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‘सुख की सरकार’ में भी बढ़ा दुख, आधा माह बीता, HRTC कर्मियों को नहीं मिली सैलरी

शिमला. हिमाचल प्रदेश में ‘सुख की सरकार’ में भी एचआरटीसी (Hrtc) कर्मचारियों का ‘दुख’ खत्म नहीं हुआ है. जैसे हालात भाजपा सरकार में थे, वैसे ही कुछ सुक्खू सरकार में हैं. आधा महीने गुजर गया है और प्रदेश में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है. वहीं, पैंशनर्स को सैलरी भी नहीं मिली है. हालांकि, हिमाचल पथ परिवहन निगम के एमडी संदीप कुमार का कहना है कि बुधवार दोपहर 2 बजे के बाद वेतन (Salary) मिल जाएगा. फिलहाल, फंड रीलीज कर दिया गया है.

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जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है. सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए सैलरी नहीं है. इस माह की 14 तारीख आज हो गई है और 11 हजार कर्मचारियों और 8 हजार पैंशनर्स को वेतन नहीं मिला है. ड्राइवर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने बताया कि एचआरटीसी के कर्मचारी और पेंशनर्स परेशान हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के पिता जी भी एचआरटीसी में थे, सीएम समझते हैं कि समय पर वेतन न मिले तो क्या परेशानी होती है. एचआरटीसी प्रंबधन वेतन के लिए सरकार के पास जाने को कहता है और सरकार प्रबंधन के पास. समय पर वेतन नहीं आने करीब हमारी मुश्किलें बढ़ीं हैं. इस मामले पर 19 जून को चंबा में बैठक कर आगामी रणनीति तय की जाएगी. एचआरटीसी के ड्राइवर बालकृष्ण बोले-बीते कुछ समय से तय तारीख पर वेतन नहीं मिल रहा है और घर चलाना मुश्किल हो गया है.

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सीएम के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने पूरे मामले पर कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. पूर्व सरकार ने भारी भरकम वित्तीय बोझ डाला है. 75 हजार करोड़ का कर्ज है और 11 हजार करोड़ की देनदारियां हैं. कर्ज लेने की सीमा में भी कटौती की गई है. जल्द ही कर्मचारियों को वेतन दिया जाएगा.

एमडी बोले वेतन रिलीज किया

उधर MD HRTC संदीप कुमार का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि वेतन रीलीज कर दिया गया है और करीब 2 बजे तक कर्मचारियों को सैलरी का मैसेज आ जाएगा. उन्होंने बताया कि देर शाम को सरकार की तरफ से सैलरी रिलीज कर दी गई थी. हालांकि, पूरे मुद्दे पर भाजपा ने भी कांग्रेस सरकार को घेरा है. भाजपा के राष्ट्रीय आईटी सैल के प्रभारी मालविया ने पूरे मसले पर ट्ववीट किया है.

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ओवरड्राफ्ट बना कारण

दरअसल, हिमाचल प्रदेश सरकार 1000 करोड़ रुपये के ओवरड्राफ्ट पर चल रही है. सरकार का खाता जीरो है, लेकिन लेन-देन की वजह से बैंक की तरफ से सरकार को 1 हजार करोड़ रुपये दिया गया था. यानी 0 बैलेंस पर सरकार को बैंक की तरफ से पहले ही 1 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं. अब सरकार का खाता खाली है. सरकार की तरफ से 8 करोड़ रुपये का लोन लिया गया है. लेकिन वह खाते में अभी आया नहीं है.

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