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चेक बाउंस से जुड़े इन नियमों के बारे में कितना जानते हैं आप?

cheque

Cheque Bounce Guide: आजकल डिजिटल पेमेंट का चलन काफी बढ़ चुका है। अब लोग कैश नहीं, बल्कि गूगल पे, फोने पे के साथ-साथ चेक से लेन-देन कर रहे हैं।

जब किसी व्यक्ति को बड़ा अमाउंट देना होता है तो सबसे सुरक्षित चेक पेमेंट ही माना जाता है, क्योंकि इसमें अधिक टेंसन का काम नहीं होता है। बैंक में चेक डाला और 3-4 दिन बाद चेक क्लियर हो जाता है।

लेकिन चेक को लेकर एक समस्या जरूर है। अगर दूसरों को दिया हुआ चेक बाउंस करता है यह दूसरों के द्वारा आपको दिया हुआ चेक बाउंस करता है तो दोनों मुश्किल में पड़ सकते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि चेक बाउंस क्या है और चेक बाउंस से जुड़ी क्या-क्या जानकारी आपको मालूम होनी चाहिए। आइए जानते हैं।

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चेक बाउंस क्या है?

cheque bounce charges

अगर किसी ने आपको चेक दिया है और उस अकाउंट में उतना पैसा नहीं है तो इस परिस्थिति में चेक बाउंस हो जाता है। इसके अलावा अगर आपने किसी व्यक्ति को 2 लाख का चेक दिया और चेक बैंक में जमा करने के बाद उसके अकाउंट में पैसा नहीं पहुंचता है तो इस परिस्थिति में भी चेक बाउंस हो सकता है।

चेक बाउंस होने के बाद क्या है नियम?

बात करें चेक बाउंस होने के नियम के बारे में तो, अगर कोई चेक बाउंस होता है तो एक महीने में अंदर चेक देने वाले व्यक्ति को चेक का भुगतान नहीं करता है, तो उसके नाम से लीगल नोटिस जारी हो सकता है।

अगर नोटिस देने के 15 दिनों बाद भी व्यक्ति कोई जवाब नहीं देता है तो ऐसे इंसान के खिलाफ निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 (Negotiable Instrument Act 1881) के सेक्शन 138 के अंतर्गत केस तक किया जा सकता है।(ITR भरते वक्त न करें ये 3 गलतियां)

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चेक बाउंस होने पर क्या होगा?

cheque bounce rules in india

अगर चेक बाउंस होता है तो चेक देने वाले के ऊपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह बैंक द्वारा जुर्माना लगाया जाता है। चेक बाउंस होने मामले में दो साल की जेल भी हो सकती है। अगर दो से अधिक बार चेक बाउंस होता है बैंक द्वारा अकाउंट भी बंद किया जा सकता है।

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चेक क्लियर न होने के अन्य कारण

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  • सिर्फ चेक बाउंस करने से ही नहीं, बल्कि अन्य कई कारणों की वजह से भी चेक क्लियर नहीं होता है। जैसे-
  • चेक देने वाले व्यक्ति के अकाउंट में पर्याप्त पैसा न होना।(प्रोविडेंट फंड पर भी अब कटेगा टैक्स?)
  • बैंक अकाउंट और चेक में हस्ताक्षर एक समान न होने की वजह से भी चेक क्लियर नहीं होता है।
  • शब्दों और संख्या की राशि में अंतर दिखाई देता है तो चेक क्लियर नहीं होता है।
  • चेक किसी स्थान से फटा-कटा होता है तब भी चेक क्लियर नहीं होता है।
  • नाम और तरीका का गलत होना और चेक पर ओवर राइटिंग करने की वजह से भी चेक क्लियर नहीं होता है।

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