7th CPC: सातवें वेतन आयोग (7th CPC) की जब सिफारिश को लागू किया गया था तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में छठे वेतन आयोग (6th CPC) के न्यूनतम वेतन के मुकाबले 14.3% की वृद्धि की गई थी.
7th Pay Commission Latest News: केंद्र सरकार के 50 लाख से ज्यादा कर्मचारी महंगाई भत्ते में इजाफा होने का इंतजार कर रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि सरकार ने इस पर फैसला कर लिया है लेकिन अभी तक आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है. आपको बता दें सातवें वेतन आयोग (7th CPC) की जब सिफारिश को लागू किया गया था तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में छठे वेतन आयोग (6th CPC) के न्यूनतम वेतन के मुकाबले 14.3% की वृद्धि की गई थी. इसके अलावा जब छठा वेतन आयोग लागू हुआ था तो पांचवें वेतन आयोग (5th CPC) के मुकाबले बेसिक वेतन में 54% का इजाफा हुआ था.
सरकार ने लोकसभा में दी जानकारी
इससे पहले की बात करें तो पांचवें वेतन आयोग (5th CPC) के तहत न्यूनतम वेतन में 31% का इजाफा हुआ था. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी साझा की. उन्होंने संसद में 2014 से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए घोषित अलग-अलग टैक्स बेनिफिट उपायों का विवरण शेयर किया. आइए जानते हैं कैसे?
1. वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार की तरफ से मूल कर छूट की सीमा को बढ़ा दिया गया है. इसे 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा आयकर की धारा 80C के तहत कटौती का दावा करने की लिमिट को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया है.
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2. वित्त अधिनियम, 2017 के तहत ऐसे व्यक्तियों के लिए आयकर की लिमिट को घटा दिया गया, जिनकी कुल आमदनी 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच है. इसे 10% से घटाकर 5% कर दिया गया.
3. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,00o रुपये कर दिया गया. इससे टैक्स पेयर सैलरीड क्लॉस और पेंशनर्स दोनों का फायदा हुआ.
4. वित्त अधिनियम, 2019 में सेक्शन 87A के तहत 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वालों को टैक्स से पूरी राहत दी गई.
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5. पेंशन लेने वाले सीनियर सिटीज को राहत देने के लिए वित्त अधिनियम, 2018 में अलग-अलग प्रोत्साहन दिए गए. जैसे- 80D के तहत मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती की लिमिट को 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया. इसी तरह गंभीर बीमारियों के लिए चिकित्सा खर्च को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया. वरिष्ठ नागरिकों को बैंक या डाकघर में जमा रकम पर मिलने वाले 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स से छूट दी गई.