता है और दूसरा टियर-2 जोकि एक वॉलंटरी अकाउंट है. एनपीएस में निवेश की गई कुल राशि का 60 फीसदी आप 60 साल के होने के बाद एकमुश्‍त ले सकते हैं, जबकि 40 फीसदी हिस्‍सा एन्‍युटी के तौर पर इस्‍तेमाल किया जाता है. 

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लेकिन अगर NPS अकाउंट होल्‍डर की किसी कारणवश मृत्‍यु हो जाए तो उसके पैसे का क्‍या होता है. क्‍या मृत्‍यु के बाद अकाउंट होल्‍डर के नॉमिनी को पेंशन का फायदा मिलता है और अगर अकाउंट होल्‍डर ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया तो उसके द्वारा जमा रकम का क्‍या होता है? यहां जानिए इन सारे सवालों के जवाब.

जानिए क्‍या कहता है नियम

PFRDA (एग्जिट एंड विड्रॉल अंडर NPS) रेगुलेशन के मुताबिक अगर अकाउंट होल्‍डर की मृत्‍यु हो जाती है तो 100% एनपीएस कॉर्पस का भुगतान नॉमिनी को किया जाता है. अगर नॉमिनी पेंशन लेने का इच्‍छुक है तो उसे इसके लिए एन्‍युटी खरीदने का विकल्‍प भी दिया जाता है. ऐसे में उसे एन्‍युटी सर्विस प्रोवाइडर (ASP) और डेथ विड्रॉल फॉर्म पर एन्‍युटी स्कीम को चुनना होगा.

नॉमिनेशन न होने पर

अगर किसी खाताधारक ने नॉमिनी बनाया ही नहीं है, तो इस स्थिति में उसके कानूनी उत्‍तराधिकारी या परिवार के सदस्‍य को जमा की हुई रकम दे दी जाती है. इसके लिए परिवार को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate) दिखाना होगा. इस सर्टिफिकेट को राज्य के रेवेन्यू विभाग में जमा करना होता है, इसके बाद वेरिफिकेशन किया जाता है; वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद खाते में जमा राशि को परिवार को सौंप दिया जाता है.

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इन दस्‍तावेजों की जरूरत 

नॉमिनी या उत्तराधिकारी को एनपीएस की राशि को क्‍लेम करने के लिए कुछ दस्‍तावेजों को डेथ विड्रॉल फॉर्म भरना होता है. ये फॉर्म www.npscra.nsdl.co.in की वेबसाइट से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है. इस फॉर्म में सभी जरूरी कागजी कार्रवाई की एक सूची दी गई होती है, इस सूची में दिए गए दस्‍तावेजों को फॉर्म के साथ अटैच करना होता है. इसमें मृत्यु प्रमाण पत्र, कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र/उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, केवाईसी दस्तावेज व बैंक खाता प्रमाण (नॉमिनी और कानूनी उत्तराधिकारी) आदि शामिल हैं.

फंड के लिए क्‍लेम करने वाले नॉमिनी या उत्‍तराधिकारी को पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) के पास सारे दस्‍तावेज जमा करने होते हैं. इसके बाद वेरिफिकेशन किया जाता है. वेरिफिकेशन के बाद निकासी की अर्जी को प्रोटियन सीआरए पर आगे बढ़ा दिया जाता है. इसके बाद लंप-सम अमाउंट दावेदार के खाते में भेज दिया जाता है. अगर नॉमिनी या उत्‍तराधिकारी ने एन्युटी का चयन किया है तो इसकी जानकारी उनके द्वारा चुने गए एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर के साथ शेयर की जाएगी.

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