FPI Inflow विदेशी निवेशकों की ओर से शेयर की खरीदारी का ट्रेंड जारी है। जुलाई 2023 में अभी तक इन्होंने 30600 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि विदेशी निवेशक जल्द ही अपने पैसों को निकाल भी सकते हैं। आइए जानते हैं कि विदेशी निवेशक का भारतीय बाजार की तरफ रुझान किस वजह से बढ़ रहा है? (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। FPI Data: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई महीने में अभी 30,600 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस से साफ समझ में आता है कि एफपीआई का झुकाव अभी भी भारतीय शेयर बाजार की तरफ है. भारतीय शेयर बाजार को लेकर विदेशी निवेशकों का सकारात्मक रुख बना हुआ है। देश की आर्थिक वृद्धि और कॉर्पोरेट इनकम की वजह से इनका झुकाव भाारतीय बाजार की तरफ है।
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अगर इस तरह एफपीआई का निवेश जारी रहा तो जुलाई में एफपीआई द्वारा निवेश मई और जून में दर्ज आंकड़ों को पार कर जाएगा। आपको बता दें कि एफपीआई ने मई में 43,838 करोड़ रुपये और जून में 47,148 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
डिपॉजिटरीज के आंकड़े
डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई ने इस साल अब तक इक्विटी बाजार में निवेश 1.07 लाख करोड़ रुपये तक का निवेश किया है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई का निवेश काफी उज्ज्वल और व्यापक बना हुआ है।
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एफपीआई के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशक मार्च से लगातार भारतीय शेयर खरीद रहे हैं। इस महीने 14 जुलाई तक 30,660 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस आंकड़े में स्टॉक एक्सचेंजों के निवेश के अलावा, थोक सौदों और प्राथमिक बाजार के माध्यम से भी निवेश शामिल है।
राइट रिसर्च के संस्थापक सोनम श्रीवास्तव ने कहा
एफपीआई द्वारा लगातार खरीदारी के लिए देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि, मजबूत कॉर्पोरेट आय और अन्य बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर के मूल्यांकन जैसे कई कारक शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय विनिर्माण और मजबूत बैंकिंग सेक्टर भी मजबूत भूमिका निभाते दिख रहा है।
इन सेक्टरों में विदेशी निवेशक कर रहे निवेश?
एफपीआई वित्तीय, ऑटोमोबाइल, पूंजीगत सामान, रियल्टी और एफएमसीजी में निवेश करना जारी रखते हैं। इन सेक्टर के शेयर के खरीदारी के बाद स्टॉक की कीमतों में बढ़ोतरी में योगदान दिया है। पिछले कारोबारी हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। समीक्षाधीन अवधि के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बााजर के अलावा भारतीय ऋण बाजार में 1,076 करोड़ रुपये डाले।