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क्या आप जानते हैं एसी का टेंपरेचर 24 डिग्री सेल्सियस क्यों होना चाहिए?

यूं तो गर्मी का मौसम बीत चुका है, लेकिन मानसून के बीच भी देश के कई हिस्सों में कड़कती धूप, उमस और तपिश देखी जा रही है. इससे बचने के लिए अगर आप भी एसी का टेम्परेचर कम कर देते हैं, तो जानें इसके नुकसान.

यूं तो मानसून की दस्तक देशभर में पड़ चुकी है, लेकिन उत्तर भारत के कई शहरों में लोग गर्मी से अब भी बेहाल हैं. बढ़ती उमस के बीच लोग अब भी दिन-दिन भर एसी चलाने को मजबूर हैं. गर्मी से राहत पाने के लिए अगर आप भी एसी का इस्तेमाल करते हैं, तो आज हम आपके काम से जुड़ी ज़रूरी खबर लाए हैं.

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ज्यादा गर्मी पड़ने पर कई बार कुछ लोग अपने एयर कंडीशनर को सबसे कम टेंपरेचर यानी 18 डिग्री सेल्सियस पर सेट कर देते हैं. जब आप  ऐसा करते हैं, तो एयर कंडीशनर को आपके रूम को ठंडा करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में बिजली की खपत बढ़ जाती है. इसीलिए एयर कंडीशनर को हमेशा 24 डिग्री सेल्सियस पर सेट करके रखने की सलाह दी जाती है.

24 डिग्री सेल्सियस पर एयर कंडीशनर को सेट करने पर यह बिजली की खपत भी कम करता है और रूम टेंपरेचर भी मेंटेन करके रखता है. ऊर्जा विभाग द्वारा बताया जाता है कि अगर आपके एयर कंडीशनर का टेंपरेचर 24 डिग्री सेल्सियस पर रहे, तो आपके बिजली बिल में साल भर में 4000 रूपए की बचत होगी. जानकारी के अनुसार एयर कंडीशनर का 1 डिग्री टेंपरेचर बढ़ाने से 6% तक बिजली की खपत कम होती है. इसलिए अगर आप एसी का टेम्परेचर 24 डिग्री सेल्सियस पर रखते हैं, तो इससे 18% तक एनर्जी की बचत होगी.

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– इन सबके अलावा अगर कोई व्यक्ति 23 डिग्री सेल्सियस से कम टेंपरेचर में सोए, तो उसे अक्सर सांस से जुड़ी समस्या होती रहती है. कम तापमान में एयर कंडीशनर कमरे के अंदर की सारी नमी को सोख लेता है, जिससे त्वचा से जुड़ी समस्या होने का खतरा भी बना रहता है. अगली बार जब आप एयर कंडीशनर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसे 24 डिग्री सेल्सियस पर सेट करके रखें. ऐसा करने से आपकी बिजली की खपत भी कम होगी, साथ ही इसका असर सेहत पर भी नहीं होगा.  मानसून में स्किन इंफेक्शन का खतरा ऐसे भी बढ़ जाता है, ऐसे में इससे निपटने के लिए बाकी सावधानी, हाइजीन के साथ-साथ एसी के टेम्परेचर का ध्यान रखना भी बेहद ज़रूरी हो जाता है. इसलिए एसी चलाने के दौरान ख़ास सावधानी बरतें.

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