G20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में दास ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार आया है। हम सभी को चुनौतियों का साथ मिलकर समाधान करना होगा।
ये भी पढ़ें-:Bank में पैसा जमा करने से पहले नहीं किया ये काम तो परिवार को लगाने पड़ जाएंगे चक्कर, अटक जाएगी मेहनत की कमाई
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को जी20 देशों से वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली वित्तीय स्थिरता (Financial Stability) और ऋण संकट (Debt Distress) जैसी चुनौतियों का दृढ़ता से समाधान करने का आह्वान किया।
ये भी पढ़ें-:FD पर ये बैंक दे रहे हैं आकर्षक ब्याज, फिक्स्ड रिटर्न के साथ पाएं टैक्स में छूट और 80C का लाभ
G20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में दास ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार आया है और अब इस बात की उम्मीद लगाई जा रही है कि दुनिया में एक बड़ी मंदी नहीं आएगी। केवल ग्रोथ धीमी होगी या छोटी मंदी आएगी।
ये भी पढ़ें-:Post Office: शानदार है पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम, 7.1 फीसदी मिलेगा ब्याज
चुनौतियों का मिलकर करना होगा समाधान
ये भी पढ़ें-:HDFC के बाद ICICI बैंक ने दी खुशखबरी, FD पर बढ़ाया ब्याज.. ग्राहकों की बल्ले-बल्ले
दास ने आगे कहा कि हमारे सामने अभी भी चुनौतियां बरकरार हैं। मध्यम से छोटी अवधि में क्लाइमेट फाइनेंस, वित्तीय स्थिरता और ऋण संकट के सामने आने वाले किसी भी खतरे का हमें साथ मिलकर समाधान निकालना चाहिए। हमें अधिक से अधिक वैश्विक आर्थिक सहयोग और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत टिकाऊ संतुलित और समावेशी विकास का पथ स्थापित करना है।
ये भी पढ़ें-:कृषि बजट नौ साल में 5 गुना बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हुआ: पीएम मोदी
बता दें, भारत की अध्यक्षता में होने वाला G20 सम्मेलन की पहली वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक हो रही है।
दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकते हैं G20 देश
ये भी पढ़ें-:IRCTC: इस टूर पैकेज से करिये वैष्णो देवी के दर्शन, जानिये डिटेल
G20 बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में होने वाला G20 सम्मेलन बड़ी वैश्विक चुनौतियों के समग्र समाधान तलाशने पर केंद्रित होगी। G20 देश जरूरतों और परिस्थितियों का समझते हुए सदस्यों की ताकत का लाभ उठाकर दुनिया भर में जीवन बदल सकते हैं। यह नए विचारों का एक इनक्यूबेटर हो सकता है।