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Investment Tips: सफल निवेश का बनाएं प्लान, इन बातों का रखें ध्यान

निवेश के लिए बचत जरूरी है और बचत आप तभी कर सकते हैं जब खर्चों पर लगाम लगाई जाए. इसके लिए जरूरी है कि 3 महीने के खर्चे का बारीकी से अध्ययन किया जाए. इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि किन खर्चों में कटौती की जा सकती है. अच्छा होगा कि सैलरी मिलते ही पहले बचत करें फिर बची हुई रकम से खर्चों की पूर्ति करें.

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राकेश झुनझुनवाला, राधाकिशन दमानी, विजय केडिया, आशीष कोचलिया और डॉली खन्ना समेत शेयर बाजार के दिग्गजों के बारे में जब भी सुनते या पढ़ते हैं तो हम भी उनकी तरह मालामाल होने के सपने देखने लग जाते हैं. इन तमाम दिग्गजों का अनुसरण करते हुए शेयर मार्केट में दाव लगाना भी शुरू कर देते हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों को दाव लगाते ही चोट खानी पड़ती है और कड़ी मेहनत से जमा किया पैसा गंवा बैठते हैं.

अमित कुमार ने भी अपने साथियों की देखा-देखी बाजार में हाथ आजमाना शुरू कर दिया, लेकिन ‘सिर मुंडाते ही ओले पड़ना’ वाली कहावत अमित के लिए सही साबित हुई. अमित ने येस बैंक के शेयर उस समय खरीदे थे जब उनकी कीमत 20 रुपये प्रति शेयर थी. लेकिन स्टॉक लेते ही येस बैंक गोते लगाने लगा और ऐसा डूबा कि लंबे समय तक उबरने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं. अमित को दूसरा झटका पेटीएम का आईपीओ रहा. वैसे तो अमित ने इससे पहले भी कई आईपीओ के लिए आवेदन किए, लेकिन कभी कोई हाथ नहीं लगा. और हाथ लगा तो पेटीएम का आईपीओ. अमित को बाजार ने दो ऐसे झटके दिए कि अब वह भूलकर भी शेयर मार्केट का जिक्र तक नहीं करता है.

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ये सही है कि कोविड महामारी के बाद लोगों में वित्तीय साक्षरता बढ़ी है. लोग इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट आदि को लेकर अधिक जागरुक हुए हैं. और उसी का नतीजा है कि शेयर बाजार की तरफ भी लोगों का रुझान ज्यादा बढ़ा है. लेकिन आधे-अधुरे ज्ञान के आधार पर शेयर बाजार हमेशा नुकसानदायक ही साबित होता है.

अभी हाल ही में पेंगुइन रैंडम हाउस से प्रकाशित पुस्तक ‘डायमंड्स इन द डस्ट’ बड़े ही रोचक ढंग से बताया गया है कि निवेश में टेस्ट क्रिकेट मैच वाले नियम लागू होते हैं. पुस्तक कहती है कि निवेश कोई टी-20 मैच नहीं है जिसमें हर बल्लेबाज गेंद को मैदान से बाहर मारने का प्रयास करता है. बल्कि निवेश तो टेस्ट क्रिकेट की तरह है जहां बल्लेबाज हर गेंद को खेलता भी नहीं है. और पिच पर लंबा टिके रहने के लिए बड़ी सावधानी से एक-दो रन बनाता है. मौका मिलने पर ही किसी हल्की गेंद पर शॉट मारने का प्रयास करता है.

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जी हां, निवेश के लिए स्टॉक की गहरी समझ और असीम धैर्य की जरूरत होती है. ज्यादातर निवेशक शेयर बाजार में निवेश को दूसरों की देखा-देखी फटाफट पैसा कमाने का जरिया समझते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है.

इसलिए जरूरी है कि निवेश करते समय कुछ ऐसे मानदंड हैं जिनपर ध्यान देना बहुत जरूरी है. हम यहां कुछ ऐसे बिन्दुओं पर चर्चा कर रहे हैं जिन पर अमल करके निवेश के माध्यम से हम अपने आर्थिक सपनों को पूरा कर सकते हैं-

पैसे से पहले समय का निवेश
कहते हैं कि जितनी चादर हो, उतने पैर पसारने चाहिए. इस बात को ध्यान में रखते हुए पहले सही ढंग से अपनी आर्थिक स्थिति को समझें. अपने खर्च, बचत और जोखिम लेने की क्षमता पर का आकलन करें. सफल निवेश के लिए पहला कदम अपने लक्ष्यों और जोखिम क्षमता का पता लगाना है. इसलिए इन बातों को समझने के लिए पैसा निवेश करने से पहले कुछ अच्छा समय निवेश करें.

