All for Joomla All for Webmasters
बिज़नेस

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे को है इस टेक्नोलॉजी की जरूरत, इन देशों से लेनी होगी सीख

नई दिल्ली. ओडिशा में हुए भीषण रेल हादसे में 288 लोगों की जान चली गई और करीब 900 लोग घायल हुए. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस दुर्घटना की वजह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव को बताया है. इस दुर्घटना के बाद भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में इस तरह के हादसों को रोकने के उपायों की चर्चा भी हो रही है. कहा जा रहा है कि अगर भारत में विकसित देशों जैसा एडवांस सिग्निलिंग सिस्टम और सिक्योरटी सिस्टम होता तो इस भीषण हादसे से बचा जा सकता था.

आपको बता दें कि दुनिया के कई देशों में ट्रेन को पटरी से उतरने से रोकने के लिए अलग अलग तरह की टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है. हम यहां आपको जापान, जर्मनी, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों में रेल दुर्घटनाओं को रोकने में काम आने वाली टेक्नोलॉजी के बारे में बता रहे हैं.

ये भी पढ़ें– RS 2000 Notes Withdraw: SBI के पास 14 हजार करोड़ के 2000 के नोट, चेयरमैन ने बताया बैंकों में क्‍यों नहीं लगी भीड़?

टक्कर से बचाव के लिए टेक्नोलॉजी
विकसित देशों में रेलवे ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है जो ट्रेन ऑपरेटरों को रीयल-टाइम अलर्ट देती है. इससे उन्हें आगे के ट्रैक पर किसी तरह का अवरोध या रुकावट होने पर तुरंत एक्शन लेने में मदद मिलती है. वहीं दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ट्रैक की नियमित जांच भी जरूरी है. इससे रेलवे को संभावित खतरों की पहचान करने में मदद मिलती है. कई देशों में ऑटोमेटिक ट्रैक इंस्पेक्शन टेक्नोलॉजी की सहायता से पटरियों की जांच की जाती है.

पॉजिटिव ट्रेन कंट्रोल (PTC) सिस्टम
कई पश्चिमी देशों में ट्रेनों में पॉजिटिव ट्रेन कंट्रोल (PTC) जैसे एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम लगे होते हैं. अगर भारतीय रेलवे भी इस तरह की एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम को हमारे यहां लागू करे तो यह टेक्नोलॉजी ट्रेनों की संभावित टक्कर को रोकने के लिए ऑटोमेटिक ब्रेक लगा सकती है. भारतीय रेल में हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं. इसका नेटवर्क दुनिया में चौथे नंबर पर आता है. ऐसे में रेलवे में सफर करने वाले लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इसे नई टेक्नोलॉजी की मदद से आधुनिक बनाना बेहद जरूरी है.

ये भी पढ़ें– जनता 2000 के नोट बदलवा रही या करवा रही जमा? SBI ने खोलकर रख दी रिपोर्ट, होश उड़ाने वाली है सच्चाई

वायरलेस डेटा नेटवर्क
यूरोपीय देश जर्मनी रेलवे के लिए अपने अच्छे सुरक्षा मानकों और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के लिए जाना जाता है. यहां रेलवे कर्मचारियों की ट्रेनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है और नियमित सुरक्षा ऑडिट की जाती है. इसी तरह जापान में भी रेलवे के मॉडर्न और सिक्योर सिस्टम के लिए जाना जाता है. बता दें कि भारतीय रेलवे को अपने कम्युनिकेशन सिस्टम को और भी आधुनिक बनाने की जरूरत है. इसके लिए वायरलेस डेटा नेटवर्क और रीयल-टाइम रिपोर्टिंग टूल समेत यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ETCS) जैसी सुविधाओं की जरूरत है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top