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इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप अपने निवेश से पैसा कमाएंगे, लेकिन अगर आप रणनीति और उचित योजना के साथ निवेश करते हैं, तो आपको आने वाले समय में वित्तीय सुरक्षा हासिल करने और अपने पैसे को मैनेज करने में सक्षम हो जाएंगे.

टारगेट तय करें, जोखिम को पहचानें
निवेश का पहला उसूल है कि आप किस लिए और क्यों निवेश कर रहे हैं, इस बात की जानकारी होना. चूंकि निवेश बाजार के जोखिमों से भरा होता है इसलिए आप कितना नुकसान सहन कर सकते हैं, इस बात का भी सही तरीके से अध्ययन करें. यहां यह समझना महत्वपूर्ण है कि आप कुछ या सभी निवेशित राशि खो सकते हैं. आपकी मूल राशि हमेशा दांव पर लगी रहती है.

ये सही है कि जहां ज्यादा जोखिम होता है, फायदा भी वहीं ज्यादा होता है. आप जोखिम ले सकते हैं और आपके पास लंबे समय का लक्ष्य है, तो आप एफडी या सरकारी बॉन्ड के बजाय बाजार में निवेश करके अधिक पैसा बनाने की संभावना रखते हैं.

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संपत्ति का आवंटन
जब आप निवेश करते हैं तो आपके पास स्मार्ट रणनीति होनी चाहिए. क्योंकि सफल निवेश के लिए एसेट एलोकेशन बहुत मायने रखता है. निवेश में रिस्क और रिटर्न दोनों में बैलेंस बनाकर रखना चाहिए. किसी एक मद में सारा पैसा लगाने के बजाय अलग-अलग मद में निवेश करना समझदारी कहलाता है. निवेश में 3 प्रमुख श्रेणियां हैं- स्टॉक/म्युचुअल फंड, गोल्ड आदि और गारंटिड रिटर्न फंड. इसलिए निवेशक को इक्विटी, डेट और सोना का तालमेल बिठाकर निवेश करना चाहिए.

स्टॉक/म्यूचुअल उच्च जोखिम से जुड़े होते हैं, लेकिन इनमें रिटर्न अच्छा मिलता है. सोना कम जोखिमभरा होता है. इसमें स्टॉक के मुकाबले कम रिटर्न मिलता है. अब आती है बारी गारंटीकृत फंड जैसे एफडी आदि. इसमें आपका पैसा सुरक्षित रहता है, लेकिन रिटर्न कम मिलता है. इससे आप महंगाई को मात नहीं दे सकते हैं.

एक पोर्टफोलियो के भीतर अलग-अलग बाजार स्थितियों के अनुसार निवेश करके नुकसान को आसानी से कम किया जा सकता है. बाजार की स्थितियां जो एक संपत्ति श्रेणी को अच्छा प्रदर्शन करने का कारण बनती हैं, अक्सर दूसरी परिसंपत्ति श्रेणी में औसत या खराब रिटर्न का कारण बनती हैं.

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हमेशा याद रखें कि आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आपके पोर्टफोलियो में जोखिम की कुछ मात्रा महत्वपूर्ण है. यदि आप अपने पोर्टफोलियो में पर्याप्त जोखिम शामिल नहीं करते हैं, तो हो सकता है कि आपके निवेश आपके लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त रिटर्न अर्जित न करें.

निवेश में विविधता
यदि आप अपने जोखिम को कम करना चाहते हैं तो अपने निवेश में विविधता लाना जरूरी है. यदि आप किसी खास शेयर में बड़ा निवेश करते हैं तो आपको बड़े जोखिम का सामना करना पड़ेगा. यदि वह शेयर खराब प्रदर्शन करता है या कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो आपका बड़ा नुकसान हो सकता है. इसलिए, एक स्टॉक या एक सेगमेंट में निवेश नहीं करना चाहिए. इक्विटी, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, एफडी, रियल्टी, मेटल्स आदि में निवेश का एक निश्चित मात्रा रखना बहुत महत्वपूर्ण है.

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इमरजेंसी फंड
मुसीबत कही कह कर नहीं आती. ऐसे में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए निवेश से अलग आपके पास एक आपात फंड भी होना चाहिए. यह फंड आपकी कम से कम 6 महीने की मासिक आमदनी के बराबर होना चाहिए. अगर आपका एक महीने का वेतन 50,000 रुपये है तो आपके पास कम से कम तीन लाख रुपये का इमरजेंसी फंड जरूर होना चाहिए. इमरजेंसी फंड से फायदा यह होता है कि मुसीबत के समय आपका निवेश सुरक्षित रहता है और आपको भविष्य में अपने सपनों से समझौता नहीं करना पड़ता.

इस तरह कुछ बातें हैं जिन पर ध्यान देकर आप निवेश की अच्छी शुरूआत कर सकते हैं.

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